लाफ्टर का चौक्का…खुशदीप

पति ने पत्नी से कहा-
देखो एक महान लेखक ने क्या शानदार लिखा है- पति को भी घर के मामले में बोलने का हक़ होना चाहिए…

पत्नी-
वो भी बेचारा देखो लिख ही पाया, बोल नहीं सका…


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एक बार रजनीकांत ने चेक काटा…

अगले दिन बैंक बाउंस हो गया….

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अल्कोहलिक फिल्में…

बंटी और बाटली


रम दे बसंती


सोडा अकबर


जब वी टुन्न


सब ने पिला दी थोड़ी

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एक बार मक्खन और ढक्कन टुन्न होने के बाद किसी को टक्कर मार कर भाग गए…जिसे टक्कर लगी उसने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी…पुलिस ने टक्कर लगने वाले से दोनों का हुलिया पूछा…जिस तरह का हुलिया बताया गया, पुलिस ने उसी के आधार पर आठ-दस लोगों को पकड़ कर शिनाख्त परेड के लिए बुला लिया…इनमें मक्खन और ढक्कन भी शामिल थे…शिनाख्त मजिस्ट्रेट के सामने हो रही थी…टक्कर जिसे लगी थी उसके सामने जब सब खड़े हो गए तो मजिस्ट्रेट ने कहा…पहचानो कौन था…ये सुनते ही मक्खन-ढक्कन जिसे टक्कर लगी थी उसकी तरफ़ इशारा करते हुए बोले- यही था…

Khushdeep Sehgal
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राजीव तनेजा

हा…हा…हा…
मजेदार

ताऊ रामपुरिया

जरा सतीश सक्सेना जी की बात पर ध्यान दिया जाये.:)

रामराम.

Alokita Gupta
14 years ago

very funny

दिगम्बर नासवा

हा हा ये तो छक्के से भी आगे निकल गये …

Anjana Dayal de Prewitt (Gudia)

too good, hahaaahaaa!!!

ASHOK BAJAJ
14 years ago

बहुत बढ़िया !!

-सर्जना शर्मा-

खुशदीप जी आपके पत्नी भय पर एक बात मुझे भी याद आयी , कपिल अपने मित्र सुनील के घर गया .बातों बातों में बात तानाशाहों पर शुरू हो गयी । कपिल ने कहा यार दुनिया के तीन सबसे ज़ालिम तानाशाहों के नाम बताओ । सुनील बोला — हिटलर , चंगेज़ खां औऱ फिर अपनी पत्नी की तरफ देख कर बोला तीसरे का नाम फिर कभी अकेले में बताऊंगा

Unknown
14 years ago

🙂

डॉ टी एस दराल

आपने शुरुआत की , बढ़िया है । जानते हैं यदि घर की कामवाली बाई अचानक छुट्टी मार जाए तो गाज़ किस पर गिरती है ?

Geetashree
14 years ago

आज एक दोस्त ने भेजा..दारु की वजह से बरबाद शराबी ने कसम ली और घर से दारु की खाली बोतलें फेंकने लगा. पहला फेंक के बोला-तेरी वजह से मेरी नौकरी गई. दूसरी फेंक कर बोला-तेरी वजह से मेरा घर बिका. तीसरी फेंक के बोला-तेरी वजह से बीवी चली गई। चौथी उठाई तो वो भरी हुई निकली.बोला-तू साइड में हो जा, इसमें तेरा कोई कसूर नहीं ….हा हा हा…

समय चक्र
14 years ago

आखिर बेचारे फंस गए न … मख्खन ढक्कन …. हा हा

vandana gupta
14 years ago

हा हा हा।

आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (9/12/2010) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा।
http://charchamanch.blogspot.com

shikha varshney
14 years ago

🙂 🙂

दीपक बाबा

हा हा हा

राम राम जी

निर्मला कपिला

हा हा हा । आज बहुत दिनो बाद एक हल्की फुल्की मजेदार पोस्ट आयी है। मगर देर से देख पाई। बस ऐसे ही खुशियाँ मुस्कुराहटें बाँटते रहो। आशीर्वाद।

naresh singh
14 years ago

अगले छक्के का इन्तजार है | चौके में तो मजा आग्या |

अन्तर सोहिल

हा-हा-हा
जबरदस्त चौका
मक्खन-ढक्कन ने आखिर शिनाख्त कर ही दी 🙂
प्रणाम

अजित गुप्ता का कोना

खुशदीप भाई आप भी लिख ही पा रहे हो, बोल नहीं सकते।

Satish Saxena
14 years ago

यह तो अपना हाल लिख दिया भैया !लिख ही पाते हैं वह भी दिखाते नहीं….
🙁
तुम बचाने आओगे क्या ?

ब्लॉ.ललित शर्मा

वाह खुशदीप भाई
मक्खन और ढक्कन सा ईमानदार आदमी कहीं देखने नहीं मिला।
जो शिनाख्त खुद ही कर दे। हा हा हा

राम राम

प्रवीण पाण्डेय

वाह, सुबह सुबह तबीयत हरी हो गयी।

Shah Nawaz
14 years ago

🙂 🙂 🙂

संजय भास्‍कर

क्या बात है भास्कर खुश हुआ

Sunil Kumar
14 years ago

बहुत बढ़िया..

विवेक रस्तोगी

हा हा बहुत बढ़िया, मक्खन और ढक्कन के किस्से अच्छे लगे।

Udan Tashtari
14 years ago

हा हा!!

मख्खन ढक्कन कित्ते सीधे हैं. 🙂

शिवम् मिश्रा

वाह सब के सब एक से बड़ कर एक !
जय हिंद !!

राज भाटिय़ा

मस्त जी सभी धन्यवाद

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