राज जी ने राज़ न रहने दिया…खुशदीप

शुरू करूं इससे पहले ज़रा ये एड देख लीजिए…

अब आप भी मान लीजिए, कोई सस्पेंस थ्रिलर फिल्म देखने गए हैं…फिल्म में एक हत्या को लेकर छह-सात लोगों पर शक जाता है कि इन्हीं में से किसी ने हत्या की होगी…फिल्म में बिल्कुल आखिर में जाकर पता चलता है कि ख़ूनी कौन था…लेकिन अभी फिल्म शुरू भी नहीं हुई कि आपकी साथ वाली सीट पर बैठा शख्स आपको ये बता दे कि फिल्म में आखिर में ख़ूनी कौन निकलेगा…तो आप पर क्या बीतेगी.. फिल्म का सस्पेंस तो गया भाड़ में आपका तीन घंटे हॉल में बैठना ही भारी हो जाएगा…लेकिन उसके बाद भी कोई फिल्म पूरी देखता है तो उसके धैर्य को दाद दी जानी चाहिए…

इस एड में लड़के को वो राज भाटिया जी मानिए जो आज से बारह-पंद्रह साल पहले दिखते होंगे…राज जी दिल से, विचारों से आज भी पूरे जवान हैं…जर्मनी से रोहतक आकर जिस तरह से उन्होंने ब्लॉगरों की खातिरदारी की थी, वो मैं कभी नहीं भूल सकता…कल मैं अपनी पोस्ट पर कुछ फोटो डालकर बड़ा तुर्रम खां बन रहा था…लेकिन मेरी बेबसी देखिए, इधर पोस्ट डाली नहीं कि राज जी ने तड़ से कमेंट जड़ कर सारा राज़ खोल दिया…

अजी यह कुदरत का कोई करिश्मा नही…इंसान का करिश्मा हे, यह बच्चे मार्जीपेन ( बादाम के आटे) से बने हैं, और यहां बिकते हैं…वैसे तो मार्जीपेन खाने मे बहुत स्वादिष्ट होता हैं, लेकिन मुझे नही लगता कि लोग इन आकृतियो को खाते हो…वैसे इन्हें क्रिसमस के त्योहारों पर सजाने के लिये काम मे लाते हैं,या फ़िर अन्य धार्मिक मौकों पर…

राज़ खुल गया तो खुल गया…अब आगे स्पोर्ट्समैनशिप दिखाते हुए मुझे पोस्ट तो लिखनी ही होगी…राज जी ने बस एक चीज़ नहीं बताई,वो मैं आपको बता देता हूं कि इसमें बादाम के आटे के साथ अंडे के व्हाइट का भी इस्तेमाल किया जाता है…इन दोनों के मिश्रण से ही मार्जीपेन बनता है…मार्जीपेन से बने ये कुकीज़ किस कमबख्त का खाने का जी करता होगा, वही सोच कर हैरान हूं…अब इस फोटो में देखिए कि मार्जीपेन से कैसे बच्चों को ढाला जा रहा है…

स्लॉग ओवर

1975 में सुपरमैन, स्पाइडरमैन और बैटमैन तीनों भारत के ऊपर से उड़ रहे थे…अचानक तीनों की मौत हो गई, क्यों भला…
….

….

न बाबा न, हर एक चीज़ का जवाब रजनीकांत नहीं होता…तो फिर…

याद नहीं गब्बर ने शोले में तीन गोलियां हवा में चलाई थीं…

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राजीव तनेजा

🙂

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

वाह!
क्या बात है!

rashmi ravija
14 years ago

🙂

प्रवीण पाण्डेय

गब्बर की गोलियाँ बेकार नहीं जाती हैं।

vandana gupta
14 years ago

बहुत खूब्।

Dr. Zakir Ali Rajnish
14 years ago

पर राज को राज तो रहने ही देना चाहिए था।

———
भगवान के अवतारों से बचिए!
क्‍या सचिन को भारत रत्‍न मिलना चाहिए?

राज भाटिय़ा

खुशदीप जी माफ़ी चाहुंगा, इस राज को खोलने के लिये, मुझे नही पता था कि यह राज हे…. बाकी अगली बार आया तो मार्जिपान की मिठाई जरुर लाऊंगा, यह बहुत स्वाद होती हे, मै तो जब भी इस का पकेट खोल लेता हुं तो एक एक कर के सारी खत्म कर देता हुं, बिलकुल खोये का स्वाद आता हे, ओर अंडे का जो हिस्सा इस मे पडता हे वो भी खराब नही होता, ओर यह मार्जिपान सस्ता भी नही होता, लेकिन सेहत के लिये बहुत अच्छा होता हे,तो अगली बार आप सब जो जो मिलेगे उन के लिये मार्जिपान जरुर लाऊगां, धन्यवाद

Sawai Singh Rajpurohit
14 years ago

वाह कमल है

बहुत ही सुंदर
**********

"सुगना फाऊंडेशन जोधपुर" "हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम" "ब्लॉग की ख़बरें" और"आज का आगरा" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को " "भगवान महावीर जयन्ति"" की बहुत बहुत शुभकामनाये !

सवाई सिंह राजपुरोहित

Sawai Singh Rajpurohit
14 years ago

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

निर्मला कपिला

बस दो दिन और फिर आती हूँ धूम धडाके से इस बार घर के बच्चे नेट के बच्चों पर हावी हो गये हैं। दो दिन के बादनशन का अवसर नही दूँगी। ये मत समझना कि मनमोहन सिंह की तरह डर ी हूँ वैसे मनमोहन तो मेरे पति का नाम भी है इसलिये मेरे दरने का तो सवाल ही नही। हा हा हा। शुभकामनायें।

शिवम् मिश्रा

देख लीजिये खुशदीप भाई … अब केवल मिडिया ही नहीं जनता भी बहुत कुछ जानती है …
स्लोग ओवर मस्त रहा …!
जय हिंद !

Atul Shrivastava
14 years ago

शुभकामनाएं आपको….

Unknown
14 years ago

ye to sab ke apne apne raj hai….

jai baba banaras….

डा० अमर कुमार


अर्ररेरेरेरे.. आपने पूछा उन्होंने बता दिया, आपको उन्हें अर्ली बर्ड प्राइज़ देना चाहिये !

सञ्जय झा
14 years ago

jai ho slogover ki……….

pranam.

अजित गुप्ता का कोना

आपका ईमेल आई डी आपके ब्‍लाग पर नहीं है। कृपया दें, तभी तो मैं दिल्‍ली आने की सूचना आपके दे पाऊँगी।

अजित गुप्ता का कोना

आपका ईमेल आई डी आपके ब्‍लाग पर नहीं है। कृपया दें, तभी तो मैं दिल्‍ली आने की सूचना आपके दे पाऊँगी।

अजित गुप्ता का कोना

इसीलिए तो कहते हैं कि गोली हवा में भी ना चलाओ, किसी न किसी को मार डालेगी।

डॉ टी एस दराल

खुशदीप भाई , कमेन्ट मोडरेट करना चाहिए था ।
वैसे पता तो लगाइए इन्हें खाने वाले कोली कौन हैं ।

Satish Saxena
14 years ago

राज भाटिया से सावधान ….

Smart Indian
14 years ago

राज ने नाराज़ किया राज़ का राज़ खोलकर?

honesty project democracy

बस इतना ही कहूँगा की हैवानों की इस बदहाल बस्ती में इंसान बने रहना आज सबसे बरी चुनौती है…

Rakesh Kumar
14 years ago

देते हैं भगवान को धोखा इंसा को कहाँ छोडेंगें.

दरंदिगी की कोई हद नहीं,जब असली को ही खा जाएँ तो नकली की क्या बात है.

आपको पता था आपकी पोल खुलेगी खुशदीप भाई,लेकिन इस बहाने आपने राज भाटिया जी के बारे में कुछ बताया यह अच्छा लगा.

Sushil Bakliwal
14 years ago

सजावट में ही काम आते होंगे ।

Udan Tashtari
14 years ago

जाने कैसे खाते होंगे….

मगर गब्बर ने ठीक नहीं किया. 🙂

अविनाश वाचस्पति

आंख बंद करके खाते होंगे
खाते खाते चिल्‍लाते होंगे
जो चिल्‍लाते होंगे वे तो
समझ भी न आते होंगे


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