मैं चला विदेश…खुशदीप

आप भी कहेंगे, ये बैठे बिठाए मुझे क्या सूझा…ये भारत-भारत रटते मैं विदेश का मुरीद कैसे हो गया…भई, अब क्या करूं…गुरुदेव समीरलाल जी समीर, राज भाटिया जी, अदा जी, कविता जी, अर्चना जी, शिखा वार्ष्णेय जी, अल्पना वर्मा जी, श्रद्धा जैन जी, दीपक मशाल सभी विदेश में ही तो है…आखिर कोई तो विदेश में सेट करा ही देगा…लेकिन अब भईया जाएं तो जाएं कैसे…पासपोर्ट तो भूले-बिसरे कई साल पहले बनवा लिया था…लेकिन वीज़ा कैसे बने…ये अमेरिका, कनाडा, यूके, जर्मनी वाले इतनी आसानी से वीज़ा कोई देते हैं…

फिर क्या करूं…बड़ा सोचा, बड़े हाथ पैर मारे…फिर जाकर ठीक जगह पहुंच गया…अब लगता है मेरी समस्या हल हो जाएगी…आप सब भी जानना चाहते हैं विदेश जाने के लिए वीज़ा बनवाने का रामबाण नुस्खा…लीजिए अब ज़्यादा नहीं घुमाता, देखिए वीज़ा वाले बाबा का चमत्कार…

अमेरिका जाने की चाहत रखने वालों के लिए खास हिदायत-

कृपया H1N1 के लिए एप्लाई नहीं करें,इसके लिए पास के अस्पताल के स्वाइन फ्लू वार्ड में आवेदन करें…

( डिस्क्लेमर : पूरी पोस्ट निर्मल हास्य, मैं भारत में ही भला हूं, विदेश जाने का हाथ की रेखाओं में कोई योग नहीं लगता)

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Coolnittian
13 years ago

i like it 🙂

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