मैं कोई झूठ बोल्या…खुशदीप

युवराज की किसानी…

राहुल गांधी आठ किसानों के साथ प्रधानमंत्री से मिले…भट्टा पारसौल के किसानों का दर्द बताया…राहुल के साथ प्रधानमंत्री के निवास, ७ रेसकोर्स रोड गए किसानों ने कभी सपने में भी न सोचा होगा, प्रधानमंत्री कभी अपने घर में उनसे रू-ब-रू होंगे…होते क्यों न…युवराज जो उनके साथ आए थे…

लोकि कहदें ऐणू …राहुल का किसानों के लिए दर्द
मैं कहदां…सियासत की खेती…
मैं कोई झूठ बोल्या…
मैं कोई कूफ्र घोल्या…
कोई न, भई कोई न, भई कोई न…

बंगाल पर ममता…

ममता बनर्जी दिल्ली आकर सोनिया गांधी से मिलीं…प्रधानमंत्री से मिलीं…ज़ाहिर है सारे मुद्दों पर बात हुई होगी…बंगाल में कांग्रेस से कौन-कौन मंत्रिमंडल में शामिल होगा…दिल्ली में ममता की जगह तृणमूल कांग्रेस से कौन रेल मंत्री बनेगा…रेल मंत्री के अलावा भी क्या तृणमूल कोटे से कोई और कैबिनेट मंत्री बनेगा…लेकिन ममता ने पत्रकारों के एक सवाल का जवाब नहीं दिया…सवाल था पेट्रोल की कीमत बढ़ने पर ममता की प्रतिक्रिया…यही ममता थीं जिन्होंने बंगाल में चुनाव से पहले पेट्रो दामों में बढ़ोतरी को मज़बूती से वीटो कर दिया था…

लोकि कहदें ऐणू …बंगाल के लिए ममता
मैं कहदां… प्रांतीयता को सलाम
मैं कोई झूठ बोल्या…
मैं कोई कूफ्र घोल्या…
कोई न भई कोई न, भई कोई न…

स़ड़क पर बीजेपी…

बीजेपी ने पेट्रोल कीमतों की बढ़ोतरी के खिलाफ दिल्ली में प्रदर्शन किया…जगह जगह जाम किया…वाह री बीजेपी…जिन लोगों से हमदर्दी दिखाने के लिए प्रदर्शन किया, उन्हीं का जीना बेहाल कर दिया…सब ज़रूरी काम छोड़कर लोगों को कड़क धूप में घंटों परेशान देखा गया…क्या अन्ना हजारे जैसा विरोध का तरीका नहीं अपना सकते…जो कुछ हो जंतर मंतर जैसी ही किसी जगह पर हो…न लोगों को परेशानी और रंग भी आए चोखा…लेकिन अन्ना हजारे जैसे आमरण अनशन पर बैठने वाला नेता कहां से लाए बीजेपी…

लोकि कहदें ऐणू…विरोध की राजनीति
मैं कहदां…घड़ियाली आंसू
मैं कोई झूठ बोल्या,
मैं कोई कूफ़्र घोल्या….
कोई न भई कोई न भई कोई न…

जयललिता की ताजपोशी…

जयललिता ने बड़े समारोह में चौथी बार तमिलनाडु की मुख्यमंत्री की शपथ ली…समारोह में तालियां बजाने के लिए नरेंद्र मोदी, चंद्रबाबू नायडू, ए बी बर्धन, अजित सिंह जैसे नेता भी जुटे…लेकिन जयललिता के दिमाग में दिल्ली घूम रही थी…आखिर सोनिया ने खुद फोन पर बधाई दी…अगले हफ्ते जयललिता दिल्ली आएंगी…पूरी कोशिश करेंगी करुणानिधि की डीएमके का केंद्र से भी पूरी तरह पत्ता कटाने की…फिर तो कांग्रेस का हाथ थामने में ही समझदारी है…ललिता जी ठीक कहती हैं…

लोकि कहदें  एणू …शिष्टाचार का तकाजा
मैं कहंदा…मौकापरस्ती का बाजा…
मैं कोई झूठ बोल्या…
मैं कोई कूफ्र घोल्या…
कोई न भई कोई न भई कोई न…

लेफ्ट की ठसक

बंगाल जैसे गढ़ से भी लेफ्ट का सफाया हो गया…दिल्ली में लेफ्ट की बैठक में फिर भी दावा किया गया लेफ्ट में अब भी बहुत जान है…अपने घर की फ़िक्र छोड़ कर्नाटक के हालात पर ज़्यादा दुख जताया…कहा येदियुरप्पा को फौरन बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए…सीपीएम के दिल्ली में बैठने वाले तुर्कों शुक्र मनाओ अच्युतानंदन ने केरल में हार के बावजूद यूडीएफ को कड़ी टक्कर दी…वरना आप ने बेचारे अच्युतानंदन का चुनाव से पहले ही बोरिया बिस्तर बांधने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी…

लोकि कहंदे ऐणू…लेफ्ट का हौसला
मैं कहदां…रस्सी जल गई पर बल नहीं गया…
मैं कोई झूठ बोल्या…
मैं कोई कूफ़्र घोल्या…
कोई न भई कोई न भई कोई न…


अब ये गाना भी सुन लीजिए…

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निर्मला कपिला

बई कोई ना बई कोई ना — दायान हाथ बेकार हो गया आजकल इस लिये नही आ रही— बाये से इतना ही— सुखी रहो–

Apanatva
13 years ago

( 100 naye paise sach me vo maza nahee )

SOLAH AANE SACH .

LEKHAN SHAILEE MAZEDAR .

वाणी गीत
13 years ago

देख तमाशा राजनीति का …
यह युग राजनैतिक बेशर्मी का स्वर्ण युग कहलायेगा …

सत्ता का स्वाद चखते ही आम आदमी की समस्या गयी भाड़ में …ममता दीदी अपने राज्य में टैक्स कम क्र घटा भी दे पेट्रोल की कीमतें , दूसरे राज्यों से उन्हें मतलब क्या , जब उन राज्यों के मुखियाओं को ही मतलब नहीं !

राज भाटिय़ा

मैं कोई झूठ बोल्या…
मैं कोई कूफ्र घोल्या…
कोई न, भई कोई न, भई कोई न…

अजय कुमार झा

एकदम से पूरा का पूरा धो डाला खुशदीप भाई …जारी रखिए इस तेवर को

Raj K
13 years ago

This is a politics on the ashes of farmers :
This event remind me some scenes from the novel "Spartcus" by Haward Fast, that still conditions and animal mentality of the rulers is same after thousands of the years…
And now all political groups are trying to get the political advantage of the situation, not for the benefit of public, but for self…
उपन्यास आदिविद्रोही (Spartacus) के कुछ उध्दरण

प्रवीण पाण्डेय

सबको बधाई, जनता के हाथ बस सफाई।

Rahul Singh
13 years ago

छोटी-छोटी बात और मिर्च-मसाला.

Gyan Darpan
13 years ago

बढ़िया लगा आज का ये अंदाज !

दिनेशराय द्विवेदी

बहुत सुंदर सटीक टिप्पणियाँ हैं।

SANJEEV SINGHAL
13 years ago

कविता के माध्यम से आज के नेता पर किया गया प्रहार पध्कर बहुत अच्हा लगा, वाकइ काफ़ि मेहनत कि हे आपने

मुकेश कुमार सिन्हा

:)…wah re rajniti…

Ruchika Sharma
13 years ago

सबको आईना दिखा दिया आपने…सही है

anshumala
13 years ago

युवराज को महाराष्ट्र के जैतापुर के किसान और लोग क्यों नहीं दिखाई दे रहे है

ममता को कल मनमोहन सिंह के पैर छूने की क्या जरुरत पड़ गई

आन्दोलन करने वाली बीजेपी ने खुद ही टोल टैक्स बढ़ा कर बाकि कसर भी पूरी कर दी

जया जानती है की केंद्र की सरकार को उनके सांसदों की जगह करूणानिधि के सांसद ज्यादा स्थिर रख सकते है और केंद्र भी ये जानती है, मोदी और लेफ्ट को बुलावा तो बस केंद्र को ये समझाने के लिए होगा की समर्थन भले न ले सहयोग बनाये रखे आखिर कई केस उनके ऊपर भी चल रहे है |

ले दे कर लेक्ट के पास उसकी अकड ही बची है अब उसे भी छोड़ देंगे तो लेफ्ट के नाम पर बचेगा ही क्या |

anshumala
13 years ago

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

डॉ टी एस दराल

हा हा हा ! गीतकार , संगीतकार जी –बिलकुल नहीं झुठ बोल्या !
राजनीति पर पैनी नज़र । बहुत खूब ।

Shah Nawaz
13 years ago

ha ha ha… Ji bilkul sach….. 🙂

Satish Saxena
13 years ago

अजी बिलकुल झूठ नहीं बोल्यां खुशदीप भाई …
गज़ब का सामयिक लेख , यह सिर्फ खुशदीप ही लिख सकते हैं ! शुभकामनायें !!

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