September 13, 2009 9:26 PM
खुशदीप जी, आपको अपनी आइकन सूची की समीक्षा समय समय पर करते रहना चाहिये, इसमें परिवर्तन होते रहेंगे, और होते रहना भी चाहिये ।
अपने लेखन शैली, अपने आग्रहों को साथ लेकर चलने वाले, और अपनी खुँदक को जीने वाले भी अपनी अपनी जगह पर आइकन ही हैं ।
इस प्रकार की समीक्षा सर्वग्राह्य ही हो, यह आवश्यक भी नहीं.. व्यर्थ ही इससे सहमति या असहमति जताना , अपनी नित बदलती चेतना के साथ खिलवाड़ होगा ।
भाई मेरे, ( बतर्ज़ स्व. मुकेश जी ) मुझे तुमसे कुछ भी न चाहिये.. मुझे आइकन बनने से रोक लो.. बस तुम रोक लो ।
जहाँ कुछ गलत दिखता है, मैं इंगित अवश्य कर देता हूँ । यह मेरा व्यक्तिदोष है । यही मैं अपने लिये भी चाहता हूँ ।
यह तो हर कोई मानेगा कि, भले ही एक अपरिचित मनुष्य गड्ढे में पैर डालने जा रहा हो.. आप हठात ही उसे रोक लेते हैं, क्यों ?
तो.. यह तय रहा कि, ” मुझे तुमसे कुछ भी न चाहिये.. मुझे आइकन बनने से रोक लो.. बस तुम रोक लो ” पर आप अमल करने जा रहे हैं ।
असीम शुभकामनायें !
इसे अब बदल देना चाहिए…
अमर मरे नहीं, अमर कभी मरते नहीं…
September 16, 2009 2:25 AM
आपने आइकन बनाया तो बुरा मान गये
सोच क्या है ये बताया तो बुरा मान गये
गोया..
खुद ही इशारा भी किया औ’ खुद ही सहारा भी दिया
जो कदम एक नया किसी ने बढ़ाया तो बुरा मान गये
ये इटैलिक में टिप्पणी करने का डॉक्टर साहब का विशिष्ट अंदाज जिस पोस्ट पर भी मेहरबानी कर देता था वो पोस्ट ही खास हो जाती थी…मैं एक कोशिश कर रहा हूं डॉक्टर साहब की जितनी भी मेरी पोस्टों पर टिप्पणियां आई हैं, उन सभी का संग्रह करूं…इसी तरह हो सके तो आप भी ये कोशिश कीजिए और फिर सब को जमा कर अमर संकलन बनाया जाए…इस पुनीत आत्मा को ब्लॉग जगत की ओर से श्रद्धांजलि देने का वो सही तरीका रहेगा…आप सब की इस बारे में क्या राय है…
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मन स्तब्ध भी है और दुखी भी।
मन उदास है। उनकी याद सदा बनी रहेगी।
डाक्टर अमर कुमार के निधन का समाचार पढ़कर दुखी हूँ …ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करें … विनम्र श्रद्धांजलि ….
unki smriti ko naman aur bhaavbhari shraddhanjali !
विनम्र श्रद्धांजलि
डॉ. अमर कुमार जी को विनम्र श्रद्धांजली ।
सचमुच ,अमर कभी मरते नहीं…
दुखद…
ब्लॉग जगत में आने से पहले मैं स्वयं को बड़ा धांसू लिक्खाड़ और रोचक व ग्राह्य भाषा का जानकार मानता था और अपने आप में मस्त रहता था परन्तु यहाँ आ कर जब कथन,शिल्प, भाषा, शब्द और विवेकपूर्ण लेखन के श्लाका पुरूष डॉ अमर कुमार जैसे लोगों को बांचा तो सारा पानी भाप हो गया …डॉ अमर कुमार का विछोह असह्य है . उनसे मिलने का सौभग्य मुझे कभी नहीं मिला, लेकिन मैं जिस व्यक्ति से एक बार मिलने का प्रबल इच्छुक था उसके असामयिक निधन से दुखी हूँ …
खुशदीपजी ! आपका आभार इस संग्रहणीय पोस्ट के लिए..
विनम्र श्रद्धांजलि !
डॉ.अमर कुमार जी को विनम्र श्रद्धांजलि.
विनम्र श्रद्धांजलि!
बेहद दुखद … हमारी श्रद्धांजलि …भगवान् डा. अमर कुमार के परिवार को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें …
अत्यन्त दुखद।
परमपिता परमात्मा मृतात्मा को शान्ति तथा उनके शोकाकुल परिवार को सहनशक्ति प्रदान करें।
डॉ.अमर कुमार जी को विनम्र श्रद्धांजलि!
व्यक्तिगत तौर पर मेरे लिए बेहद कष्टदायक खबर !
कल जब डॉ दराल ने बताया था तब आँखों में आंसू छलक उठे थे इस ईमानदार और बेहद विद्वान् ब्लोगर के लिए, जिनसे मैं कभी नहीं मिल पाया !
दादा अमर समय से पहले, बहुत जल्दी चले गए , उनके बारे में कुछ पहले भी लिखा था जो उनके चरणों में समर्पित कर रहा हूँ !
http://satish-saxena.blogspot.com/2010/08/blog-post_30.html
http://satish-saxena.blogspot.com/2010/12/blog-post_22.html
वे बहुत अच्छे थे….
लगता है कोई अपना हमें छोड़ कर चला गया है, मगर वे हिंदी ब्लॉग जगत में अपने निशान छोड़ गए हैं जो अमर रहेंगे !
डॉक्टर साहब को विनम्र श्रद्धांजलि.
कुच कहने की स्थिति ही नहीं है. एक जगह खाली हो गयी, न भरने के लिये.
कल अलबेला खत्री जी के ब्लॉग पर यह हृदयविदारक समाचार पढ़कर मेरे मन को गहरा आघात पहुँचा।
—
डॉ.अमर कुमार जी को अपनी भावभीनी श्रद्धांजलि समर्पित करता हूँ!
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
अत्यंत ही हृदय विदारक खबर है, बहुत मुश्किल है इस पर यकिन करना. परंतु इस जगह आकर इंसान के हाथ कुछ नही होता.
डाक्टर साहब का स्थान हिंदी ब्लागिंग मे खाली ही रहेगा, वो निर्भीक और निष्पक्ष अंदाज किसी और के वश की बात नही है. आज ये हिंदी ब्लाग जगत की अपूर्णीय क्षति है.
डाक्टर साहब ही अकेले एक ऐसे इंसान थे जिन्हे पूरा ब्लागजगत एक स्वस्थ समालोचक की दॄष्टि से देखता था और हर ब्लागर अपनी पोस्ट पर उनकी टिप्पणी का इंतजार करता था.
उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि, ईश्वर उनके परिवार को यह दारूण दुख सहन करने की क्षमता प्रदान करें.
रामराम.
हतप्रभ कर देने वाली खबर थी….उन्हें मेरी अश्रुपूरित श्रद्धांजलि
कुछ अरसे से डॉ अमर के साथ एक अटूट रिश्ता सा बन गया था . अचानक बस यादें रह गई हैं .
उनके जैसा न कोई ब्लोगर था , न होगा . सबके दिलों में बस गए थे अपनी साहसिक और फ्रेंक टिप्पणियों से .
उनके परिवार के साथ साथ पूरे ब्लॉग जगत के लिए अपूरणीय क्षति है उनका जाना .
ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दे , यही प्रार्थना है .
लगभग एक वर्ष पुरानी पोस्ट पर मोडरेशन लगाया था क्योंकि व्यर्थ विवाद हो रहा था उस पर, अमर जी उस पोस्ट पर टिप्पणी की थी, कुछ दिनों पहले सेटिंग चेंज की तब उनकी टिप्पणी पढ़ी , उन्हें जवाब भी दिया , मगर तब वे अस्पताल में थे !
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे और परिजनों को दुःख सहन करने की ताकत दें !
अत्यंत दुखद समाचार है. ब्लॉग जगत को एक बहुत बड़ा नुक्सान हुआ है… खुदा उनके परिजनों और मित्रों को इस मुश्किल घडी से निपटने की ताकत दे…
अमर वाकई अमर हैं, हमारे दिलों में… अपने ब्लॉग पर… अनेकों लेखों पर अपनी सशक्त टिप्पणियों के माध्यम से…
कभी कभी ईश्वर के कुछ निर्णय हमें हैरान कर देते है …स्तब्ध हूँ…
ek behad khara vyaktitva chala gaya, jiski hame jaroorat thi..
डॉक्टर साहब को विनम्र श्रद्धांजलि.
जिंदगी एक सफर है सुहाना
यहाँ कल क्या हो किसने जाना.
प्रभु परम शान्ति प्रदान करे दिवंगत आत्मा को.
डॉ. अमर को बहुत नहीं जनता लेकिन कुछ ब्लोगों पर उनकी टिप्पणी जरुर पढी है… वाकई एक अपूर्णीय क्षति है उनका जाना… विनम्र श्रधांजलि
बेहद दुखद … हमारी हार्दिक श्रद्धांजलि !! भगवान् डा0 अमर कुमार के परिवार को इस दारुण दुःख को सहने की शक्ति प्रदान करें … ॐ शांति शांति शांति …
शब्द नही है मेरे पास! हिन्दी ब्लागजगत मे डा अमर कुमार के जाने से एक रिक्तता उत्पन्न हो गयी है।
स्तब्ध हूँ! उन्हें विनम्र श्रद्धाजंलि!
बहुत अच्छे इंसान को खो देना बहुत दुखदायी है।
कैसे-कैसे लोग रुख़सत कारवां से हो गये
कुछ फ़रिश्ते चल रहे थे जैसे इंसानों के साथ।
खुशदीप भाई, सोच ही नहीं पा रहा हूँ कि क्या कहा जाए। जब से खबर मिली है स्तब्ध और दुखी हूँ। डाक्टर अमर हमें असमय छोड़ गए।
उन की कमी हिन्दी ब्लाग जगत में भरा नहीं जा सकता।