महिला असल में चाहती क्या है…खुशदीप

महिला असल में चाहती क्या है…इस सवाल का जवाब क्या है…महिला दिवस से पहले एक बहुत खूबसूरत मेल मुझे मिला है…जिसे आप सबसे शेयर करना चाहता हूं…बस मैं इतना कर रहा हूं कि सुविधा के लिए पात्रों का भारतीयकरण कर रहा हूं…

बरसों पहले एक रियासत का युवा राजा सुदर्शन भटक कर दूसरी रियासत में पहुंच गया…उस रियासत का राजा चक्रधर बड़ा क्रूर था…उसने सुदर्शन को बंधक बना लिया…चाहता तो चक्रधर वहीं सुदर्शन को मार कर उसकी रियासत पर कब्जा जमा सकता था…लेकिन चक्रधर को सुदर्शन की युवावस्था और चेहरे पर तेज देखकर दया आ गई…चक्रधर ने सुदर्शन के लिए पेशकश रखी कि वो उसकी जान बख्शने के साथ उसके राजपाट पर भी कब्जा नहीं करेगा…लेकिन उसे एक बेहद मुश्किल सवाल का जवाब देना होगा…चक्रधऱ ने सुदर्शन को अपनी रियासत लौट कर एक साल तक जवाब ढूंढने की मोहलत भी दी….साथ ही आगाह भी कर दिया कि अगर वो सही जवाब न ढूंढ सका तो उसकी मौत निश्चित है…

सवाल था…महिला असल में चाहती क्या है…

जानकार से जानकार आदमी के लिए भी इस सवाल का सटीक जवाब देना आसान नहीं…फिर सुदर्शन जैसे युवा राजा के लिए तो ये और भी मुश्किल था…लेकिन सवाल का जवाब ढूंढने का विकल्प मौत से तो अच्छा ही था…सुदर्शन ने चक्रधर की पेशकश को कबूल कर लिया…सुदर्शन रियासत लौट कर हर किसी से इस सवाल का जवाब पूछने लगा…मंत्रियों समेत कुशाग्र से कुशाग्र लोग भी ऐसा माकूल जवाब नहीं दे पाए जो सुदर्शन को संतुष्ट कर सकता…फिर कुछ सयाने लोगों ने सुदर्शन को सलाह दी कि रियासत में रहने वाली टोने-टोटके के लिए बदनाम एक अधेड़ महिला से संपर्क करे…वो ज़रूर जवाब जानती होगी…लेकिन इसके लिए वो बहुत मोटी कीमत ज़रूर वसूल करेगी..

सुदर्शन को जवाब का इंतज़ार करते-करते एक साल बीतने को आ गया…जब महज़ एक दिन बाकी रह गया तो सुदर्शन को लगा कि अब अधेड़ महिला से जवाब पूछने के सिवा और कोई चारा नहीं रह गया…अधेड़ महिला सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हो गई…लेकिन उसने पहले सुदर्शन से अपनी एक मांग पूरी करने का आश्वासन देने के लिए कहा…सुदर्शन ने मांग पूछी तो अधेड़ महिला ने कहा कि वो सुदर्शन के सबसे प्रिय दोस्त और मंत्री यशराज से शादी करना चाहती है…यशराज सुदर्शन के मंत्रिमंडल में सबसे बुद्धिमान, बलशाली, वफ़ादार और ओजस्वी मंत्री था…ये सुनते ही सुदर्शन ने कहा…नहीं ये नहीं हो सकता…मैं अपनी जान बचाने के लिए अपने दोस्त की तुम जैसी बदसूरत और अधेड़ महिला से शादी नहीं करा सकता…

य़शराज को इस बात का पता चला तो वो फौरन दौड़ कर सुदर्शन के पास आया…आते ही बोला…रियासत के राजा की जान के आगे कोई भी बलिदान बड़ा नहीं हो सकता…यशराज के बड़ा मनाने के बाद सुदर्शन अधेड़ महिला की शर्त मानने के लिए तैयार हुआ…यशराज के साथ शादी का ऐलान होने के बाद ही अधेड़ महिला सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हुई…

सवाल…एक महिला असल में चाहती क्या है…

जवाब…महिला चाहती है कि वो अपनी जिंदगी अपने हिसाब से जिए…

जिसने भी ये जवाब सुना, उसे लगा कि इस सच्चाई को कोई काट नहीं सकता…रियासत में हर कोई खुशी मनाने लगा कि अब उनके राजा सुदर्शन की जान बच जाएगी…हुआ भी ऐसा ही…चक्रधर ने भी ये जवाब सुना तो बड़ा प्रभावित हुआ…उसने सुदर्शन की जान बख्शने के साथ अपनी शर्त से भी मुक्त कर दिया…इसके बाद अधेड़ महिला की मांग पूरी करने की बारी आई…यशराज और अधेड़ महिला की शादी भी धूमधाम से संपन्न हो गई…सुहागरात का वक्त भी आ गया…यशराज काफी टाइम दोस्तों के बीच बिताने के बाद अनमने ढंग से अपने कमरे में पहुंचा…यही सोचकर कि बदसूरत अधेड़ पत्नी इंतज़ार में बैठी होगी…

लेकिन कमरे में दाखिल होते ही ये क्या…यशराज को अपनी आंखों पर विश्वास ही नहीं हुआ…पलंग पर जो बैठी हुई थी उससे ज़्यादा खूबसूरत चेहरा उसने पूरी ज़िंदगी में पहले कभी नहीं देखा था…हैरान यशराज ने महिला से पूछा कि ये चमत्कार कैसे हुआ…जवाब मिला…क्योंकि उसने बदसूरत और अधेड़ महिला से शादी के प्रस्ताव को भी मान लिया, इसलिए वो उससे बहुत प्रभावित हुई…और अब फैसला किया है कि वो दिन के 24 घंटों में से आधा वक्त खूबसूरत युवा और आधे वक्त बदसूरत अधेड़ रहेगी…उसने साथ ही यशराज से कहा कि अब तुम ये तय कर लो कि मुझे दिन में कैसा रहना है और रात को कैसा…

यशराज सोचने लगा…अगर ये दिन में खूबसूरत रहे तो सब जानने वालों के सामने सिर उठा के चल सकूंगा…लेकिन रात को मुझे फिर बदसूरत पत्नी के साथ ही दांपत्य जीवन निभाना होगा…तो फिर क्या दिन में सबके सामने पत्नी बदसूरत ही रहे जिससे रात को मुझे खूबसूरत जीवनसाथी का साथ मिले…यशराज ने बहुत सोच-समझ कर जवाब दिया….
….

….

….
यशराज ने जो विकल्प चुना वो ये था कि उसने पत्नी पर ही छोड़ दिया कि वो खुद ही ये तय करे कि कब खूबसूरत रहना है और कब बदसूरत…ये सुनते ही पत्नी ने जवाब दिया…मैंने अब हर वक्त खूबसूरत रहने का फैसला किया है…वो इसलिए क्योंकि तुमने मुझे वो सम्मान दिया है कि मैं अपना जीवन अपने हिसाब से जी सकूं…


आखिर में मेरी पसंद का ये गाना…

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)