मक्खन को ऑक्टोपस बना देता…खुशदीप

कल की पोस्ट में मैंने एक कहानी सुनाई थी…और आपसे गेस लगाने के लिए कहा था कि बताइए मक्खन को क्या इनाम मिला…

सबसे पहले संगीता पुरी जी का सही जवाब मिला…

लिफाफे में उसकी नौकरी समाप्‍त किए जाने के आदेश होंगे… वह ड्यूटी के समय में सो जो रहा था !!

खैर ये तो कहानी थी, लेकिन संगीता जी का तो मैं वैसे भी मुरीद हूं…उनके ज्योतिष ने कई बार ऐसी भविष्यवाणी कीं जो बिल्कुल सटीक बैठीं…संगीता जी से मेरा एक व्यक्तिगत अनुरोध भी है कि ज़रा पता तो लगाइए कि मेरे नाम के साथ लगा दीप भाग्य के मामले में कब चमकेगा…

संगीता जी के बाद गुरुदेव समीर लाल जी समीर, राज भाटिया जी, भाई शिवम मिश्रा, वाणी गीत जी, भाई राजीव तनेजा और अवधिया जी ने सही पहचाना, मक्खन को एक महीने की तनख्वाह देकर काम से छुट्टी कर दी गई…मक्खन को मिले लिफ़ाफ़े में एक महीने की तनख्वाह और साथ में ये चिट्टी थी कि आज से काम पर आने की ज़रूरत नहीं है…

ये तो खैर सेठ का नज़रिया था…ऐसे ही कोई उसने इतना बड़ा बिज़नेस एम्पायर खड़ा कर लिया था…लेकिन मैं सेठ की जगह होता तो मक्खन के नाम पर ही एक बिज़नेस और शुरू कर देता…ड्रीम्स फॉर फारच्यून…जर्मनी वाले पॉल ऑक्टोपस बाबा की तरह मक्खन के कारनामे को खूब प्रचारित करता और सपनों के आधार पर लोगों के सवालों का जवाब देने की फर्म खोल लेता…आखिर सेठ लोगों का तो काम ही यही होता है जहां मुनाफ़ा दिखने की संभावना हो, मौका न छोड़ो…

स्लॉग ओवर

पाकिस्तान और भारत का क्रिकेट मैच चल रहा था…

पाकिस्तान बैटिंग कर रहा था और उसे जीतने के लिए सिर्फ एक रन चाहिए था और आठ ओवर बाकी थे…पाकिस्तान के सिर्फ पांच विकेट ही गिरे थे…

लेकिन पवेलियन में बैठा पाकिस्तान का कप्तान फ़िक्र से पसीने-पसीने हुआ जा रहा था…

सोच रहा था…

….

या खुदा खैर कर…अवार्ड फंक्शन में अब इंग्लिश बोलनी पड़ेगी…

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