मक्खन इज़ बैक…खुशदीप​

हिंदी ब्लागिंग  में इन दिनों मुझे खालीपन और  भारीपन  दोनों ही महसूस  हो रहा है…खालीपन  इसलिए  कि  मेरे  पसंद  के कुछ ब्लागरों ​ने लिखना बहुत  कम  कर  दिया है…और भारीपन  किसलिए…ये बताने  की  ज़रूरत  नहीं..कुछ  पोस्ट  पढ़  कर  आप  खुद  ही  महसूस  कर  सकते हैं…खैर ​छोड़िए, सब की अपनी सोच है और सबको अपने हिसाब  से लिखने की स्वतंत्रता है…​यहां तो कभी  माहौल  को  लाइट  करने  की कोशिश  की  जाए  तो उसमें भी कहां से  कहां की बात जोड़  कर  टंटा खड़ा करने  की  कोशिश  की  जाती है…चलिए  जब  वो अपनी राह  नहीं  छोड़  सकते  तो हम  क्यों पीछे  हटें….इसलिए  आज  मक्खन  इज़  बैक…

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डॉक्टर  मक्खन  से…​
​​आई  एम  सॉरी,  तुम्हारी  पत्नी  मक्खनी  अब  दो  दिन  की  ही मेहमान  है…​
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​मक्खन…​
​​आप क्यों परेशान  होते हैं…
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मेरा  क्या है  जहां  बीस  साल  निकाल  दिए,  वहां ये दो दिन भी जैसे-तैसे कट जाएंगे…

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मक्खन  का  मक्खनी  से  झगड़ा  हो  गया…​
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​मक्खन  गुस्से  में  घर  से  बाहर  जाने लगा…​
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​मक्खनी  ने  पूछा….अब  जा  कहां रहे  हो…​
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​मक्खन…मरने  जा  रहा  हूं…​
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​मक्खनी  ने  कहा…एक  मिनट  ठहरो…​
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​मक्खनी ने  मक्खन  को डेयरी मिल्क चाकलेट  लाकर दी और  बोली…
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कोई  भी शुभ काम  करने  से  पहले  कुछ  मीठा  खा  लेना  चाहिए…काम अच्छा  होता  है…


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गुल्ली स्कूल  से  खुशी खुशी  घर  आया…​

आते  ही  मक्खन से बोला…​
डैडी जी,  डैडी  जी…कल  से आप  की  सारी  फ़िक्र  दूर  हो  जाएगी…​
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मक्खन…
क्यों भई,  कल  कौन सा अलादीन  का चिराग   हाथ  लग  जाएगा,  जो हमारी  कड़की  दूर  कर  देगा…​
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गुल्ली…
ओ,  नहीं  डैडी  जी…
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मेरी मैथ्स टीचर  ने  कहा  है कि कल  वो  पैसों  को रुपयों में बदलना सिखाएगी…​
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मक्खन  पर  बिजली  का  तार  गिर  गया…​

मक्खन  तड़प  तड़प  कर  मरने  लगा…​

एक  मिनट  बाद  उसे  कुछ  याद  आया  और  वो  सीधा खड़ा  होकर  कपड़े  झाड़ता  हुआ  बोला…​
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साल्या ने खामख्वाह तरा कड देता, दो दिना दी ते पूरे शहर  विच बत्ती ही नहीं आंदी  पई…​ 
​​(सालों ने खामख्वाह डरा दिया, दो दिन से तो पूरे शहर में  बिजली ही नहीं आ रही…)

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अजित गुप्ता का कोना

मक्‍खन आ गया और हम भी आ गए।

सत्य गौतम

मख्खन की अपनी औकात नहीं है.
डबल रोटी यहां है नहीं.

थोड़ा गरीबों का भी ख्याल रखना थ न ?

अजय कुमार झा

आयं ….कौन कौन आउट आफ़ सिलेबस हैं जी खुशदीप भाई । देखिए हम तो खुदे दु तीन महीना के एबसेंटी के बाद परजेंट सीरीमान हुए हैं …लेकिन अब जब लौटे हैं तो बहुत जल्दी ही पटरी पर ऊ रेलगाडी दौडाएंगे कि बस..। मक्खनवा को …रेभाईटल का जूस भोर साम पिलाइए ..बीच बीच में अलोवेरा फ़ेंट के । मक्खनवा कमाल है , हमेशा से ही । बताया जाए के के है और जो अबसेंटी चल रहा है किलास से फ़ौरन व्हिप जारी करते हैं …

Pallavi saxena
13 years ago

हा हा हा सही है …समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://mhare-anubhav.blogspot.co.uk/

डॉ टी एस दराल

मक्खन इज बैक . लेकिन खुशदीप भाई सारे धुरंधर कवि , लेखक और गुरु ब्लोगर्स यहाँ बैक दिखाकर पुस्तक में मूंह छिपाए हुए हैं . 🙂

समय चक्र
13 years ago

मक्खन इज़ बैक … हा हा पढ़कर आनंद आ गया ….

Satish Saxena
13 years ago

मख्खन कमाल की चीज है खुशदीप भाई …
इसकी नीलामी करो , वारे न्यारे हो जायेंगे !

रचना
13 years ago

haa haa

Shah Nawaz
13 years ago

🙂 mast hai ji…. Kash gaye bloggers bhi itni masti ke saath hi wapas aa jaen.

अनूप शुक्ल

jaise makkhan vapas aaye vaise blogger bhee vapas aa jaayenge 🙂

Aameen. 🙂

Khushdeep Sehgal
13 years ago

@Rachanaji

To sharpen your memory it is inspired from column of my all-time favourite Khushwant Singh. Jokes are always get copied or inspired from somewhere and get circulated very fast with so many communication tools in this net-age …

Jai Hind…

रचना
13 years ago

गुल्ली…
ओ, नहीं डैडी जी…
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मेरी मैथ्स टीचर ने कहा है कि कल वो पैसों को रुपयों में बदलना सिखाएगी…​

this is copied khushdeep
i read it in todays news paper !!!!!!!!!!!!

कुमार राधारमण

ध्यान रखिएगा ताकि मक्खन-मक्खनी को कुछ होने न पाए.दोनों की बड़ी दरक़ार है ब्लॉगिंग को.

प्रवीण पाण्डेय

चलिये, लोगों को लिखने के लिये उकसाया जाये।

Smart Indian
13 years ago

उधर फ़त्तू की वापसी हुई इधर मक्खन की। खालीपन और भारीपन की असलियत तो सबको पता ही है।

डॉ टी एस दराल

हा हा हा ! आखिरी वाला तो कमाल का है ।
कुछ दिन से हम भी नहीं हँसे थे । शुक्रिया ।

dr.mahendrag
13 years ago

खूब कही,मखन मखनी का सिल्सिल्स चलता रहे तो ही अच्छा है

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)

अभी सबको खबर कर के आ रहा हूँ कि मक्खन लौट आया है… पार्टी……………हुर्रे……..

Ayaz ahmad
13 years ago

बढ़िया फ़ैसला.

देवेन्द्र पाण्डेय

मक्खन का ना कर ले कोई हाईजैक ! 🙂

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