ब्लॉगिंग, लाइफ़ और कूड़े के ट्रक का क़ानून…खुशदीप

एक दिन एक सज्जन ने एयरपोर्ट जाने के लिए टैक्सी ली…टैक्सी ड्राइवर कुशल प्रोफेशनल की तरह सारे नियमों का पालन करते हुए टैक्सी चला रहा था…अचानक साइड की पार्किंग लेन से एक कार निकल कर सामने आ गई…टैक्सी ड्राइवर ने पलक झपकते ही ब्रेक दबाए…कुछ इंचों से ही टैक्सी उस कार से भिड़ने से रह गई… कार चलाने वाले शख्स ने फौरन खिड़की से मुंह निकाल कर टैक्सी ड्राइवर को उलटा सीधा कहना शुरू कर दिया…टैक्सी ड्राइवर ने ये देखकर हल्की सी मुस्कान के साथ उस शख्स को वेव किया…

टैक्सी में जो सज्जन बैठे थे, उन्हें ये बड़ा अजीब लगा…फिर सोचा टैक्सी ड्राइवर कार चलाने वाले उस शख्स को पहले से जानता होगा..तब भी सज्जन से रहा नहीं गया…आखिरकार उन्होंने पूछ ही लिया…तुमने ऐसा बर्ताव क्यों किया…इस शख्स ने तुम्हारी कार का हुलिया बिगाड़ कर हम दोनों को अस्पताल भेजने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी…

इसके बाद उस टैक्सी ड्राइवर ने जो जवाब दिया, उसे उन हाईक्वालीफाइड सज्जन ने पूरी ज़िंदगी के लिए गांठ बांध लिया…बांध क्या लिया, उसे कूड़े के ट्रक का नियम नाम दे दिया…

दरअसल टैक्सी ड्राइवर ने कहा था…कई लोग कूड़े के ट्रक की तरह होते हैं…वो अपने में हताशा, निराशा, क्रोध, गाली-गलौज का कूड़ा साथ ले कर चलते हैं…जब ये कूड़ा उनके अंदर लबालब हो जाता है तो ये उसे बाहर गिराना शुरू कर देते हैं…कभी आप भी इन कूड़े के ट्रकों का निशाना बन सकते हैं…उनके इस कृत्य को आप व्यक्तिगत तौर पर न लें…बस एक प्यारी सी स्माइल दे, उनके  अच्छे होने के लिए विश करें और अपने काम पर आगे बढ़ जाएं…दूसरे के फेंके कूड़े को अपने पास रखने की भूल न करें…न ही उसे काम की जगह, घर और सड़क-गलियों पर दूसरे लोगों में फैलाएं…

निष्कर्ष…ज़िंदगी को सही मायने में जीने और खुश रहने के लिए ज़रूरी है कि दूसरे के फेंके कूड़े से अपना दिन बर्बाद मत होने दें…ज़िंदगी में दस प्रतिशत वो होता है जो आपको मिला है, नब्बे प्रतिशत वो होता है, जिस तरीके से आप खुद ज़िंदगी को लेते हैं….तो आज से अपने हर दिन को कूड़ा-मुक्त रखें, प्रसन्न रहें…फिर देखिए ज़िंदगी आनंदम् ही आनंदम्


(based on e-mail )

सवाल…क्या ब्लॉगिंग में भी कूड़े के ट्रक के नियम को अपना कर नहीं चलना चाहिए…
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Wife’s nose biter Husband

Khushdeep Sehgal
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अजित गुप्ता का कोना

तभी तो कहते हैं कि अनावश्‍
यक दूसरों का कूड़ा हम ढोते रहते हैं और प्रतिदिन यही पोस्‍ट लिखते रहते हैं कि उस राजनेता ने यह कहा और उसने यह कहा। आपस में कडवाहट और पाल लेते हैं। हम सामाजिक लोग हैं, समाज को कैसे मधुर बनाए, यदि इसी बात पर पोस्‍ट लिखें तो ब्‍लाग जगत तो कम से कम खुशनुमा हो जाएंगा। यहाँ सुगन्‍ध ही सुगन्‍ध रहेगी।

Rohit Singh
13 years ago

दिवाली मुबारक हो …. दिवाली की रोशिनी आपकी जिंदगी और आपके परिवार के जीवन को रोशन करती रहे …

vandana gupta
13 years ago

बहुत सुन्दर सीख्………………ब्लोगिंग मे ऐसा होने लगे तो बात ही क्या हो……………दीपावली पर्व अवसर पर आपको और आपके परिवारजनों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं

Unknown
13 years ago

आनंदम् ही आनंदम्…

jai baba banaras……

ब्लॉ.ललित शर्मा

भाई अपने पास तो कूड़ा करकट का प्रोडक्शन ही नहीं होता। अगर कोई कूड़ा डाले तो कांजी हाऊस जरुर पहुंचा देते हैं।

दीवाली पर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ|

मीनाक्षी

इस नियम का पालन तो जीवन के हर क्षेत्र में करना चाहिए… बहुत अच्छा सन्देश देती पोस्ट… दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ …

संगीता पुरी

तो आज से अपने हर दिन को कूड़ा-मुक्त रखें, प्रसन्न रहें…फिर देखिए ज़िंदगी आनंदम् ही आनंदम्…
..दीपावली की शुभकामनाएं !!

निर्मला कपिला

बिलकुल सही कहा। ब्लागिन्ग मे भी यही समझ कर चलना चाहिये। आपको सपरिवार दिवाली की हार्दिक बधाई।

Taarkeshwar Giri
13 years ago

दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

विवेक रस्तोगी

कूड़े पर महत्वपूर्ण पोस्ट

दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ ।

डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)

आपको दीपावली की बहुत बहुत शुभकामनायें….

प्रवीण पाण्डेय

औरों के कूड़े से बच कर रहें और अपने कूड़े को ठीक स्थान पर गिरायें।

वाणी गीत
13 years ago

साधारण से उदाहरण ने कह दी गंभीर बात …
तेरा तुझको अर्पण , मुंह पर नहीं तो मन में कह दें@ !

Atul Shrivastava
13 years ago

बेहतरीन सीख।
आभार…………..
आपको और आपके परिवार को दीप पर्व की शुभकामनाएं….

anshumala
13 years ago

अच्छी सीख दी ! दूसरे के कूड़े ( जो हमें पसंद नहीं है ) से तो ब्लॉग में हम बड़ी आसानी से बच जाते है उस ब्लॉग से बिदा लेकर पर अपने अंदर के कूड़े का क्या करे दूसरो पर फेक भी नहीं सकते और अंदर पैदा होने से रोक भी नहीं सकते तो उसका करे क्या | शायद जवाब होगा कुछ सकरात्मक ? जो अंदर सकारात्मकता होती तो कूड़ा पैदा ही क्यों होता ? तो कोई अन्य सरल उपाय हो तो बताये |

संगीता स्वरुप ( गीत )

प्रेरक प्रसंग .

दीपावली की हार्दिक शुभकामनायें

Sushil Bakliwal
13 years ago

बढिया सन्देश. आनन्दम्… आनन्दम्…

दीपपर्व की हार्दिक शुभकामनाएँ…

Satish Saxena
13 years ago

यह प्रेरक है …..
दीपावली की शुभकामनाएं स्वीकार करें!

shikha varshney
13 years ago

सार्थक पोस्ट.
आप और आपके परिवार को दिवाली की ढेरों शुभकामनायें.

देवेन्द्र पाण्डेय

यह उपदेश सर आँखों पर धरा जाय और मस्त रहा जाय।

डॉ टी एस दराल

बहुत सही कहा है ।
अपने अन्दर का कूड़ा करकट तो अवश्य निकालना चाहिए लेकिन उसे दूसरों पर नहीं फेंकना चाहिए ।
क्यों न इस दिवाली पर यही किया जाये ।

दिनेशराय द्विवेदी

बिलकुल सही है।

राजीव तनेजा

सीख देती बढ़िया पोस्ट

कविता रावत

बहुत ही सार्थक प्रस्तुति के साथ बढ़िया निष्कर्ष पढाने के लिए धन्यवाद
दीपावली की हार्दिक शुभकामना

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