ब्लॉगिंग उड़ान भरने के लिए तैयार…खुशदीप

.

थिंक  पाज़िटिव…बी पाज़िटिव…​  

ब्लॉगिंग  उड़ान  भरने के लिए  तैयार…

जी हां…हिंदी ब्लॉगिंग  शीघ्र  ही विश्व में उस  मकाम  को प्राप्त  कर लेगी जिसके लिए ये पिछले एक दशक (?) से प्रयासरत  है…बस कान्फिडेंस  होना चाहिए…इसके  लिए  ‘गुरमुख आफ फगवाड़ा‘ को रोल माडल बनाया जा सकता है…आप कहेंगे भाई ये गुरमुख कौन ?…​

इनका आज  ही मैंने परिचय जाना…खुशवंत  सिंह के साप्ताहिक कालम ‘With malice towards one and all’ में दिल्ली के परमजीत सिंह कोचर के सौजन्य से…आप भी मुलाहिज़ा फ़रमाइए…​

राष्ट्रपति ओबामा ओवल आफिस  में गहन  चिंतन मुद्रा में बैठे हैं…ये सोचते हुए  कि अब अकारण  किस  देश  पर हमला करना है…तभी उनके फोन  की रिंग बजती है…’‘हेलो, मिस्टर ओबामा” …दूसरी तरफ  से मोटी सी आवाज़  आती है…”दिस  इज़  गुरमुख  फ्राम  फग़वाड़ा, डिस्ट्रिक्ट  कपूरथला, पंजाब …मैंने फोन ये जानकारी देने के लिए किया है कि हम आधिकारिक तौर पर अमेरिका के ख़िलाफ़  जंग  शुरू करने जा रहे हैं”…​
​​
”वेल  गुरमुख”...ओबामा ने जवाब  दिया…”ये तो वाकई  अहम  खबर है..तुम्हारी फौज  कितनी बड़ी है”…​


”अभी इस  वक्त”...गुरमुख  ने कुछ  हिसाब  लगाते हुए  कहा…’‘मैं, मेरा चचेरा परा सुखदेव, मेरा पड़ोसी भगत और हमारी कब्बडी टीम…कुल मिलाकर हम आठ हैं”…​


ओबामा ने कुछ रूक कर कहा…”हूं…गुरमुख,  क्या मैं बता सकता हूं कि मेरे दस लाख  सैनिक  किसी भी वक्त  मेरी कमांड  पर मूवमेंट के लिए तैयार हैं”…​


ओह, हो…मैं क्या जी”..गुरमुख  कुछ  सोचते हुए…‘मैं बाद  में काल करता हूं”…​


अगले दिन ओबामा को फिर गुरमुख की काल…’‘मिस्टर  ओबामा, इट इज़  गुरमुख…मैं फगवाड़ा  के  एसटीडी बूथ  से काल  कर  रहा हूं…जंग  जारी है…हमने कुछ इन्फैंट्री इक्विपमेंट्स  इकट्ठा कर  लिए हैं”…​
​​
​ओबामा…’‘इट  सीम्स  इंटरेस्टिंग…गुरमुख   किस   तरह   के  इक्विपमेंट्स  हैं  ये”...
​​
​गुरमुख …”हमारे  पास  दो कंबाइन्स हैं…एक   गधा  और  अमरीक  का  एक ट्रैक्टर”…​

ओबामा ठंडी  सांस  लेते हुए…”गुरमुख,  मैं बताना चाहूंगा कि हमारे  पास  सोलह  हज़ार  टैंक्स,  चौदह   हज़ार  बख्तरबंद  गाड़ियां  है…और   हमारे  पिछली  बार   बात   करने  के  बाद  से   हमारी  सेना  भी  बढ़कर   पंद्रह   लाख   हो  चुकी है”…​


‘ओ    तेरी”.…गुरमुख  के मुंह  से ये निकला…साथ   ही उस ने  फिर  फोन  करने  की  बात   कही…​
अगले  दिन  गुरमुख   का  फिर  फोन…’‘मिस्टर  ओबामा….हमारी  तरफ़  से जंग  अब  भी  जारी है…हम  इस  बीच  में खुद  को एयरबार्न  करने  में कामयाब  हुए  है…हमने  अमरीक   के ट्रैक्टर  पर  दो शाटगन्स लगाने के अलावा  कुछ  पर  भी  लगा  दिए  है…साथ  ही पिंड  का जेनेरेटर  भी  फिट  कर  दिया  है…मालपुर  के चार  स्कूल  पास  लड़के  भी  हमसे  आ   जुड़े  हैं”...​


ओबामा  ने  एक   मिनट  चुप  रहने  के बाद  गला साफ़   करते हुए  कहा…’‘आई  मस्ट  ​टेल   यू,  गुरमुख ,  मेरे  पास   दस  हज़ार  बाम्बर्स  हैं…बीस  हज़ार  फाइटर्स  प्लेन  हैं…हमारा  मिलिट्री  काम्पलेक्स  चारों ओर  से  लेज़र  गाइडेड  सरफेस  टू  एयर  मिसाइल्स  साइट   से घिरा  है…और  अब  तक  हमारे सैनिक  भी  बीस  लाख  हो चुके हैं”...


”तेरा  भला  होए …ओ”...गुरमुख   ने  कहा…”मैं फिर  फोन  करता  हूं”…​


अगले दिन  गुरमुख का  फोन…”किदां (कैसे हो) मिस्टर  ओबामा….मुझे खेद  के साथ  बताना पड़  रहा है कि हमने जंग  खत्म करने का फैसला किया है”…​


ओबामा…”ये अचानक दिल  बदलने का कारण”…


गुरमुख…’‘वेल…हम  सबने आपस में लस्सी सेशन  में काफ़ी  देर  तक  बात  की…और  फिर  इस  नतीजे  पर  पहुंचे कि फिलहाल हमारे पास  बीस  लाख  युद्धबंदियों को खिलाने-ठहराने का बंदोबस्त नहीं है”…​


इसे कहते है पंजाबी  कान्फिडेंस….