बेचारा मर्द…खुशदीप

आज आपको इस माइक्रोपोस्ट से यक़ीन हो जाएगा कि मर्द बेचारे कितने बेचारे होते हैं…

मसलन…

अगर औरत पर हाथ उठाये तो : ज़ालिम

औरत से पिट जाये तो  : बुज़दिल

चुप रहे तो :  बेगैरत

घर से बाहर रहे तो : आवारा

घर में रहे तो : नकारा

बच्चों को डाटें तो : बेरहम

न डाटें तो : लापरवाह

पत्नी को नौकरी से रोके तो : शक्की-मिज़ाज

न रोके तो : पत्नी की कमाई खानेवाला

मां की माने तो : मां दा लाडला

पत्नी की सुने तो : जोरू का गुलाम

न जाने कब आएगा : Happy Mens Day ?

मुझे लगता है कि यहां तक पढ़ने के बाद मर्द डिप्रैशन में आना शुरू हो गए होंगे…

अब उनके डिप्रैशन को दूर करने के लिए परम श्रद्धेय बाबा खुशवंत सिंह जी के कॉलम से आभार लिया स्लॉग ओवर सुनाता हूं…

स्लॉग ओवर

जितने भी वफ़ादार पति होते हैं, मरने के बाद सीधे स्वर्ग में जाते हैं…

और जो पति वफ़ादार नहीं होते यानी नॉटी होते हैं वो…

जीते जी ही स्वर्ग धरती पर ले आते हैं…

(वैधानिक चेतावनी…मर्द अपने जोखिम पर इस स्लॉग ओवर के पालन की सोचें…वैसे बचेंगे तब सोचेंगे न..)

(विशुद्ध हास्य)

Khushdeep Sehgal
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MS Nashtar
3 years ago

आपने अपने इस आर्टिकल में जेंडर के बारे में बहुत अच्छी जानकारी दिया है और बड़े ही प्यार से लिखा भी है. आपको देखकर मैं ब्लॉगिंग शुरू किया है. आपके लेख से प्रभावित होकर मैंने मेल फीमेल से संबंधित एक लेख लिखा है. कृपया मेरे वेबसाइट विजिट करें. कोई कमी हो तो कमेंट करके जरूर बताइएगा.
धन्यवाद.

Manoj K
14 years ago

अक्षरशः सच लिखा आपने.

वन्दना महतो ! (Bandana Mahto)

हे हे हे……नो कमेंट्स.

Unknown
14 years ago

ek sunder atam chintan.

अनुपमा पाठक

inextricable situations well highlighted!!!

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून

मेरा ख़्याल है कि अब पुरूषवादी ब्लागों का ज़माना भी आया ही जानो

बेनामी
बेनामी
14 years ago

आपकी इस सुन्दर रचना की चर्चा
बुधवार के चर्चामंच पर भी लगाई है!

संगीता पुरी

हा हा हा .. दुनिया भर के सारे मर्दों से हमारी सहानुभूति रहनी चाहिए !!

naresh singh
14 years ago

मेरी सहानुभूती बेचारे मर्द नामक जीव के साथ है |

उपेन्द्र नाथ

ओह रे कहाँ ठिकाना मिलेगा बेचारे मर्द को .. सही कही आपने. कौन सा रास्ता सही है सोंचकर मर्द बेचारा परेशान … स्लोग ओवर तगड़ा रन पिटवा गया…..
.
सृजन शिखर पर " हम सबके नाम एक शहीद की कविता "

नीरज गोस्वामी

च च च च च च….बिचारा मर्द…

नीरज

sonal
14 years ago

jabardast…. yuhin muskuraahat baante rahiye

अरुण चन्द्र रॉय

पुरुषों की नियति पर बढ़िया हास्य..

संजय भास्‍कर

आदरणीय खुशदीप जी
नमस्कार !
……………बहुत आनन्‍द आया।

-सर्जना शर्मा-

खुशदीप जी हमारे स्कूल में एक लड़का था स्कूल के साप्ताहिक कल्चरल शो में वो अक्सर एक गाना गया करता था जिसकी कुछ लाइनें मुझें याद हैं ———–

यार मेरी घरवाली ने मुझे मारा ,

चकले से मारा बेलन से मारा ,

तवे से कर गयी मुंह काला ,

ओ यार मेरी घरवाली ने मुझे मारा ।

पेंट भी ले गयी , कमीज़ भी ले गयीं,

पाजामे का निकाल गयी नाड़ा ,

ओ यार मेरी घरवाली ने मुझे मारा ।

सञ्जय झा
14 years ago

bhaijee ee sab batai ke dipression me lai diye huo
ab to bas….happy mens day….ki khabar dena…..
nahi to kal se ek tippni ka nuksan kare lio ……

bap re bap

pranam.

निर्मला कपिला

ये रचना शायद कुछ दिन पहले प[ाढी थी। वाकई बहुत अच्छी खोज है। कितना चिन्तन किया होगा इस पर? हा हा हा ।चलो बेचारे मर्द पर हंसने का एक अवसर तो मिला। आशीर्वाद।

अजित गुप्ता का कोना

खुशदीप जी, आज तो हँसते-हँसते पेट में बल पड़ गए। क्‍या विश्‍लेषण किया है? बहुत आनन्‍द आया।

Udan Tashtari
14 years ago

हा हा! बेचारे मर्द!!

Khushdeep Sehgal
14 years ago

@सतीश भाई,

आप जबसे हमें मिलने लगे,
आपकी सोहबत में.
हम भी निखरने लगे…

जय हिंद…

उस्ताद जी

6/10

संग्रहणीय पोस्ट 🙂
मर्दों के पक्ष में पहली बार कोई इतनी सशक्त पोस्ट देखी

Satish Saxena
14 years ago

वाह वा ..वाह वा …..खुशदीप बाबा

सो मैंने भी आप को पहचान लिया ……

बुजदिल

आवारा

नाकारा

लापरवाह

शक्की दा मिजाज़

माँ दा लाडला और जोरू का गुलाम दोनों आप हो ही …( यह कला सिर्फ आपको आती है )

आगे का तो मुझे भी नहीं मालुम ..?????
🙁

ब्लॉ.ललित शर्मा

सच घटना है,मोहल्ले में बाप-बेटा दोनो दारु पीकर लड़ रहे थे।
किसी बात पर बाप को गुस्सा आ गया। उसने बेटे को दो चार थप्पड़ जड़ दिए। तो बेटे ने बाप से कहा –
राम लाल "मर्द को दर्द नहीं होता" हा हा हा हा

दिनेशराय द्विवेदी

जय हो!

Sushil Bakliwal
14 years ago

जिएं तो जिएं कैसे…?

प्रवीण पाण्डेय

बताइये, अब कोई करे तो क्या करे?

Sunil Kumar
14 years ago

mard ki chintaon se aaap achhi tarah vakif hai
dhanyvad

अविनाश वाचस्पति

आओ खुशदीप जी
खुशवंत जी से
मिलने चलते हैं

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

bahut badddhiya.
🙂 😉 :p

शिवम् मिश्रा

पहले आप अपने बारे में बताओ … फिर हम इस स्लोग ओवर पर अमल करने के विचार के विषय में सोचेंगे !

तब तक हम बेचारे ही सही !

जय हिंद !

राज भाटिय़ा

बेचारा…… खुश दीप जी कही यह पोस्ट हमारे लिये तो नही लिखी, कभी कभी हमे यह सब सुनाने पढते हे,ओर जो वफ़ा दार भी हो ओर नाटी भी हो उन की वल्ले वल्ले जी, राम राम जी

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