कहां गई वो बचपन की अमीरी हमारी,
जब पानी में अपने भी जहाज़ चला करते थे
————————————-
…………………………………………………………………………..
……………………………………………………………………………..
…………………………………………………………………………….
……………………………………………………………………………
सिरहाने मीर के आहिस्ता बोलो,
अभी तक रोते-रोते सो गया है…
-मीर तक़ी मीर
——————————-
स्लॉग ओवर…
डॉक्टर मक्खन से…क्या प्रॉब्लम है…
मक्खन…तबीयत ठीक नहीं है मेरी…
डॉक्टर…शराब पीते हो…
मक्खन…सुबह का वक्त है, डॉक्टर…
………………………………..
………………………………….
………………………………….
इसलिए मेरा छोटा पैग ही बनाना
Latest posts by Khushdeep Sehgal (see all)
- पत्रकार की हत्या का जिम्मेदार सिस्टम? कुक से करप्शन किंग कैसे बना ठेकेदार सुरेश चंद्राकर - January 13, 2025
- ये पाकिस्तान की कैसी कंगाली? शादी में लुटा दिए 50 लाख, वीडियो देखिए - January 12, 2025
- दुनिया के सबसे शक्तिशाली क्रिकेट बोर्ड BCCI के सचिव बने देवाजीत सैकिया - January 12, 2025