पाकिस्तान में पप्पी क्यों ली…खुशदीप

पाकिस्तान में हालात विस्फोटक हैं…तहरीक-ए-तालिबान के हमलों के डर से मुल्क भर में स्कूल और कॉलेज एक हफ्ते के लिए बंद कर दिए गए हैं…दक्षिणी वजीरिस्तान में तालिबान और अल कायदा के आतंकवादियों के खिलाफ पाकिस्तानी सेना ने ऑपरेशन राहत-ए-निजात शुरू किया है…ज़मीन पर मोर्चाबंदी के साथ आसमान से भी लड़ाकू विमानों से जबरदस्त बमबारी की जा रही है…इन हालात में पूरे इलाके से हज़ारों नागरिक पलायन कर सुरक्षित ठिकानों की ओर जा रहे हैं…एक तरफ पाकिस्तान में इतना खून-खराबा…दूसरी और लाहौर यूनिर्सिटी ऑफ मैनेजमेंट साइंसेज़ (LUMS) में किसी और मुद्दे पर ही घमासान छिड़ा हुआ है…ये मुद्दा है एक किस यानि पप्पी का…

दरअसल LUMS की एक सीनियर छात्रा तजवार अवान ने कैम्पस में छात्र-छात्रा के एक जोड़े को किस करते देख लिया था…ये अवान को इतना नागवार गुज़रा कि बस इसके खिलाफ मुहिम ही छेड़ दी…सबसे पहले अवान ने यूनिवर्सिटी के कॉमन ई-मेल अड्रैस पर नैतिकता का लंबा-चौड़ा पाठ पिलाया…अवान ने साथ ही किस के पक्के सबूत (शायद फोटोग्राफ या मोबाइल से लिया गया वीडियो) भी यूनिवर्सिटी प्रशासन को मुहैया करा दिए…यूनिवर्सिटी प्रशासन ने अवान को भरोसा दिलाया है कि जल्द ही छात्र-छात्राओं के लिए कैंपस की आचार-संहिता का ऐलान किया जाएगा…

मैनजमेंट जैसे हाई-प्रोफाइल विषय को पढ़ने वालों को काफी खुले विचारों वाला माना जाता है…लेकिन अवान के ई-मेल ने तो जैसे तूफान मचा दिया है…इस पर इतना बावेला चल रहा है कि ट्विटर्स और ब्लॉग जगत में भी गर्मागर्म बहस छिड़ गई है…यहां भी खेमेबंदी साफ नज़र आने लगी है…पाकिस्तान के ट्विटर्स में काफी मशहूर खावेर सिद्दीकी ने अपने दोस्तों को ट्विटर के माध्यम से संदेश दिया है…हा…हा…हा…तो अब पप्पी लेना भी गुनाह हैअलिसा हैरिस ने अपने संदेश में कहा है कि शुक्र है, मैं पाकिस्तान मे नहीं रहती हूं…एक और छात्र ने कहा है कि जिस किस पर इतना टंटा खड़ा किया जा रहा है वो किस किस न होकर गाल पर बस पैक (होठों का हल्का सा स्पर्श) ही था…इसी मुद्दे पर LUMS के ही छात्र इमरान बलूच ने अपने ब्लॉग में कहा है कि मैं ये सुनकर दुखी हूं कि देश का टॉपमोस्ट संस्थान छात्रों के निजी अधिकारों का दमन करने जा रहा है…सामाजिक तौर पर देखूं तो मेरे ऐसे कई दोस्त हैं जो हाथ मिलाना पसंद नहीं करते…दूसरी ओर कई महिला मित्र हैं जो हाथ मिलाने के साथ गाल पर पैक (क्षणिक किस)देना पसंद करती हैं…ये अपनी-अपनी पसंद और सुविधा का मामला है…किसी को भी ये फरमान जारी करने का अधिकार नहीं होना चाहिए कि क्या गलत है और क्या सही…मैं समझता हूं यूनिवर्सिटी प्रशासन अपने प्रस्तावित फैसले (प्यार के सार्वजनिक इज़हार पर रोक) पर पुनर्विचार करेगा…अन्यथा छात्र संगठनों को इसे चुनौती देने के लिए सभी विकल्पों को आजमाना होगा…

एक और छात्र ने कटाक्ष के लहजे में ई-मेल किया है…मैंने गुनाह किया है…मैंने हफ्ते में दो बार दाढ़ी बनाई…मेरे पौंचे (पैंट का निचला हिस्सा) ऐडियों से बाहर जाते हैं…मुझे गले मे टाई बांधने का शौक है जो इसाइयों के क्रॉस से मेल खाती है…

बहरहाल बहस जारी है और पाकिस्तान में गालों पर एक छोटी सी पप्पी का किस्सा हर ज़ुबान पर है…
 
स्लॉग ओवर
ये पाकिस्तान के उस दौर की बात है जब वहां सैनिक हुकूमत के चलते फौजी अफसरों में भ्रष्टाचार चरम पर था…मुशर्रफ के सर्वेसर्वा रहते नागरिक प्रशासन में भी सेना का पूरा दखल था…इसलिए अफसर भी जमकर चांदी कूट रहे थे…उन्हीं दिनों में पाकिस्तान सरकार के पास अमेरिका से एफ-16 लड़ाकू विमान की बिक्री का प्रस्ताव आया…एफ-16 के गुण-दोषों पर चर्चा के लिए एक दिन मुशर्रफ़ ने जनरलों की बैठक बुलाई…मुशर्रफ ने पाकिस्तान की रक्षा ज़रूरतों पर लेक्चर पिलाना शुरू किया…सारे जनरल थोड़ी देर में ही उकता गए…सबसे कोने में बैठे लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी ने तो ऊंघना शुरू कर दिया….कि अचानक मुशर्रफ की आवाज गूंजी…हां तो जनरल नियाजी आप बताओ एफ-16 खरीदें या नहीं…अपना नाम सुनकर नियाजी की तंद्रा टूटी और तपाक से बोले…सर अगर कार्नर का है तो आंख मूंद कर सौदा कर लो…बाद में अच्छा रिटर्न दे जाएगा…

(दरअसल लेफ्टिनेंट जनरल नियाजी के दिमाग में उस वक्त भी सस्ते से सस्ते में प्रॉपर्टी खरीदने का ख्याल ही उमड़ रहा था…एफ-16 सुनते ही नियाजी को लगा कि किसी प्लॉट का नंबर है, तभी तड़ से मुशर्रफ को एफ-16 खरीदने की सलाह दे डाली…)