पति-पत्नी के रिश्ते का सच…खुशदीप

कल अपनी पोस्ट पर करवा-चौथ के कुछ क्रैकर्स छोड़े थे…अब उसके इफैक्ट को न्यूट्रलाइज़ करना भी ज़रूरी है…चलिए आज पति-पत्नी के रिश्ते का एक सच बता देता हूं…ऐसा सच जिसे आसान से एक प्रयोग से आप भी आज़मा सकते हैं…

अपनी बात को समझाऊं, इससे पहले एक सवाल…

शादी की अंगूठी हमेशा चौथी उंगली (Ring Finger) यानि अनामिका में ही क्यों पहनी जाती है…चीन में इसको बड़े खूबसूरत और तार्किक ढंग से समझाया जाता है…हाथ की हर उंगली का प्रतीक किसी रिश्ते से होता है… जैसे…

अंगूठा या Thumb-  माता-पिता


तर्जनी या Index Finger-  भाई-बहन


मध्यमा या Middle Finger-  खुद की प्रतीक


अनामिका या Ring Finger-  जीवन-साथी (पति या पत्नी)


कनिष्ठा या Little Finger-  बच्चे

चलिए अब उंगलियों के रिश्तों से संबंध को समझ लिया…

अब दिए हुए चित्र के मुताबिक दोनों हाथ की हथेलियों को सामने लाएं और बीच की उंगलियों को मोड़ कर साथ लगाएं, फिर अंगूठों और बाकी तीन-तीन उंगलियों के सिरों को भी आपस में जुड़ने दें…

अब माता-पिता के प्रतीक अंगूठों को अलग करने की कोशिश करें…आसानी से हो जाएंगे क्योंकि माता-पिता पूरी ज़िंदगी आपके साथ नहीं रह सकते…उन्हें कभी न कभी आपको एक दिन छोड़कर जाना ही होगा…

अब दूसरे रिश्ते की बारी…अंगूठों को पहले के तरह ही जोड़ कर इंडेक्स फिंगर या तर्जनियों को अलग कीजिए…ये भी आसानी से अलग हो जाएंगी…यानि भाई-बहन भी साथ नहीं रह सकते…उनके अपने परिवार होंगे, उन्हें अपनी ज़िंदगी जीनी होगी…

अब तर्जनी को फिर जोड़ लीजिए और सबसे छोटी उंगलियों यानि कनिष्ठाओं को अलग करने की कोशिश कीजिए…ये भी खुल जाएंगी…क्योंकि आपके बच्चों को भी एक दिन शादी कर घर बसाने होंगे और वो अपनी ज़िंदगी अपने हिसाब से जीना पसंद करेंगे…

अब छोटी उंगलियों को फिर जोड़ लीजिए…अब अपनी अनामिका यानि रिंग फिंगर (चौथी उंगलियों) को अलग करने की कोशिश कीजिए…

बताइए क्या अलग होती हैं…उन्हें थोड़ा सा भी अलग करने के लिए कितना ज़ोर लगता है…

यही है पति-पत्नी का रिश्ता…
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अब देखिए सिलसिला फिल्म के क्लाईमेक्स से पहले का ये दृश्य…फिल्म में रेखा से प्रेम के बावजूद हालातवश  अमिताभ को जया से शादी करनी पड़ती है…लेकिन शादी के बाद भी रेखा से मिलने का सिलसिला जारी रहता है…फिल्म में रेखा के साथ अमिताभ सिख दोस्त के फंक्शन में मेहमान के नाते जाते हैं…यहां सब पति-पत्नी जोड़ों में गुरु ग्रन्थ साहिब की आरती करते हैं… रेखा के पास बैठे होने के बावजूद पत्नी जया ही अमिताभ के ज़ेहन में घूम रही होती है…यहीं फिल्म में इस्टेब्लिश होता है कि अग्नि के सामने सात फेरे लेकर लिए गए रिश्ते से ऊपर कुछ नहीं हो सकता…अमिताभ जया के पास लौट जाते हैं…