पतियों की साइकोलॉजी…खुशदीप

साइकोलॉजी की क्लास चल रही थी…विदेश से आए प्रोफेसर छात्रों को ऑफ द बीट पढ़ाने में यकीन रखते थे…

प्रोफेसर ने एक बार प्रेक्टीकल के दौरान एक चूहे के सामने एक तरफ रोटी और एक तरफ चूहे की पत्नी (चुहिया ) को रख दिया…चूहा झट से रोटी के टुकड़े की और लपका और कुतर-कुतर खाने लगा…

प्रोफेसर ने दोबारा यही क्रम दोहराया…बस ये बदलाव किया कि इस बार रोटी की जगह ब्रेड रख दी…

चूहे ने फिर ब्रेड की ओर रेस लगाई और मजे से ब्रेड खाने लगा…

तीसरी बार प्रोफेसर ने केक रखा, चूहे मियां फिर सरपट केक की ओर…मूछों पर ताव देते हुए केक की दावत उड़ाने लगे…

इस प्रयोग के बाद प्रोफेसर छात्रों से मुखातिब होते हुए बोले…चूहे के इस व्यवहार से आप क्या समझे…

क्लास में ख़ामोशी छाई रही…

प्रोफेसर…इससे ये साबित होता है कि भूख में बड़ी ताकत होती है…रिश्ते भी पीछे रह जाते हैं…

तभी क्लास में छात्रों की सबसे पिछली कतार से एक बारीक सी आवाज आई…

सर, एक बार चुहिया को भी बदल कर देख लेते…

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
बेनामी
बेनामी
14 years ago

बैक बैंचर्स यूं ही बदनाम हैं 🙂

Udan Tashtari
14 years ago

हा हा!! बहुत सटीक आवाज आई.. 🙂

shikha varshney
14 years ago

हा हा हा …

vandana gupta
14 years ago

हा हा हा……………………बस चुहिया बदलने की देर थी फिर देखते क्या होता।

दीपक बाबा

भाई वाह, दाद दी आज तो………

काफी कुछ कह गए श्रीमान, लोग अर्थ लगते रहे.

निर्मला कपिला

वाह वाह क्या यथार्थ ब्यां किया है। बहुत खूब। कृप्या मेरा ये ब्लाग भी देखें। चिट्ठा जगत भी बन्द है इस लिये ये मेसेज दे रही हूँ।ाशीर्वाद।
http://veeranchalgatha.blogspot.com/

Manish aka Manu Majaal
14 years ago

चूहा भी बदल लेतें तो भी काम चल जाता ..

अजित गुप्ता का कोना

यह क्‍लास दिन में लग रही थी या रात में? हा हा हा हाहा।

Satish Saxena
14 years ago

क्या कहना चाह रहे हो …??????

वाणी गीत
14 years ago

पंच लाइन है आखिरी वाली …एक बार चुहिया को बदल कर देख लेते..तब न पाता चलता पतियों का असली वाला मनोविज्ञान …
(j/k )

Apanatva
14 years ago

are ha suna hai ( man's heart is through stomach. )………..choohe ka bhee lagta hai ye hee haal hai

Apanatva
14 years ago

ha ha ha ha…….

डा० अमर कुमार


अब चूहे भी अपने को पति कहलायेंगे ?
फिर अपने को पति महोदय किसमें लगायेंगे, धुत्त !

डा० अमर कुमार


काश पुरफ़ेसर साहेब चूहों की भाषा भी समझ पाते,
भारतीय चुहिया ने हर बार यही कहा होगा कि तुम खा लो, मुझे भूख नहीं है ।
हो सकता है कि, वह सौतिया डाह के मारे चूहे को इमोशनल ट्रीटमेन्ट दे रही हो ।
अगर यह सच भी हो, तो यह चूहे की पिसाई-का-लोगी हुई, पतियों की बात तो हुई ही नहीं !

राजीव तनेजा

हा…हा…हा…
बहुत ही मजेदार

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x