पतियों की साइकोलॉजी…खुशदीप

साइकोलॉजी की क्लास चल रही थी…विदेश से आए प्रोफेसर छात्रों को ऑफ द बीट पढ़ाने में यकीन रखते थे…

प्रोफेसर ने एक बार प्रेक्टीकल के दौरान एक चूहे के सामने एक तरफ रोटी और एक तरफ चूहे की पत्नी (चुहिया ) को रख दिया…चूहा झट से रोटी के टुकड़े की और लपका और कुतर-कुतर खाने लगा…

प्रोफेसर ने दोबारा यही क्रम दोहराया…बस ये बदलाव किया कि इस बार रोटी की जगह ब्रेड रख दी…

चूहे ने फिर ब्रेड की ओर रेस लगाई और मजे से ब्रेड खाने लगा…

तीसरी बार प्रोफेसर ने केक रखा, चूहे मियां फिर सरपट केक की ओर…मूछों पर ताव देते हुए केक की दावत उड़ाने लगे…

इस प्रयोग के बाद प्रोफेसर छात्रों से मुखातिब होते हुए बोले…चूहे के इस व्यवहार से आप क्या समझे…

क्लास में ख़ामोशी छाई रही…

प्रोफेसर…इससे ये साबित होता है कि भूख में बड़ी ताकत होती है…रिश्ते भी पीछे रह जाते हैं…

तभी क्लास में छात्रों की सबसे पिछली कतार से एक बारीक सी आवाज आई…

सर, एक बार चुहिया को भी बदल कर देख लेते…