धोनी ने चेन्नई सुपरकिंग्स की कमान संभाल ली है…लेकिन जब पूरा देश अन्ना के पीछे था तो मक्खन ने कमाल का काम किया…खोजी पत्रकारिता से कोई वास्ता न होते हुए भी मक्खन ने विकीलीक्स सीक्रेट्स जैसा ही बड़ा तीर मारा है…मक्खन ने पता लगाया है कि 2 अप्रैल से ही साक्षी पतिदेव धोनी से नाराज़ चल रही हैं…अब आप कहेंगे कि धोनी ने फाइनल में कप्तान की पारी खेल कर भारत की नैया पार लगाई…पूरी दुनिया धोनी की जय-जयकार करने लगी तो फिर साक्षी कैप्टन कूल से नाराज़ क्यों…साक्षी का माथा ठनका हुआ है कि पूरे वर्ल्ड कप में धोनी का बल्ला नहीं बोला फिर फाइनल में ऐसा क्या हुआ कि दे घुमा के, दे दनादन करने लगा…पिछले पांच दिन से धोनी सफ़ाई देते देते हार गए हैं लेकिन साक्षी है कि यकीन करने को ही तैयार नहीं…अब आप ही बताइए कि धोनी क्या सफ़ाई दे रहे हैं…
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यकीन मानो डार्लिंग…मेरी इस पारी का पूनम पांडे के प्रपोज़ल से कुछ लेना-देना नहीं था…
(व्यंग्य)
स्लॉग ओवर
मक्खन टुन होकर घर आया…बेटे गुल्ली ने ये देखकर पिता को समझाने की गरज़ से कहा…डैडी ए कि रोज़ रोज़ दा वतीरा (रवैया) पड़या होया वे…छड दे ए दारू-शारू…
मक्खन…ओ काके, पी लैण देया कर…नाल कि लै के जाणा ऐस दुनिया तो…
गुल्ली…जे ऐस तरह ही खांदा-पिंदा रया ना ते तू छड के वी कुछ नहीं जाणा…
(अगर ये पंजाबी समझ नहीं आई तो अनुवाद के लिए कहिएगा)
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एक चोरी के मामले की सूचना :- दीप्ति नवाल जैसी उम्दा अदाकारा और रचनाकार की अनेको कविताएं कुछ बेहया और बेशर्म लोगों ने खुले आम चोरी की हैं। इनमे एक महाकवि चोर शिरोमणी हैं शेखर सुमन । दीप्ति नवाल की यह कविता यहां उनके ब्लाग पर देखिये और इसी कविता को महाकवि चोर शिरोमणी शेखर सुमन ने अपनी बताते हुये वटवृक्ष ब्लाग पर हुबहू छपवाया है और बेशर्मी की हद देखिये कि वहीं पर चोर शिरोमणी शेखर सुमन ने टिप्पणी करके पाठकों और वटवृक्ष ब्लाग मालिकों का आभार माना है. इसी कविता के साथ कवि के रूप में उनका परिचय भी छपा है. इस तरह दूसरों की रचनाओं को उठाकर अपने नाम से छपवाना क्या मानसिक दिवालिये पन और दूसरों को बेवकूफ़ समझने के अलावा क्या है? सजग पाठक जानता है कि किसकी क्या औकात है और रचना कहां से मारी गई है? क्या इस महा चोर कवि की लानत मलामत ब्लाग जगत करेगा? या यूं ही वाहवाही करके और चोरीयां करवाने के लिये उत्साहित करेगा?
यकीन मानो डार्लिंग…मेरी इस पारी का पूनम पांडे के प्रपोज़ल से कुछ लेना-देना नहीं था..
स्लोग ओवर वापस देख अच्छा लगा …
जय हिंद !
पंजाबी इतनी तो समझ आ ही गयी…………… चंगा है जी
वैसे ये पूनम है कहाँ आजकल, बेचारे क्रिकेटरो को पिटवाकर (अपनी घरवाली से ) ही मानेगी
बड़ी खराब बात है,टुन्न होकर भी मक्खन बाज नहीं आता.धोनी के घर में भी घुस कर टुन्न खबर निकाल लाया.ये तो अच्छी बात नहीं खुशदीप भाई,मक्खन की बातों में आ चुस्की ले रहे हो.
वैसे सक्षी का नाराज होना एकदम जायज है….ये धोनी है ही इसी लायक…साक्षी पछता रही होगी की कैसे कैसे के साथ गठबंधन कर लिया….
धोनी बेचारा…दोनों तरफ से गया. 🙂
पंजाबी इत्ती तो समझ आ ही गई. हा हा!!
सही कहा शाहनवाज जी आपने
खुशदीप जी.. कहीं आपको भी तो मलाल नहीं कि.. 🙂
बड़ा सोणा समझदार मुण्डा है… बाप पीता रहेगा तो छोड़कर जाने के लिये बचेगा क्या…
मारे गए गुलफाम……..
वैसे पूनम जी कहाँ हैं…
जे ऐस तरह ही खांदा-पिंदा रया ना ते तू छड के वी कुछ नहीं जाणा…
ha ha ha ! badhiya .
दो पाटन के बीच में…
न खेलता तो मुश्किल था, खेल लिया तो मुश्किल हो गयी।
बुरा फंसाया पूनम ने 🙂
साक्षी का गुस्सा जायज़ है… और अब तो धोनी को भी आ रहा होगा… साला इतनी मेहनत की और हाथ कुछ लगा नहीं… 🙂 🙂 🙂