धोनी से साक्षी नाराज़ ?…खुशदीप

अन्ना हजारे ने साफ़ कर दिया है कि 15 अगस्त तक लोकपाल बिल संसद में पेश नहीं हुआ तो जंतर-मंतर पर फिर देश का मेला लग जाएगा…तब तक इंतज़ार करते हैं कि ऊंट किस करवट बैठता है…चलिए अब थोड़ा ज़ायका बदल लिया जाए…पिछले पांच दिन से ब्लॉगजगत समेत पूरा देश अन्नामयी था…अन्ना के अनशन से पहले पूरा देश क्रिकेट में वर्ल्ड कप की जीत के खुमार में डूबा था…धोनी के धुरंधरों ने कपिल के करामातियों के करिश्मे को दोहरा कर कमाल कर दिखाया था…अब बेचारी क्रिकेट टीम के सम्मान के लिए जगह-जगह समारोह शुरू होते कि 5 अप्रैल से पूरा देश अन्ना के पीछे हो लिया…अब अन्ना का उपवास टूटने के बाद मीडिया का रुख फिर क्रिकेट यानि आईपीएल के तमाशे की ओर मुड़ा है…

धोनी ने चेन्नई सुपरकिंग्स की कमान संभाल ली है…लेकिन जब पूरा देश अन्ना के पीछे था तो मक्खन ने कमाल का काम किया…खोजी पत्रकारिता से कोई वास्ता न होते हुए भी मक्खन ने विकीलीक्स सीक्रेट्स जैसा ही बड़ा तीर मारा है…मक्खन ने पता लगाया है कि 2 अप्रैल से ही साक्षी पतिदेव धोनी से नाराज़ चल रही हैं…अब आप कहेंगे कि धोनी ने फाइनल में कप्तान की पारी खेल कर भारत की नैया पार लगाई…पूरी दुनिया धोनी की जय-जयकार करने लगी तो फिर साक्षी कैप्टन कूल से नाराज़ क्यों…साक्षी का माथा ठनका हुआ है कि पूरे वर्ल्ड कप में धोनी का बल्ला नहीं बोला फिर फाइनल में ऐसा क्या हुआ कि दे घुमा के, दे दनादन करने लगा…पिछले पांच दिन से धोनी सफ़ाई देते देते हार गए हैं लेकिन साक्षी है कि यकीन करने को ही तैयार नहीं…अब आप ही बताइए कि धोनी क्या सफ़ाई दे रहे हैं…

यकीन मानो डार्लिंग…मेरी इस पारी का पूनम पांडे के प्रपोज़ल से कुछ लेना-देना नहीं था…
(व्यंग्य)

स्लॉग ओवर
मक्खन टुन होकर घर आया…बेटे गुल्ली ने ये देखकर पिता को समझाने की गरज़ से कहा…डैडी ए कि रोज़ रोज़ दा वतीरा (रवैया) पड़या होया वे…छड दे ए दारू-शारू…


मक्खन…ओ काके, पी लैण देया कर…नाल कि लै के जाणा ऐस दुनिया तो…


गुल्ली…जे ऐस तरह ही खांदा-पिंदा रया ना ते तू छड के वी कुछ नहीं जाणा…

(अगर ये पंजाबी समझ नहीं आई तो अनुवाद के लिए कहिएगा)

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