कभी कभी बहुत थोड़े में भी अपनी बात कहने की कोशिश करनी चाहिए…वहीं आज मैं कर रहा हूं…देश सबसे पहले है…और धर्म वो आंतरिक शक्ति देता है जिससे कि इंसानियत के पैगाम को सही अर्थों में समझा जा सके…
HINDU…I…SM
JAI…N…ISM
BUD…D…HISM
SIKH…I…SM
ISL…A…M
CHRISTA…N…ITY
(देश के सभी धर्मों से ही निकल रहा है…INDIAN…का संदेश)
पाबला जी…मैं…महफूज़ भाई…पीटर और देश को सबसे पहले समझने वाली सोच के सभी भाई-बहन
दीवाली के दीप साथ जलाएंगे
ईद की खुशियां मिल कर बांटेंगे
गुरपूरब पर साथ गुरु का प्रसाद छकेंगे
क्रिसमस पर साथ केक काटेंगे
( अगर नफ़रत के सौदागर अब भी भाईचारे के संदेश को नहीं समझते हैं तो हम सिर्फ उन पर तरस खाने के अलावा और कुछ नहीं कर सकते…)
स्लॉग ओवर
जापान में प्राइमरी के बच्चों को एक पाठ पढ़ाया जाता है…बच्चों तुम सबसे ज़्यादा सम्मान किसका करते हो…जवाब मिलता है…महात्मा बुद्ध का…दूसरा सवाल…बच्चों अगर कोई महात्मा बुद्ध को बुरा-भला कहे तो तुम क्या करोगे…जवाब…हम उसे ऐसा करने से रोकेंगे…तीसरा सवाल…अगर महात्मा बुद्ध ही तुम्हारे देश पर हमला कर दे तो क्या करोगे...जवाब आता है…उन्हीं का सिर काट देंगे…