देखो ! तुम भूल जाओगे (1)…खुशदीप

जीवन के संध्याकाल में सभी को जाना है…ये शाश्वत सत्य है, लेकिन रोज़ की भागदौड़ मे शायद ही हमें ये याद रहता है…सुनने, सोचने, समझने की आज जो हमारे पास शक्ति है, उम्र बढ़ने के साथ उसमें कमी आना लाज़मी है…बुज़ुर्गों के व्यवहार को देखकर कभी हम खीझते भी हैं…लेकिन कल हम भी इसी हालत से गुज़रेंगे, ये हर वक्त याद रखा जाए तो बेहतर है…आज से सीनिअर सिटिज़न्स को समर्पित  छोटे छोटे किस्सों की एक श्रंखला शुरू कर रहा हूँ, अपने आने वाले कल को ज़ेहन में रखते हुए…

नब्बे के आसपास के एक दंपति…दोनों को चीज़े याद रखने में दिक्कत…डॉक्टर ने दोनों का चेकअप करने के बाद सलाह दी कि स्वास्थ्य को लेकर उन्हें कोई दिक्कत नहीं है…भूलने की बीमारी से निपटने के लिए दोनों को कागज़ पर लिख कर चीज़ें याद रखने की आदत डालनी चाहिए…

उसी रात को दोनों टीवी देख रहे थे तो बुज़ुर्ग जेंटलमैन ने कुर्सी से उठते हुए कहा…मैं किचन में जा रहा हूं, तुम्हें कुछ चाहिए तो नहीं…

इस पर सीनियर लेडी ने कहा…क्या तुम मेरे लिए आइसक्रीम का बाउल ला सकते हो….

जेंटलमैन…अवश्य…

लेडी….याद रखने के लिए इस बात को क्या तुम्हें कागज़ पर नहीं लिख लेना चाहिए…

जेंटलमैन…नहीं, नहीं, इसकी कोई ज़रूरत नहीं, मुझे याद रहेगा…

लेडी…मुझे आइसक्रीम के ऊपर स्ट्राबरीज़ बहुत पसंद है…ये लिख ही लो तो सही रहेगा….भूलोगे नहीं…

जेंटलमैन…मुझे याद है कि तुम्हें आइसक्रीम का बाउल चाहिए वो भी स्ट्राबरीज़ की टॉपिंग के साथ…सही है न…

लेडी…मुझे थोड़ी व्हिप्पड क्रीम भी साथ चाहिए…मुझे पक्का यक़ीन है तुम ये सब भूल जाओगे…ये सब लिख लो तो बेहतर रहेगा…

जेंटलमैन थोड़ा नाराज़गी जताते हुए…मुझे लिख कर रखने की ज़रूरत नहीं, मैं सब याद रख सकता हूं…आइसक्रीम साथ में स्ट्राबरीज़ और व्हिप्पड क्रीम…मुझे सब याद है…अब मुझे ज़्यादा नसीहत मत दो…

ये कह कर जेंटलमैन किचन में चले गए….बीस मिनट बाद वो लौटे…पत्नी को कॉफ़ी के कप के साथ हॉफ फ्राई एग की प्लेट थमाई….

ये थामने के बाद लेडी थोड़ी देर तक प्लेट को देखती रही…फिर बोली…भूल गए न…
……………………………..

………………………………

………………………………….

….मेरे टोस्ट कहां हैं….


(ई-मेल पर आधारित)

क्रमश:

Khushdeep Sehgal
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योगी आदित्य

'बुझ चुका है अब, तुम्हारे हुस्न का हुक्का; ये हमीं है कि अभी तक गुडगुडाये जाते है!

🙂 😀

योगी आदित्य

'बुझ चुका है अब, तुम्हारे हुस्न का हुक्का; ये हमीं है कि अभी तक गुडगुडाये जाते है!'

बहुत बढ़िया खुशदीप सहगल जी … मज़ा आ गया ।

योगी आदित्य

बिलकुल

योगी आदित्य

बिलकुल

अजित गुप्ता का कोना

बस अब यही हाल होने वाला है। मांगा वाटर ले आयी रोटी वाला हिसाब होगा। जारी रखिए। एक कठिनाई आ रही है, मेरे व अन्‍य कइयों के ब्‍लाग पर टिप्‍पणी के विकल्‍प में सबक्राइब बाय इमेल गायब है। इसकारण टिप्‍पणियां मेल से मिल नहीं रही है। कोई समाधान हो तो बताएं।

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

ऐसा ही बना रहे तब भी बढ़िया..

shikha varshney
13 years ago

अगर साथ रहे तो कुछ गम नहीं ..परेशानी तो तब हो जब एक चला जाये.:(

Rakesh Kumar
13 years ago

मैं टायफायड से ग्रस्त,वे वायरल और खांसी से
आनंद ले रहे हैं,

बुडापा में और क्या होगा,राम जाने.

देखो! तुम भूल रहे हो मेरे ब्लॉग पर आना.
सोच रहा हूँ मैं भी अब लिखना भूल जाऊं.

डॉ टी एस दराल

तू मेरा चाँद मैं तेरी चांदनी !
बुढ़ापे में पति पत्नी ही एक दूसरे का सहारा होते हैं .
फिर सुनाई दे या न दे , याद रहे या न रहे .

vandana gupta
13 years ago

भविष्य दर्शन कर लिया :))))

निर्मला कपिला

पति पत्नी भले ही भूल जाते हैं एक दूसरे की बात लेकिन माँ बेटे को नहीं भूलती। आज ब्लागजगत की बहुत याद आ रही थी सो कुछ मिनट की इजाजत ले कर हाजिर हो गयी। कम्प्यूटर पर बैठने के लिये पाबन्दी है जब तक अच्छी तरह ठीक नही होती। आशीर्वाद।

Rahul Singh
13 years ago

चीजें-वस्‍तु तो भूलने को ही होती हैं, याद में सद्भाव ही बचा रह जाता है.

प्रवीण पाण्डेय

हम अपने आने वाले भविष्य को सोचकर अभी हँस लेते हैं, तब पता नहीं, याद रहे या न रहे।

वाणी गीत
13 years ago

:):)

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून

लोग बुज़ु्र्गों से उसी व्यवहार की ग़लत उम्मीद करते हैं जैसा उन्हें कई साल पहले देखते थे. उनके व्यवहार से खीझने के बजाय किसी अन्य प्रियजन की बात को अनदेखा करने की सी ही ज़रूरत भर होती है जबकि. हमारे चाचा जी को आजकल एक बात कई बार पूछते पाता हूं, मुझे हज़ार बार मुस्कुरा कर बताने पर भी कोई मुश्किल नहीं होती…

Archana Chaoji
13 years ago

मैनें बुकमार्क कर लिया है कि ये श्रंखला है…अपनी इस परेशानी से निबटने के लिए..नहीं-नहीं फ़ॉलो करना बेहतर रहेगा ..है न !!..फ़िर भी गर न पढ़ पाई तो याद दिलाओगे न !!

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