दिल्ली ब्लॉगर्स मीट से पहले मन भारी है…खुशदीप

आज भारी मन के साथ ये पोस्ट लिखनी पड़ रही है…दिल्ली में पहले भी ब्लॉगर्स मीट हुई हैं…अजय कुमार झा और अविनाश वाचस्पति जी के अथक प्रयासों से हर बार जमकर दिलों की महफ़िल जमीं…औरों की कह नहीं सकता, मैंने तो इन महफ़िलों का जमकर मज़ा लिया…राजीव कुमार तनेजा भाई और संजू भाभी जी ने अलबेला खत्री जी के दिल्ली आने पर घर पर ही लंच पर दिल्ली के तमाम ब्लॉगर्स का जिस प्यार के साथ सत्कार किया, वो मैं कभी भुला नहीं सकता…

संगीता पुरी जी, मेरे शेर सिंह (आप सबके ललित शर्मा) और शायद महफूज़ मास्टर भी कल नांगलोई में बुलाई गई इंटरनेशनल ब्लॉगर मीट में दिल्ली और आसपास के तमाम ब्लॉगर्स के साथ मौजूद रहेंगे…संगीता जी, ललित भाई और महफूज़ प्यारे से पहली बार रू-ब-रू होने के लिए बेताब हूं…लेकिन अविनाश भाई से माफ़ी मांगते हुए कहूंगा कि इस बार मीट से पहले ही जिस तरह कुमार जलजला, ढपोर शंख या पोल खोल की टिप्पणियां सभी के ब्लॉग्स पर आ रही हैं, उसने माहौल को कुछ भारी कर दिया है…

कुमार जलजला और ढपोर शंख ढंके की चोट पर कह रहे हैं कि हम कल मीट में मौजूद रहेंगे लेकिन कोई हमें पहचान नहीं पाएगा…राज कुमार सोनी जी ने भी अपनी पोस्ट पर बिगुल बजाया है कि अविनाश जी के आयोजन को नाकाम करने के लिए राजनीति का खेल भी शुरू हो गया है…हो सकता है कि एक समानांतर मीट का आयोजन किया जाए…उदय जी ने भी अपनी पोस्ट पर कुमार जलजला की जमकर क्लास ली है…

मेरा अंदेशा ये है कि अगर ब्लॉगवुड इस तरह के ओछे हथकंडों में फंस गया तो फिर राजनीति और इसमें कोई फर्क नहीं रह जाएगा…कुछ भी सार्थक नहीं हो पाएगा…अविनाश जी के घर पर ही पिछली बार एक छोटी सी ब्लॉगर महफिल में मेरे मुंह से निकला था कि हम जहां भी रहते हैं वहां बुज़ुर्गों को खुश करने के लिए कोई छोटा सा ही प्रयास करना चाहिए…मुझे खुशी है कि सतीश सक्सेना भाई इस काम को शुरू करने के लिए जी-जान से जुटे हुए हैं…उनके विदेश से आने के बाद इस योजना पर तेज़ी से काम किया जाएगा…ऐसा कोई भी छोटी सी कोशिश जिससे समाज में छोटा सा भी बदलाव हो, वो ब्लॉगिंग का उद्देश्य होना चाहिए…न कि लेगपुलिंग, सम्मान-सम्मान, गुटबाज़ी इस तरह के नकारात्मक भावों को हम ब्लॉगवुड में पनपने दें…

कल की ब्लॉगर्स मीट को लेकर मैंने इससे संबंधित जितनी भी पोस्ट थीं, उन पर टिप्पणी के ज़रिए ये चिंता जाहिर की है…उसे फिर रिपीट कर दे रहा हूं…

@कुमार जलजला


यार तुम्हारी हरकतों से तो उस ब्लॉगर की याद आ गई जो आईपीएल के पहले एडीशन में कोलकाता नाइटराइडर्स की अंदर की बातें ब्लॉग पर लिखता था…सब सोचते रहे वो ब्लॉगर कौन सा खिलाड़ी है, लेकिन उसकी पहचान आखिर तक नहीं खुल पाई…इसी तरह अब तुम कह रहे हो कि कल तुम ब्लॉगर्स मीट में मौजूद रहोगे…लेकिन तुम्हे कोई पहचान नहीं पाएगा…ये बात कह कर तुमने मेरे सामने एक धर्मसंकट पैदा कर दिया है…इस तरह तो ब्लॉगर्स मीट में जो जो ब्लॉगर्स भी पहुंचेंगे, उन सब पर ही शक किया जाने लगेगा कि उनमें से ही कोई एक कुमार जलजला है…मान लीजिए पच्चीस-तीस ब्लॉगर्स पहुंचते हैं…वैसे ब्लॉगवुड में इस वक्त पंद्रह से बीस हज़ार ब्ल़ॉगर्स बताए जाते हैं…यानि इन पंद्रह से बीस हज़ार से घटकर कुमार जलजला होने की शक की सुई सिर्फ पच्चीस-तीस ब्लॉगर्स पर आ जाएगी…तो क्या तुम इस तरह कल की मीटिंग में मौजूद रहने वाले दूसरे ब्लॉगर्स के साथ अन्याय नहीं करोगे…अविनाश वाचस्पति भाई से भी कहूंगा कि इस विरोधाभास को दूर किया जाए, अन्यथा पूरे ब्लॉगवुड में गलत संदेश जाएगा…


जय हिंद..

मैंने जो शंका ज़ाहिर की है उसका निवारण होना ज़रूरी है…नहीं तो मुझे एक बार फिर भारी मन से अविनाश जी, संगीता पुरी जी, ललित शर्मा भाई, महफूज़ मास्टर और दिल्ली के तमाम ब्लॉगर्स भाइयों से माफ़ी मांगनी पड़ेगी कि मैं चाह कर भी कल की मीट में उपस्थित नहीं हो पाऊंगा…

Khushdeep Sehgal
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