​दरबार साहिब पर टिप्पणी हर भारतीय का अपमान…खुशदीप


विदेशों में कुछ ​टीवी-रेडियो प्रेजेंटर्स के लिए भारत और यहां के लोगों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां करना शायद शगल बन गया है…कुछ महीने पहले न्यूज़ीलैंड में एक प्रेजेंटर ने दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित में दीक्षित की स्पैलिंग को तोड़कर बेहद अश्लील तरीके से उच्चारित किया था…अब अमेरिकी एनबीसी चैनल के 19 जनवरी को प्रसारित हुए कार्यक्रम  द टूनाइट शो के होस्ट  जे लेनो की सिखों के धार्मिक स्थल ‘स्वर्ण मंदिर’ के बारे में अपमानजनक टिप्पणी को लेकर विवाद खड़ा हो गया है…
लेनो के कार्यक्रम के दौरान स्वर्ण मंदिर की दमकती तस्वीर दिखाई गई और इसे रिपब्लिकन पार्टी की ओर से अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दौड़ में शामिल मिट रोमनी का संभावित ‘समर होम’ बताया गया…रोमनी अकूत संपत्ति के मालिक हैं और उन्हें टैक्सो को लेकर कई सवालों का सामना करना पड़ रहा है…शो में दरबार साहिब को एक अमीर की गर्मियों की छुट्टी का घर बताकर की गई इस टिप्पणी से सिखों में आक्रोश है… सिखों ने इसके खिलाफ अमेरिका में बड़ी तादाद में प्रदर्शन भी किया… इसके अलावा टीवी चैनल एनबीसी के न्यूयॉर्क स्थित दफ्तरों पर प्रदर्शन का ऐलान किया गया है… 
अमेरिका की यात्रा पर गए प्रवासी भारतीय मामलों के मंत्री वायलार रवि ने टिप्पणी पर आपति दर्ज करते हुए कहा कि, “यह दुर्भाग्यपूर्ण और आपत्तिजनक है कि स्वर्ण मंदिर को दिखाने के बाद इस तरह कि टिप्पणी की गयी…” ​​उन्होंने अमरीका में नियुक्त भारत की राजदूत निरुपमा राव को अमरीका विदेश मंत्रालय के समक्ष इस विषय को उठाने का निर्देश दिया है…रवि के मुताबिक उनका मानना है कि जिस व्यक्ति ने इसे दिखाया, वह इसके बारे में अनजान नहीं था कि यह सिखों का सबसे पवित्र धार्मिक स्थल है…अमेरिका सरकार को भी इस तरह की चीज़ पर विचार करना चाहिए.’’ रवि ने कहा कि उन्होंने ये कार्यक्रम नहीं देखा लेकिन सिखों ने इसके बारे में उन्हें बताया…आज़ादी का ये मतलब नहीं होता कि आप दूसरों की भावनाओं को आहत करें और तरह की हरकत क़तई बर्दाश्त नहीं की जा सकती…
सिख समुदाय ने लेनो के ख़िलाफ़ एक ऑनलाइन याचिका भी दायर की है. साथ ही फ़ेसबुक पर भी अपने ग़ुस्से को प्रदर्शित करने के लिए एक पेज बनाया गया है…फ़िलहाल इस मामले में जे लेनो की कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली है…जे लेनो  ने सिखों के खिलाफ पहली बार आपत्तिजनक टिप्पणी नहीं की है… 2007 में उन्होंने सिखों को ‘डायपर हेड्स’ कह डाला था… इसके बाद 2010 में उन्होंने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया था कि ओबामा को अपने भारत दौरे के दौरान दरबार साहिब नहीं जाना चाहिए, क्योंकि वहां उनको पगड़ी पहननी पड़ेगी…
जे लेनो और अमेरिका को ये नहीं भूलना चाहिए कि ये सिर्फ सिख ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी कोने में रहने वाले हर भारतीय का अपमान है…अगर अमेरिका स्थित भारतीय दूतावास के आपत्ति जताने पर भी जे लेनो की ओर से माफ़ी नहीं मांगी जाती और अमेरिका की ओर से आधिकारिक तौर पर खेद नहीं जताया जाता तो प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को खुद अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा से बात कर इस मुद्दे को उठाना चाहिए…