डॉ अमर कुमार के बिना एक साल…खुशदीप

आजकल कुछ लिखने की इच्छा नहीं होती…नेट खोलता भी हूं तो बस न्यूज़ के लिए और ई-मेल चेक करने के लिए…मुझे खुद ही समझ नहीं आ रहा, ऐसा​ क्यों हो गया है मेरे साथ…मुद्दे आज भी बहुत है लिखने को…स्लाग ओवर आज भी बहुत हैं हंसाने को…लेकिन बस बेसिक इन्सटिन्कट गायब हो गई है…​शायद स्वास्थ्य पूरी तरह ठीक हो जाए तो ये इन्सटिन्कट भी वापस आ जाए…​
​​
लेकिन आज इस पोस्ट को लिखने का खास मकसद है…तीन दिन बाद 23 अगस्त को डॉ  अमर कुमार की पहली पुण्यतिथि है…मेरे लिए आज भी विश्वास करना मुश्किल है  डॉक्टर साहब हमारे बीच नहीं है…अब भी यही लगता है कि कहीं से डॉक्टर साहब की आवाज़ आएगी…ओए खुशदीपे…क्यों उदास बैठा है…​​



इस एक साल में मेरे लिए एक रूटीन सा बन गया है, जब भी सुबह स्नान के बाद प्रार्थना करता हूं तो जब अपने दिवंगत पापा को याद करता हूं तो ​डॉक्टर साहब भी साथ ही रिफ्लेक्स एक्शन की तरह ज़ेहन में आ जाते हैं…नहीं जानता कि ये कौन सा रिश्ता है…उस शख्स के साथ जिससे  मैं ज़िंदगी में कभी​ रू-ब-रू नहीं हुआ…फोन, टिप्पणियों और एसएमएस के ज़रिए उनके साथ जो नाता बना, वो मेरे लिए हमेशा की अनमोल धरोहर है…​​आज डॉक्टर साहब सुबह से ही बहुत याद आ रहे थे, इसलिए शाम को उनके बेटे डॉ शान्तनु अमर को फोन मिलाया…बात कर बड़ा अच्छा लगा…डॉ  शान्तनु ​दिल्ली में ही है…​

27 अगस्त को लखनऊ में रविंद्र प्रभात भाई अंतरराष्ट्रीय ब्लागर सम्मेलन कराने जा रहे हैं…स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की वजह से मैं इसमें हिस्सा नहीं ले पाऊंगा…लेकिन अभी से इस कार्यक्रम की सफलता के लिए रविंद्र भाई, उनकी टीम और देश-विदेश से आने वाले ब्लागर साथियों को बहुत बहुत बधाई…​

​​आशा करता हूं इस कार्यक्रम में भी हर कोई शिद्दत के साथ डॉक्टर अमर कुमार को याद करेगा…​
​​
अमर मरे नहीं, अमर मरा करते नहीं..
वो दिलों में रहते हैं, हमेशा हमेशा के लिए…


0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
सञ्जय झा
11 years ago

'gurudev' ko hardik naman…………

pranam.

Girish Kumar Billore
11 years ago

अमर जी को याद कर आपने अच्छी परम्परा कायम की
अमर जी से तब बात हुई थी जब वे अस्वस्थ्य थे… फ़िर
उनका पाडकास्ट न बना सका

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून

मेरे कार्टून बलॉग पर डॉ. साहब की टि‍प्‍पणि‍यां यदा कदा ही आती थीं पर जब भी वे कुछ कहते अच्‍छा लगता. बांग्‍लादेश यात्रा के बाद मैंने एक पोस्‍ट चस्‍पा की थी जि‍सपर मेरे लि‍ए उनकी अंति‍म टि‍प्‍पण्‍ी 24.4.2011 को थी जि‍समें उन्‍होंने लि‍खा था कि‍ वे पाबना (बांग्‍लादेश) जाने के इच्‍छुक थे…

डॉ टी एस दराल

डॉ अमर कुमार से जाने से कुछ ही समय पहले परिचय हुआ . लेकिन कुछ ही दिनों में दिल में समां गए थे .
उनके जैसा इन्सान मिलना मुश्किल है .
उनको नमन .

sonal
12 years ago

jadi theek ho jaaiye ….aapki udaasi se amar ji bhi khush nahi honge

Shah Nawaz
12 years ago

अमर मरे नहीं, अमर मरा करते नहीं..
वो दिलों में रहते हैं, हमेशा हमेशा के लिए…

बिलकुल सही कहा खुशदीप भाई…. डॉ. अमर हम सब के बीच हमेशा जिंदा रहेंगे… अपनी पोस्टों के ज़रिये और अपनी टिप्पणियों की रूप में…

तो अब उनकी बात मानिए और उदासियों के कपड़ों को उतार फेकिये… आपके स्लोग ओवर की ब्लॉग जगत को बहुत ज़रूरत है…

Rakesh Kumar
12 years ago

न त्वेवाहं जातु नासं न त्वं नेमे जनाधिपाः
न चैव न भविष्यामः सर्वे वयमतः परम्

प्राणी का कभी भी मरण नही होता.परन्तु,किसी का जीवित होना दिल से याद किये
जाने पर निर्भर करता है.जीवित व्यक्ति को भी यदि भुला दिया जाए,तो
भुलाने वाले के लिए वह जीवित व्यक्ति मृतप्राय ही होता है.

डॉ साहिब को सादर नमन.

प्रवीण पाण्डेय

याद फिर वे आये,
नम से नम हो आये।

rashmi ravija
12 years ago

समय की कमी हो तो पोस्ट भले ही सरसरी निगाह से पढ़ ली जाए….पर डा. अमर कुमार जी की टिप्पणी ध्यान से पढ़ी जाती थी.
बहुत मिस करता है..उन्हें पूरा ब्लॉग जगत.

आप कृपया अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें.
शुभकामनाएं

संतोष त्रिवेदी

हाँ ,अरविन्दजी! भारतीय तिथि के हिसाब से डॉ. साहब की पुण्यतिथि जन्माष्टमी के अगले रोज़ ही आती है.इसलिए मैंने उनको उसी दिन याद किया था.

सञ्जय झा
12 years ago

………….
n a m a n
………….

pranam.

shikha varshney
12 years ago

सच कहा अमर कभी मरा नहीं करते.समझ लीजिए हम सब के थ्रू डॉ साहब ही कह रहे हैं-
ओए खुशदीपे…क्यों उदास बैठा है कुछ लिख..(अनूप जी से साभार )

रचना
12 years ago

khushdeep
Life has to move on , I also remember him a lot but its important that we live and do our work as much as we can
Please RISE

वाणी गीत
12 years ago

यादें याद रह जाती है !
स्वास्थ्य का ध्यान रखें !
शुभकामनायें !

BS Pabla
12 years ago

निराले डॉ सा'ब की यादें ही शेष हैं
नमन

Arvind Mishra
12 years ago

अभी उस दिन जब संतोष त्रिवेदी ने कहा कि जन्माष्टमी के दुसरे दिन डॉ साहब का पुण्य दिवस है तो मैं चौका था क्योकि उसकी बाद की तारीख में मेरी पोस्ट पर उनकी टिप्पणी थी -यानी उनकी मृत्यु के बस कुछ दिन ही पहले …वे अप्रतिम प्रतिभा के और जीवट के व्यक्ति थे ..उनका जाना मानो ब्लागजगत को वीरान कर गया हो और तभी से एक मनहूसियत और मुर्दानगी तरी हुयी लगती है -काश और कोई आ जाता उनकी जगहं लेने मगर पता है अब कोई नहीं आएगा -वे तो बस एक निराले इंसान थे -प्रतिभा ,मनोविनोद और संवेदना के दुर्लभ सम्मिश्र!

Khushdeep Sehgal
12 years ago

Mahfooz Ali said on E-mail…

आपके जैसा ही हाल अपना भी हो गया है.. वो तो आपको ईमेल पर सबस्क्राइब किया है तो आपकी पोस्ट की अपडेट मिल जाती है.. डॉ. अमर हमारे दिल में हमेशा बने रहेंगे…

संतोष त्रिवेदी

डॉ.अमर कुमार जी की याद मेरे लिए विशेष है.पिछले साल उनके जाने के दस दिन पहले ही मैं उनसे मिलकर लौटा था.पहली बार मिला था.वे मेरे गृह जनपद के थे इसलिए एक खास लगाव था उनसे.उनसे मिलने के क्षण बड़े भावुक थे.उन्होंने गंभीर बीमारी में भी मेरे कहने पर फोटो खिंचवाए तथा जल्द वापसी की बात की थी.

…पर दस दिन बाद जन्माष्टमी के अगले रोज़ ही वे नहीं रहे.मेरे बेटे का जन्मदिन पड़ता है उस रोज़ इसलिए वह दिन मुझे याद रहा.इस साल भी जन्माष्टमी के अगले दिन उन्हें याद किया था.घर पर फ़ोन मिलाने पर रूबी मैडम से भी बात नहीं हो पाई !
…उनकी याद हमारी सांसों में हमेशा बसी रहेगी |

संतोष त्रिवेदी

इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

Satish Saxena
12 years ago

वे अमर रहेंगे …..

अनूप शुक्ल

डा.साहब अद्भुत आत्मीयता से भरे-पूरे व्यक्ति थे। पुरानी पोस्टों में उनके कमेंट देखता हूं तो याद आते हैं वे। चिट्ठाचर्चा न करने पर वे अक्सर टोंकते थे। एक बार आपका लिखना बंद करने का समाचार जानकर उन्होंने बीमारी के बावजूद आपका नम्बर भेजा मुझे और आपसे बात करके समझाने को कहा। उनके घर गया था उनके न रहने पर तो उनके बारे में कई और बातें पता चलीं थीं उनके व्यक्तित्व के बारे में जो पहले नहीं जानता था मैं। डा.अमर कुमार की याद को नमन!

समझ लो डा.कह रहे हैं- ओए खुशदीपे…क्यों उदास बैठा है कुछ लिख! 🙂

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x