आप पूछेंगे कि ये सुबह-सुबह कौन सा वीत-राग ले बैठा…ओ बजाज जी, तेरे ऐलान ने बड़ा दुख दीना…अब आप कहेंगे…कौन बजाज…अरे वही बजाज जो कल तक बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर दिखाते रहते थे…हमारा बजाज, हमारा बजाज करते रहते थे…इन बजाजों ने बुधवार को ऐलान कर दिया कि स्कूटर कारोबार को पूरी तरह राम-राम करने जा रहे हैं….अब इन बजजवों को कौन याद दिलाए इनके एड के वो जिंगल, जिनमें कस्मे-वादे किए जाते थे कि बुलंद भारत की बुलंद तस्वीर आज भी और कल भी हमारे साथ रहेगी… देश की दो पीढ़ियां इस जिंगल को गुनगुनाते हुए ही जवानी से सठियाने की दहलीज पर आ गईं और अचानक ये अलविदा-अलविदा के सुर छेड़ने लगे (लगता है इन्हें भी ब्लॉगरी के ताजा जिन्न ने जकड़ लिया है)…
तो जनाब ये बजाज वाले कह रहे हैं कि उनके स्कूटर के सभी जाने-माने मॉडलों पर परदा गिरने की घड़ी आ गई है..कंपनी ने तीन साल पहले ही चेतक मॉडल बनाना बंद कर दिया था…बजाज ऑटो के मैनेजिंग डायरेक्टर राजीव बजाज के मुताबिक इस कारोबारी साल के अंत तक कंपनी क्रिस्टल सीरीज के स्कूटर का उत्पादन भी बंद कर देगी…1980 के दशक में ‘हमारा बजाज’ कर्मशियल्स बनाने वाली ऐड एजेंसी लोवे इंडिया के चेयरमैन आर बाल्की कहते हैं, ‘कभी घोड़ागाड़ी का वक्त था, अब मोटरसाइकिल का दौर है… ‘भारत बदल रहा है, बुलंद बदल रहा है और बजाज भी…’ यानि ये सुसर बाइकवा ज्यादा माइलेज देने के चक्कर में स्कूटर पर भारी पड़ गईं…
अब इन मैनेजमेंट गुरुओं को कौन समझाए, स्कूटर जैसा सुख हम पाएंगे कहां…इन हवा-हवाई बाइकों की गद्दी पर खुद ही अपनी उन (बाइक पर ज्यादातर पीछे वो…ही बैठती हैं) के साथ समा जाएं वो ही बड़ी बात है…बाकी सामान रखने की तो सोचो हीं नहीं…और स्कूटर…जनाब पीछे पत्नी (स्कूटर पर पीछे पत्नियां ही बैठती हैं… वो…नहीं)…बीच में एक बच्चा…आगे हैंडल को पकड़े एक बच्चा…आगे का स्टैंड और डिक्की सामान से ठसाठस…चलाने वाले की टांगों के नीचे दोनों तरफ लटकते सब्जियों के बड़े-बड़े थैले…हम इसी अंदाज़ में अपने चेतक महाराज को 18 साल से दौड़ा रहे हैं…कभी तो रतन टाटा की नज़र हमारे पर भी पड़ेगी…शायद तरस खाकर एक अदद नैनो रानी ही तोहफे में हमें भिजवा दें…अब भले ही बाद में एड में अपनी इस दरियादिली को कितना भी कैश कर ले, हमें कोई ऐतराज नहीं होगा…कसम उड़ानझल्ले की….स्टांप पर लिख कर देने को भी अपुन तैयार है…
हां तो लौटता हूं अपने बजाज पर…नंबर यू पी 15…9743…बच्चे इतने बड़े हो गए हैं कि स्कूटर पर हमारे साथ बैठना छोड़ दिया है…बैठना क्या छोड़ दिया, आगे हैंडल के साथ जब बिटिया खड़ी होती थी तो हमें स्कूटर चलाते हुए सिर्फ उसकी चोटी ही नज़र आती थी…सड़क नहीं…बार-बार यही कहते रहते थे….बेटी सिर थोड़ा नीचे…सिर थोड़ा नीचे…एक दिन झक मार के बिटिया ने ऐलान कर दिया लो अब मैं स्कूटर पर कभी चढ़ूंगी ही नहीं…तो जनाब अब मैं और मेरा बजाज…अक्सर ये बाते किया करते हैं…बाते क्या करते हैं स्कूटर ही मुझे संघर्ष फिल्म के दिलीप कुमार की तरह ताने दिया करता है….एक एक करके सब तो आपका साथ छोड़ कर चले गए…एक मैं ही हूं जो साथ दिेए जा रहा हूं….
एक फायदा और सुनिए…अपने राम कभी स्कूटर में ताला नहीं लगाते…(लगाए कहां से चाबी ही पिछले कई सालों से खोई हुई है)…और दावा है कि स्कूटर को कहीं भी खड़ा कर दे, मजाल है कि कोई चोर उसकी तरफ बुरी नज़र उठा कर देखे…हमारे स्कूटर जी माशाअल्लाह है ही इतनी सुंदर हालत में…इतनी बढ़िया कंडीशन में कि चोर भी आएगा तो स्कूटर पर सौ का नोट इस नोट के साथ रखकर चला जाएगा…अबे घोंचू कभी तो सर्विस करा लिया कर…
तो जनाब ऐसा है मेरा बजाज…बेशक स्कूटर की बॉ़डी टेढ़ी हो गई है…स्टैंड वक्त के थपे़ड़ों को सहते-सहते गल कर गिरने को तैयार है…लेकिन टेढ़ा है तो क्या…है तो मेरा है…अब बजाज खुद ही एंटीक के तौर पर मेरे बजाज के लिए लाखों रुपये भी देने को तैयार हो तो क्या, मैं अपने इस जिगर के टुकड़े को बेचना तो दूर इसकी तस्वीर भी कोई न दूं…
स्लॉग ओवर
एक बार नासा (नशा नहीं अमेरिका का स्पेस शटल उड़ाने वाला नासा) वाले परेशान हो गए…कोलंबिया स्पेस शटल उड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था…साइंसदानों ने अक्ल के लाख घोड़े दौड़ा लिए पर कोलंबिया टस से मस होने को तैयार नहीं…झक मार कर दुनिया भर के अखबारों में ऐलान कर दिया कि जो भी इस काम में मदद करेगा उसे लाखों डॉलर ईनाम में दिए जाएंगे…इस ऐलान पर अपने मक्खन की भी नज़र पड़ गई…झट से एंबेसी वालों को फोन लगा दिया…मैं उड़ा सकता हूं कोलंबिया...
लो जी…आनन फानन में सारे अरेंजमेट कर मक्खन जी को फ्लोरिडा में नासा के हेडक्वार्टर पहुचा दिया गया…साइंसदान मक्खन को कोलंबिया के मुआयने के लिए ले गए…मक्खन ने इंस्पेक्शन के बाद इंस्ट्र्क्शन दी….कोलंबिया को थोड़ा बाईं और झुकाओ…फिर कहा…अब इसे दाईं ओर झुकाओ…बस अब सीधा खड़ा कर दो और स्टार्ट करो….
कंट्रोल रूम ने मक्खन के आदेश का पालन किया…ये क्या…कोलंबिया स्टार्ट हुआ और आसमान में ये जा और वो जा….हर तरफ तालियां गूंज उठी….मक्खन जी हीरो बन गए..व्हाइट हाउस में डिनर के लिए मक्खन जी को बुलाया गया…वहां अमेरिकी प्रेसीडेंट ने पूछ ही लिया…मक्खन जी हमारी पूरी साइंस फेल हो गई…आखिर आपने कैसे कोलंबिया को उड़ा दिया….मक्खन का जवाब था…ओ नहीं जी कमाल-वमाल कुछ नहीं…मेरा बीस साल पुराना लैम्ब्रेटा स्कूटर है…जब स्टार्ट नहीं होता तो ऐसा ही उसे टेढ़ा करता हूं…और फिर वो स्टार्ट हो जाता है….