आज बात करता हूं एम जे की…एम जे यानि माइकल जैक्सन की…माइकल जैक्सन को दुनिया को अलविदा कहे पांच महीने बीत चुके हैं…सब जानते हैं कि माइकल जैक्सन ने ड्रग्स ले लेकर जीते जी ही अपनी हालत कंकाल वाली बना ली थी…ऊपर से कर्ज इतना चढ़ गया था कि माइकल जैक्सन को वर्ल्ड टूर के लिए दिन-रात मेहनत करनी पड़ रही थी…काम के तनाव और कर्ज की फिक्र ने ही माइकल जैक्सन की जान ले ली…
अब इसे विडम्बना ही कहेंगे कि माइकल जिंदा रहने पर जिस कर्ज को चुकाने के लिए फ़िक्र में घुले जा रहे थे, वो उनके मरने के बाद चुटकियों में ही उड़नछू हो गया…मौत के बाद देनदारों से पीछा छुड़ाने में माइकल जैक्सन को सिर्फ पांच महीने लगे… डेली स्टार अखबार के मुताबिक एम जे का जैक्सन इस्टेट जून से लेकर अब तक 50 करोड़ डॉलर से ज़्यादा की कमाई कर चुका है…बॉक्स आफिस पर माइकल जैक्सन पर बनी दिस इज़ हिट के रिकॉर्डतोड़ प्रदर्शन और म्यूजिक सीडी की बढ़ती मांग ने जैक्सन इस्टेट को मालामाल कर दिया है…
इसके अलावा माइकल जैक्सन की निजी वस्तुओं और स्मारिका की नीलामी से भी जैक्सन इस्टेट की तिजोरियां भरती जा रही हैं…माइकल जैक्सन के इस्टेट के पास बेशक कर्ज चुकाने से कहीं ज़्यादा पैसे इकट्ठे हो चुके हैं…लेकिन इसके प्रबंधक जॉन ब्रांका और जॉन मैक्कलेन अपने खिलाफ दर्ज छह मुकदमे नहीं निपटा सके हैं…इनमें न्यूजर्सी स्थित ऑलगुड एंटरटेन्मेंट कंपनी का केस भी शामिल है…इस कंपनी ने माइकल जैक्सन पर टेक्सस में अपने भाइयों से टीवी कंसर्ट का वादा तोड़ने का आरोप लगाया था…
ज़ाहिर है माइकल जैक्सन के रिश्तेदार और इस्टेट के प्रबंधक ज़्यादा से ज़्यादा माल अपनी अंटी में करना चाहते हैं…इस लिए कानूनी दांव-पेंचों की लड़ाई लंबी खिंचे तो कोई बड़ी बात नहीं…लेकिन मेरे जेहन में यहां एक ही सवाल आ रहा है कि जीते जी किसी शख्स को मुसीबतों से छुटकारा दिलाने कोई नहीं आता…मरने के बाद ही उसकी (या कहिए घर वालों की) किस्मत क्यों खुल जाती है…
स्लॉग ओवर
माइकल जैक्सन के जीवित होने पर एक किस्सा बड़ा मशहूर था…
बच्चों को दो चीज़ो से बचाना चाहिए…
प्लास्टिक और प्लास्टिक के बने माइकल जैक्सन से….