जापानी बुलेट ट्रेन की सफ़ाई, हमारी ट्रेन की धुलाई…खुशदीप

अगर सब सही रहा तो
भारत की पहली बुलेट ट्रेन यात्रियों के साथ 2023 तक दौड़ने लगेगी। मुंबई-अहमदाबाद
के बीच बुलेट ट्रेन कॉरिडोर बनाने में एक लाख करोड़ रुपये खर्च होंगे। अभी दोनों
शहरों के बीच 534 किलोमीटर की दूरी नापने में सबसे फास्ट ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस
को 7 घंटे लगते हैं। बुलेट ट्रेन की अधिकतम स्पीड 320 किलोमीटर होगी। यानी पौने दो
घंटे से भी कम समय में मुंबई से अहमदाबाद पहुंचा जा सकेगा। किराया एसी 1 सफ़र के
किराये से बस डेढ़ गुणा होगा। आज के हिसाब से देखा जाए तो 2800 रुपये। अमीर आदमी
चाहें तो दोनों शहरों के बीच विमान की जगह बुलेट ट्रेन से ही डेली पैसेन्जरी भी कर
सकेंगे। मंथली पास बनवा लेंगे तो और सस्ता पड़ेगा।

जापान में बुलेट
ट्रेन को तोहोकू शिन्कान्सेन (हायाबूसा ट्रेन) कहा जाता है। इन ट्रेनों को जापान
की प्रगति और कुशलता का पर्याय माना जाता है। जापान में ये ट्रेन ही फास्ट नहीं है
बल्कि इनकी देखरेख और साफ़-सफ़ाई से जुड़ा स्टाफ भी इतनी द्रुत गति से काम करता है
कि आप की आंखें खुली की खुली रह जाएंगी। इस संबंध में एक विडियो आजकल वायरल हो रहा
है।

अमेरिकी पत्रकार
चार्ली जेम्स के तैयार किए इस विडियो में देखा जा सकता है कि एक ट्रेन का सफ़र
खत्म होने के बाद दूसरा सफ़र शुरू करने में सिर्फ 7 मिनट मिलते हैं। इन 7 मिनट में
ही ट्रेन को कैसे चकाचक कर दिया जाता है, आप इस विडियो में देख सकते हैं। जापान के
तोक्यो स्टेशन से हर दिन 300 बुलेट ट्रेन रवाना होती हैं, जिनसे 4 लाख यात्री
यात्रा करते हैं।

ये विडियो यू ट्यूब पर
जनवरी में डाला गया था। तोक्यो मेट्रोपॉलिटन गर्वंमेंट ने जेम्स और कई अंग्रेज़ी
भाषी पत्रकारों को शहर आने का न्योता दिया था। लेकिन ये विडियो हाल में वायरल हुआ,
जब भारतीय और फ्रेंच वेबसाइट ने इसे शेयर किया। अब तक बीस लाख से ज़्यादा लोग इस
विडियो को देख चुके हैं।

विडियो अपलोड करने
वाले पत्रकार जेम्स का कहना है कि मैं ये पकड़ना चाहता था कि जापानी लोग अपने काम
में कितना आनंद और कितना गर्व महसूस करते हैं। कितनी बारीकी और कितनी तेज़ी से ये
सुनिश्चित करते हैं कि लोगों को ट्रेन में सफ़र करना सुखद लगे। समयबद्ध ढंग से काम
पूरा होने के बाद कतार में लग कर क्लीनिंग स्टाफ का झुकना अपने आप में ही उनके
समर्पण की गवाही देता है। देखिए ये विडियो-


आशा करता हूं कि हम
भारतीयों में भी काम के लिए ऐसा समर्पण और तेज़ी शीघ्र देखने को मिलेगी। फिलहाल तो
ये स्लॉग ओवर मुलाहिजा फरमाइए।

स्लॉग ओवर 

भारतीय रेल में सफ़र
के साथ-साथ मुफ़्त स्नान की भी सुविधा-


उम्मीद करता हूं
कि हमारे देश में भी ये तस्वीर शीघ्र ही पलटेगी। क्यों…सुन रहें हैं ना प्रभु।
मेरा आशय रेल मंत्री सुरेश प्रभु से है।
ये वही
सुरेश प्रभु हैं जिन्हें 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर कोच्चि में शवासन
करते-करते झपकी लग गई थी। और इस नज़ारे की फोटो किसी ने ट्वीटर पर डाल दी और वो
सोशल मीडिया पर वायरल भी हो गई।


प्रभु चैन से सोना है तो जाग
जाइए… 
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Unknown
7 years ago

Great post. Check my website on hindi stories at afsaana
. Thanks!

डॉ टी एस दराल

जापानियों जितना डिवोशन यदि हम में आ जाये तो ये देश फिर से सोने की चिड़िया बन सकता है। फ़िलहाल तो हम अत्यंत अनुशासनहीन , बेगैरत , लापरवाह नागरिक हैं।
शवासन में नींद तो आ ही जाती है। 🙂

Manoj Kumar
9 years ago

सुन्दर
बहुत बहुत बधाई आपको
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है !
http://www.manojbijnori12.blogspot.com

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