धन्य है भारतीय क्रिकेट टीम…भारतवासियों निराश मत हो…अगर भारतीय टीम फाइनल हारती भी है तो उसके पीछे कितना बड़ा त्याग छुपा है, कितनी बड़ी भारतीयता छुपी है, आप नहीं जानते…धोनी के धुरंधर संगाकारा की सेना के आगे मात खाते हैं तो उसके बैठे-बैठे बस खाली-पीली निहितार्थ मत निकालिए…और न ही सहवाग-सचिन को कोसिए कि उन्होंने इतनी जल्दी मलिंगा के आगे घुटने टेक कर भारतीय बल्लेबाज़ी पर दबाव बढ़ा दिया…इस हार के पीछे भी भारत की जीत होगी…आप सोच रहे होंगे कि फाइनल मैच के फंसने से मैं हिल गया हूं…झटका बर्दाश्त नहीं कर सका…इसलिए आएं-बाएं-शाएं लिखने लगा हूं…बताता हूं, बताता हूं भाई कि टीम इंडिया फाइनल हार कर भी कैसे मेरा दिल जीत लेगी…
आज सुबह मेरी पिछली पोस्ट पर अंशुमाला जी का एक कमेंट आया था, जिसमें उन्होंने एक एसएमएस का हवाला दिया था…इस एसएमएस के मुताबिक भारतीय टीम (भगवान श्रीराम) ने 1983 में सीता (वर्ल्ड कप) को अपनाया था…जिसका हरण 1996 में रावण (लंका) ने कर लिया…अब 14 साल के वनवास के बाद भगवान श्रीराम (टीम इंडिया) सीता (वर्ल्ड कप) को भारत में वापस ला रहे हैं…इसलिए देश में दीवाली मनना तय है…
अंशुमाला जी, ये तो हम सब भारतीयों की सोच थी…लेकिन भगवान (टीम इंडिया) की सोच इनसानों की सोच से कहीं ऊपर होती है…भगवान राम को ऐसे ही मर्यादा पुरुषोत्तम नहीं कहा जाता…जीत से कहीं ज्यादा कीमती मर्यादा का सवाल इस बार भारतीय टीम के आगे भी आ खड़ा हुआ था…बड़ी विचित्र स्थिति थी…फाइनल जीतकर भारत के 121 करोड़ लोगों को 28 साल बाद विश्व विजेता होने का अहसास कराए या फिर उसी मर्यादा का पालन करें, जिसका कि मैं ज़िक्र करने जा रहा हूं…
लेकिन टीम इंडिया ने 121करोड़ लोगों की परवाह नहीं की…उनके ज़ेहन में बस एक शख्स का वचन बार-बार कौंध रहा था…और वो शख्स और कोई नहीं है…वो हैं अपने बयान से देश भर के मीडिया में सनसनी फैला देने वाली मॉ़डल पूनम पांडेय….इस दुस्साहसिक बाला ने अपनी ओर से ही बयान दे डाला था कि अगर भारतीय टीम वर्ल्ड कप जीतती है तो अपने बर्थडे सूट में ही टीम इंडिया के ड्रैसिंग रूम में चली जाएंगी…और आईसीसी ने अनुमति दी तो वानखेड़े स्टेडियम में हज़ारों दर्शकों के सामने भी पूनम पांडेय अपने इस वचन का पालन कर सकती हैं…इस बयान से पहले पूनम पांडेय को शायद ही कोई जानता हो…लेकिन अब पूरा देश जान गया है…बलरामपुर की अदालत ने तो पूनम के खिलाफ मुकदमा चलाने का आदेश भी दे दिया है…
पूनम को अपनी मर्यादा का ख्याल हो या न हो, लेकिन भारतीय टीम को तो है…अब पूनम वाकई भारतीय टीम के मैच जीतने पर बर्थडे सूट में ही ड्रैसिंग रूम में आ धमकती तो…टीम इंडिया ने बड़ा मनन किया और भारतीयता की लाज बचाने और मर्यादा के पालन के लिए फाइनल हार जाने का ही फैसला किया…
(ये भारत की जीत के लिए मेरा टोटका है, देखें कि काम करता है या नहीं)