क्या होता है बॉक्सिंग डे…खुशदीप

26  दिसंबर यानि बॉक्सिंग डे को हम भारत में ज़्यादातर लोग इसलिए जानते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में इस दिन हर साल क्रिकेट टेस्ट मैच शुरू होता है…जैसे कि सोमवार से भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मेलबर्न में पहले टेस्ट मैच के साथ सीरीज़ शुरू हो रही है…आम भाषा में बॉक्सिंग को कोई भी घूंसेबाज़ी समझने की भूल कर सकता है…वो इसलिए कि दो प्रतिद्वन्द्वी टीमें एक दूसरे से भिड़ती हैं…भारत में भी क्रिकेट प्रसारण या रिपोर्टिंग के दौरान बॉक्सिंग डे शब्द का खूब इस्तेमाल किया जाता है….लेकिन बॉक्सिंग डे का क्रिकेट से कोई लेना-देना नहीं है…हां, इसे घुड़दौड़ या शिकार से ज़रूर जोड़ कर देखा जाता है..

ये विशुद्ध रूप से क्रिसमस से जु़ड़ा है…क्रिसमस के बाद जो भी पहला वीकडे यानि काम का दिन होता है उस दिन ब्रिटेन समेत कई देशों में बैंक हॉलीडे यानि छुट्टी रखी जाती है…अगर क्रिसमस शनिवार या रविवार को पड़ता है तो सोमवार को छुट्टी रहती है…यहां बॉक्सिंग का मतलब भी क्रिसमस बॉक्स से होता है…पारंपरिक तौर पर 26 दिसंबर को क्रिसमस बॉक्स को खोला जाता है जिससे कि उसमें आए तोहफ़ों (गिफ्ट्स) को गरीबों में बांटा जा सके…क्रिसमस बॉक्स लकड़ी या क्ले का बना बक्सा होता है…

बॉक्सिंग डे मनाने की शुरुआत कैसे हुई ?

पुराने ज़माने में जब जहाज़ किसी नई जगह की खोज़ में यात्रा के लिए निकलते थे तो गुडलक के लिए पादरी उसमें क्रिसमस बॉक्स रखते थे…यात्रा के लिए निकलने वाले जहाज़ पर सवार सभी लोग उस बॉक्स में कुछ न कुछ पैसे या अन्य चीज़ें डालते थे…जिसे फिर सील कर जहाज़ पर रख दिया जाता था…जब जहाज़ सकुशल यात्रा से लौट आता तो वो बॉक्स पादरी को दे दिया जाता, जिसे वो क्रिसमस के दिन ही खोलते और उसमें रखे पैसे या चीज़ो को गरीबों में बांट दिया जाता था..

क्रिसमस पर हर चर्च के बाहर आल्म्स बॉक्स (तोहफ़े दान में देने का बॉक्स) भी रखे जाते हैं…जिन्हें क्रिसमस से अगले दिन ही खोला जाता है…इसी वजह से 26 दिसंबर को बॉक्सिंग डे कहा जाता है….क्रिसमस पर कई श्रमिकों को काम भी करना पड़ता था, इसलिए उन्हें अगले दिन छुट्टी देने के लिए बॉक्सिंग डे से छुट्टी की परंपरा जुड़ी है…जैसे दीवाली-होली पर हम घर पर नियमित तौर पर आने वाले पोस्टमैन, स्वीपर, चौकीदार आदि को बख्शीश देते हैं ऐसे ही बॉक्सिंग डे पर ब्रिटेन या उसके उपनिवेश रहे देशों में भी रिवाज़ है…काम वाली जगहों पर भी स्टाफ को गिफ्ट देने का प्रचलन है…

आयरलैंड में बॉक्सिंग डे को सेंट स्टीफंस डे कहा जाता है…स्टीफन रोम में रहते थे और माना जाता है कि वो पहले शख्स थे जिन्हें जीसस के उपदेशों में विश्वास रखने के चलते जान देनी पड़ी थी…

बॉक्सिंग डे से एक क्रूर खेल की भी परंपरा जुड़ी है…इस दिन लाल और सफेद कपड़ों में घुड़सवार लोमड़ी के शिकार के लिए निकलते…उनके साथ कुत्ते भी दौड़ते…कोशिश यही रहती कि लोमड़ी को भगा-भगा कर थका दिया जाए जिससे कि कुत्ते उसे मार सकें…इस परंपरा के खिलाफ इस दशक के शुरू में एनिमल वेलफेयर संगठनों ने अभियान चलाया…नवंबर 2004 में सांसदों की वोटिंग के बाद इंग्लैंड और वेल्स में कुत्तों के साथ शिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया…18 फरवरी 2005 से कुत्तों के साथ शिकार पर निकलने को आपराधिक कृत्य घोषित कर क़ानून बना दिया गया..

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shikha varshney
13 years ago

सही जानकारी , सार्थक पोस्ट.

मुकेश कुमार सिन्हा

hamne to isko kuchh maar-dhaar se jor kar dekha tha:D:D:D:

achchhi jaankari:)

Satish Saxena
13 years ago

बढ़िया जानकारी … !
शुभकामनायें

Smart Indian
13 years ago

रोचक रही बॉक्सिंग डे की जानकारी। क्रूर शिकार पर एक न एक दिन तो प्रतिबन्ध लगना ही था।

Rahul Singh
13 years ago

''बंद तो मुट्ठी लाख की'' और खुलने पर भी सौगात लुटाती.

दिनेशराय द्विवेदी

नयी जानकारियां मिलीं।

Atul Shrivastava
13 years ago

बढिया जानकारी…..

Rahul Singh
13 years ago

बढि़या पिटारा.

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

यह डे तो थोडा अलग निकला.

डॉ टी एस दराल

मुक्केबाजी भले ही न हो , लेकिन बल्लेबाज़ी और गेंदबाज़ी तो होती ही है । 🙂
अच्छी जानकारी दी है , हमें भी आज ही पता चला सही मतलब ।

अनूप शुक्ल

वाह! हम तो समझते थे कि बाक्सिंग डे में मुक्केबाजी होती होगी। अब समझ आया कि इसका संबंध तो बक्से से है। 🙂

Arun sathi
13 years ago

सार्थक प्रयास, आभार

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