क्या फिक्स हैं डायचे वेले अवार्ड्स?…खुशदीप

एक सज्जन मेरी एक पोस्ट पर अपनी टिप्पणी के ज़रिये ये सवाल उठा
चुके हैं-…


धन्यवाद…आपने मुझे इस क़ाबिल समझा कि मैं अकेले ही अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर किसी ब्लॉग को जिताने की क्षमता रखता हूं…



इन सज्जन ने मेरा ब्लॉग नामित नहीं होने पर मेरी खीझ के बारे में सही कहा…क्योंकि
ये मेरा शगल रहा है कि पहले तो मैं इस फ़िराक में रहता हूं कि सम्मान या अवार्ड
कहीं भी बंट रहा हो-  गली-मुहल्ला, कस्बा-शहर,
राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय, अपना नाम संभावितों की सूची में शामिल करा दूं…और फिर
उसे लेने से मना कर दूं…इससे जो नाम होता है, आनंद मिलता है, उसका भला कहना ही
क्या…
अब डॉयचे वेले ने ये हिमाकत भला कैसे कर दी कि मेरे ब्लॉग का नाम नामांकित
ब्लॉगों में शामिल नहीं किया…और मुझे उसे ठुकराने के परमानंद से वंचित कर दिया
?

ये बात दूसरी है कि जब ब्लॉग जगत में बहुत कम लोगों को ही पता था कि डॉयचे
वेले ने इस साल बाब्स (बेस्ट ऑफ ब्लॉग्स) के लिए हिंदी को भी शामिल किया है और
ब्लॉग्स के नाम 6 मार्च तक सुझाने के लिए कहा है तो मैंने इस पर 13 फरवरी को एक पोस्ट
लिख मारी…उस पोस्ट में विस्तार से इन अवार्ड्स के बारे में बताया…यानि पूरे
ब्लॉग जगत को पता चल गया कि इन अवार्ड्स के लिए किसी भी ब्लॉग का नाम 6 मार्च तक सुझाया
जा सकता है…इस अवार्ड्स के बारे में प्रचार-प्रसार करने से मुझे ये नहीं पता था
कि अपने पैर पर ही कुल्हाड़ी मार लूंगा…अरे जब बहुत कम लोगों को पता था तो
चुपचाप बैठा रहता…अपने शुभचितकों से ज़्यादा से ज्यादा अपने ब्लॉग का ही सुझाव
भेज देता…कम लोगों को पता रहता तो औरों के ब्लॉग के सुझाव भी कम जाते…यानि
जूरी के सामने भी कम विकल्प ही रहते और झक मार कर मेरे ब्लॉग का चुनाव करना ही
पड़ता…
ख़ैर चलिए…फिर 6 मार्च के बाद जूरी ने ब्लॉग्स को नामांकित करने का काम शुरू
किया…जूरी के पास इतने सुझाव आ गए, उनमें भला मेरा दोयम दर्जे का देशनामा कहां
टिकता…3 अप्रैल तक जूरी की ओर से नामांकित ब्लॉग्स की सूची भी जारी कर दी गई और
इन ब्लॉग्स के लिए 7 मई तक वोट मांगे गए….इसकी सूचना भी मैंने सबसे पहले 3 अप्रैल को ही अपनी इस पोस्ट के ज़रिए ब्लॉग जगत को दी…इस बात की पुष्टि भी कुछ
नामांकित ब्लॉगर्स की ओर से की गई कि उन्हें सबसे पहले ये खुशख़बरी मेरी पोस्ट से ही
मिली…इस सूचना का प्रचार-प्रसार कर के भी मैंने गलती की…जब मुझे पता था कि
मेरा ब्लॉग नामांकित ब्लॉग्स की सूची में नहीं है तो मुंह सिल लेता…हां, इन
नामांकित ब्लॉग्स में से कोई पसंदीदा ब्लॉग होता तो बस उसके लिए ज़्यादा से
ज़्यादा वोटिंग का अभियान चुपचाप कराता रहता…लेकिन नहीं जी, मुझे तो ढिंढोरा पीट
कर आफ़त मोल लेने का शौक जो है…

अब आख़िर में आता हूं सबसे महत्वपूर्ण सवाल पर…इन अवार्ड्स के लिए बड़े बड़े
धुरंधर रह गए लेकिन एक शख्स इतने महान निकले कि उन्हें एक नहीं तीन-तीन जगह
नामांकन मिल गया…बेहतरीन हिंदी ब्लॉग की श्रेणी में इन्हें दो नामांकन
मिले…इसके अलावा 14 भाषाओं के ब्लॉग्स को मिलाकर बनाई गई सबसे रचनात्मक ब्लॉग की
श्रेणी में भी इन्हें एक नामांकन मिला…वाकई बहुत प्रतिभाशाली होंगे ये शख्स…हा
इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि इस शख्स का परिचय हिंदी ब्लॉग्स को नामांकित करने
वाले जूरी सदस्य से बहुत पहले से है…इसका सबूत है जूरी के इस सदस्य के अपने ब्लॉग के साइड-बार में लगा लिंक रोड….ये लिंक रोड हाल-फिलहाल का नहीं बहुत पुराना
है…यानि तीन नामांकन पाने वाले शख्स पहले से ही जूरी सदस्य के पसंदीदा है और
उनका नाम लिंक-रोड में दिए चुनींदा ब्लॉग्स में शामिल है…

ऐसे में सवाल उठता है कि क्या ये महज़ इत्तेफ़ाक़ ही है कि कोई जूरी सदस्य
जिसे पहले से ही जानता है, जिसके ब्लॉग को पसंद करता है, जिसका लिंक अपने ब्लॉग पर
देता है, उसी को तीन-तीन नामांकन देने का ज़रिया बन जाए
? ऐसे में क्या इसी शख्स के सिर पर
बॉब्स का ताज सजना नहीं बनता है बॉस?….

अब ये बात दूसरी है कि किसी मुकदमे के दौरान भी जज को पता चल जाता है कि
मुकदमा लड़ने वालों में से कोई उसकी जान-पहचान का है तो वो खुद को उस मुकदमे की
सुनवाई से अलग कर लेता है…लेकिन यहां तो जूरी सदस्य के हाथ में हर कदम पर अपनी पहचान के ब्लॉग को जिताने के लिए असीम ताकत है…
ते कि मैं झूठ बोलया….
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Khushdeep Sehgal
12 years ago

अदा जी,

यहीं तो परेशानी है…क्योंकि सब मानते हैं…

I AM NOBODY
NOBODY IS PERFECT
THEREFORE I AM PERFECT…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

दीपक जी,

आपकी आखिरी लाइन पर 'हम आपके हैं कौन' का गाना याद आ गया…

हाय राम, फिक्सिंग का है ज़माना…

जय राम…

दीपक बाबा

यही को कब से कहता आ रहा कि हकीम नुमा दो चार ब्लोगर 'पाम्पिया' को तलाक दे दिया जाए

Khushdeep Sehgal
12 years ago

दीपक जी आप कहें और आपकी फ़रमाइश पूरी ना हो, ये भला कैसे हो सकता है…लीजिए…

http://www.deshnama.com/2011/11/blog-post_13.html

जूलियस सीजर की दूसरी पत्नी का नाम पॉम्पिया था…67 बीसी में दोनों की शादी हुई थी…63 बीसी में सीजर रोमन स्टेट के पोन्टिफेक्स मैक्सीमस यानि मुख्य पादरी चुने गए…62 बीसी में सीजर की पत्नी पोम्पिया ने बोना डिया (अच्छी देवियों का समारोह) का आयोजन किया…इस आयोजन की खास बात होती थी कि कोई भी पुरुष इसमें शिरकत नहीं कर सकता था…लेकिन क्लॉडियस नाम का एक खूबसूरत युवक महिला का वेश धर कर इस आयोजन में पहुंच गया…उसका मकसद सीजर की पत्नी पॉम्पिया को अपनी ओर आकर्षित करना था…क्लॉडियस पकड़ा गया…उस पर पवित्र रस्म के अनादर का मुकदमा चला…लेकिन जूलियस सीजर ने क्लॉडियस के खिलाफ कोई सबूत पेश नहीं किया…क्लॉडियस बरी हो गया…लेकिन बाद में सीज़र ने पत्नी पॉम्पिया को तलाक दे दिया…ये कहते हुए कि वो मेरी पत्नी है, वो रत्ती भर भी संदेह की गुंजाइश से बाहर होनी चाहिए…
"Caesar's wife must be above suspicion."

जय हिंद…

दीपक बाबा

@रतन जी,

Caesar's wife must be above suspicion…

पिछली कई पोस्टों विच इक लाइन सुन रहा हाँ, जरा Caesar's दी wife दे बारे विच वी कुछ छाप देना …

दीपक बाबा

खुशदीप सर, ये ठीक है कि मैं कुछ लिखता नहीं, पर पढता जरूर हूँ जिसमे लाल सलाम से लेकर प्रणाम तक है और वो औरत की हकीकत से हलाल मीट से कहीं ज्यादा श्रेष्ट है..

उन्हीं सब को लेकर परेशानी होनी लाज़मी है.

बाकि फिक्सिंग का ज़माना है.

स्वप्न मञ्जूषा

खुशदीप जी,
वैसे तो इतना कुछ कहने की आवश्यकता नहीं थी आपको, लेकिन चलिए ये भी अच्छा ही रहा फिर से लोगों को आपने याद दिल दिया। आप तो बस अपना काम जैसे करते रहे हैं, वैसे ही करते रहिये। यहाँ कोई भी ऐसा नहीं है जिसे हम दोष रहित कह सकते हैं। नारी की अगर अपनी कमियाँ हैं तो बाकियों की भी हैं। सबको उनकी कमियों के साथ ही स्वीकारा जा रहा है, फिर नारी अपवाद क्यूँ हो ?
कुछ बहुत ही अच्छे ब्लोग्स थे जिनका नामांकन ही नहीं हुआ, जैसे सुरेश चिपलूनकर जी का ब्लॉग और अजित वडनेकर जी का ब्लॉग। कम से कम मुझे तो ये दोनों मेरी नज़र में अच्छे लगते हैं। कोई बात नहीं फिर कभी सही।

Khushdeep Sehgal
12 years ago

सुरेश जी,

आप ने आकर इतना लिख दिया, यही मेरे लिए हज़ारों-हज़ार लाइक के बराबर है…

जय हिंद…

Unknown
12 years ago

खुशदीप जी…यह बड़ी दुखद बात है कि यहाँ कमेंट्स पर लाइक का आप्शन नहीं है, वर्ना मैं आपके कुछ जवाबों को लाइक कर देता… 🙂 🙂

Khushdeep Sehgal
12 years ago

क्या अजय भईया,

छाती फुलवा फुलवा के क्यूं अपने सलमान भईया को कॉम्पलेक्स देने की तैयारी कर रहे हो…जिमवा तो पहले से ही जा रहे हो…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

शुक्रिया हर्षवर्धन (छोटे हो, इसलिए जी नहीं लगा रहा),

कभी मौका मिले तो सम्मान-पुरस्कार आदि पर अमर ब्लॉगर डॉ अमर कुमार के विचार जानने
की कोशिश कीजिएगा…इनकी निरर्थकता समझ आ जाएगी…

जय हिंद…

HARSHVARDHAN
12 years ago

ऐसे पुरस्कारों से, बिना पुरस्कार मिलना ही अच्छा!! डंके की चोट पर आपने ये बात कही इसके लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद।

नये लेख : "चाय" – आज से हमारे देश का राष्ट्रीय पेय।
भारतीय रेलवे ने पूरे किये 160 वर्ष।

अजय कुमार झा

काहे को मन गाए और काहे को मनवा रोए रे ,
किसी जतन रहो मगन , हिंदी का सम्मान तो होए रे,

खुशदीप भाई , हमें न तो नारी ब्लॉग से आपत्ति है न ही तस्लीम से और न ही हलाल मीट से , इसके अलावा अन्य जो भी नामांकित हैं ।

वे चाहें फ़िक्स हों , चाहे सिक्स हों ,
सैट मैक्स हों , या सोनी मिक्स हों ..

अजी हमारे लिए तो यही छाती फ़ुलाने के लिए काफ़ी है कि जर्मनी में हिंदी ब्लॉग दंड पेलने के तैयार खडे हैं । सबको शुभकमनाएं 🙂

Khushdeep Sehgal
12 years ago

किस्मत कनेक्शन 🙂

जय हिंद…

संतोष त्रिवेदी

मेरा भी कनेक्शन हैं 🙂

Khushdeep Sehgal
12 years ago

संतोष जी,

आपके फेसबुक वॉल पर प्रमुखता से लगाए गए फोटो में माननीय जूरी सदस्य नज़र भी आ रहे हैं…अच्छे परिचित लगते हैं आपके…

http://www.facebook.com/santosh.trivedi?hc_location=stream

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

वाह, ताऊ समझता भी है…

सीक्रेट एजेंट से पता लगवाइए, इस बीमारी का ओरिजन कहां से हुआ…कहीं अपने दक्षिण एशियाई उपमहाद्वीप से तो नहीं…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

संतोष जी,

जाति, धर्म और नस्ल का कोई जेंडर नहीं होता…

ब्लॉग या व्यक्ति नहीं मुद्दा महत्वपूर्ण है…

जो ब्लॉग माननीय जूरी सदस्य के ब्लॉग के लिंक रोड पर है, वही जद में आ सकते हैं ना, जो ब्लॉग वहां है ही नहीं, वो कैसे भला आ जाएगा…

देशनामा की तारीफ़ के लिए आभार…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

रोहित…

दिल की बातें, दिल वाले जानते हैं…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

शुक्रिया यशवंत जी,

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

मुकेश भाई,

NICE…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

लेकिन इससे तो चूहा भी नहीं डरेगा…

जय हिद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

हम अंग्रेज़ों के ज़माने के जेलर हैं…अबे जब हम नहीं सुधरे तो तुम क्या सुधरोगे…हे हे…

जय हिंद…

ताऊ रामपुरिया

ते कि मैं झूठ बोलया….ताऊ तो ये नही कहता.:)

सारे प्रोग्राम को समझकर यह समझ आगया कि ये वैश्विक बीमारी है.:)

रामराम.

संतोष त्रिवेदी

वाह भाई ।
अपनी टैग लाइन में जाति, धर्म और नस्ल के दायरे में न बंधने की बात कही है और 'नारी' को तमाम कमियों ,विरोधों के बावजूद थामे हुए हैं। यह सब बिना किसी मेरिट के आप कर रहे हैं,क्यूँ? ऐसा आप भी शायद न जानते होंगे।
जिस ब्लॉग पर हमेशा नकारात्मकता करने व पढ़ने तक के लिए आरक्षित करने काआरोप लगा हो वह आपके दृष्टिकोण में अचानक क्रांतिकारी हो जाता है।
जिस आधार पर तस्लीम और अन्य ब्लॉग फिक्सिंग की जद में आ सकते हैं,नारी क्यों नहीं ?
वाह खुशदीप जी !अच्छा रहा आपका देशनामा !

Rohit Singh
12 years ago

अरे दादा क्या दिल पर लेकर बैठ गए हो…जब ठहरे पानी में मोटा पत्थर मार ही दिया है तो लहरे पैदा होने दो..काहे को गिनने लगे….अब कोई जीते या कोई हारे….क्या फर्क पड़ता है….जो जीते वो नाचे ..जिनका नाम नहीं गया उनको बकबक करने दो…दिल की बात कहने के लिए अवार्ड मिले…ऐसा तो सुना नहीं था न ही कहीं पढ़ा था..आप भी न..

Yashwant R. B. Mathur
12 years ago

आपने लिखा….हमने पढ़ा
और भी पढ़ें
इसलिए कल 18/04/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
आप भी देख लीजिएगा एक नज़र ….
धन्यवाद!

मुकेश कुमार सिन्हा

meri shubhkamnayen sabke liye 🙂

मुकेश कुमार सिन्हा

Peoples Blogger…:)
baat me bahut damm hai …

Arvind Mishra
12 years ago

Aapne to Brahmastra hi chala diya!

vandana gupta
12 years ago

हम नहीं सुधरेंगे
लडेंगे मरेंगे झगडेंगे
मगर हम नही सुधरेंगे ……………ये ब्लोग जगत है प्यारे

Khushdeep Sehgal
12 years ago

Rachna ji,

It does not matter who will win or loose, I'm not supporting you, but a cause and i'll continue to do it up to the last moment…

Jai Hind…

रचना
12 years ago

Khushdeep
It was because of your post that i became aware of this bobs blog activism award
After reading the first post , i went to read the rules there on their site
After reading the rules , i understood that if we want to send NAARI blog here WE NEED TO GET IT NOMINATED

The process of nomination was simple , anyone could nominate any blog , I requested few people from hindi blog world who are
– regular readers of naari blog
– are internet users and well settled in various fields and known to me

They were kind enough to nominate Naari Blog for category BEST HINDI BLOG FOR BLOG ACTIVISM

Then I after the stipulated time I read Dr Mishras post which linked your post where in you had congratulated hindi blogworld for the nominations and I realised that NAARI is there in nomination list of 364 blogs from the world

HATS OF TO YOU TO BE SO AWARE ABOUT WHAT IS GOING ABOUT THE BLOGGING IN THIS WORLD .

Now on the question of being fixed or not fixed I am unable to say any thing because i am blogger who has no links in media or else where

But
who is blogging continuously from 2007 on NAARI BLOG which was basically started to fight gender bias on hindi blog front and which gradually moved on to other directions

I have been personally targetted for writing there , I been called with
foul names , my family details have been put on net , i get threat mails and TO TOP IT ALL ONCE EVERY YEAR I AM TOLD A COURT CASE IS GOING TO BE LAPPED AGAINST ME
In so called hindi blog meets MY NAME has been used in way that shows the character of typical MCP

But this happens to all activist so I have learned to live with it .

Thank you so much for being kind enough to promote naari blog for this award with an intention to promote woman bloggers who blog in Hindi o n the global front

Voting is just one part of the game , it will REALLY DEPEND ON THE JURY FOR HINDI BLOGS HOW THEY PRESENT THEIR SECTION TO JURY OF BOBS
If they want one particular blog to win from hindi section they will have to present it in very strong terms and will have to translate a lot of post in english i think

For me to be part of 364 top nominations by itself is good enough so

JAI HINDI
JAI BHARAT

Khushdeep Sehgal
12 years ago

संजय जी,

क्या बात है…

जो तुमको हो पसंद, वही बात कहेंगे,
तुम दिन को अगर रात कहो तो रात कहेंगे…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

भारतीय नागरिक जी,

धीरे-धीरे बोलो, कोई सुन ना ले…

जय हिंद…

संजय कुमार चौरसिया

KYA KARENGE AWARD LEKAR, BLOG HAMARE MAN KII BAAT HAI , TO BAAT YUN HI LIKHTE RAHENGE,

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

भारत के अवार्ड सिस्टम के बारे में तो पता है और भारतीयों के भी.

Khushdeep Sehgal
12 years ago

रतन जी,

Caesar's wife must be above suspicion…

जय हिंद…

Gyan Darpan
12 years ago

इन जूरी महोदय का चरित्र भी जगजाहिर है | लगता है इन्होने अपने लिंक रोड़ में शामिल ब्लॉगस के अलावा दूसरे को कभी देखने की जहमत ही नहीं उठाई !!
जब अपनी पसंद ही थोपनी थी तो वोटिंग का ड्रामा ही इन्होने क्यों किया ? समझ से परे है !!

Khushdeep Sehgal
12 years ago

केवल भाई,

'पीपुल्स' जिस के साथ जुड़ जाता हैं , उसका ये मतलब है कि वो किसी औपचारिक ऐलान का मोहताज नही बल्कि लोगों के दिलों में रहता है…

जय हिंद…

केवल राम
12 years ago

भाई जरा 'पीपुल्स ब्लॉगर' की परिभाषा को स्पष्ट करने की कृपा करें …..हो सकता है यह मेरे काम आये ….!!!

Khushdeep Sehgal
12 years ago

सतीश भाई,

गाने की जो आदत है- एक्सीडेंट हो गया रब्बा-रब्बा…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

के के भाई,

क्या करूं 'सफ़ेद झूठ' बोलने की लत जो लग गई है…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

अवधिया जी,

धर्मेंद्र को सत्यकाम जैसी फिल्म करने के बावजूद अपने पचास साल के करियर में एक्टिंग के लिए कोई बड़ा अवॉर्ड नहीं मिला…मिला भी तो बस फिल्मफेयर का लाइफ़टाइम एचीव्मेंट अवॉर्ड…

जय हिंद…

Khushdeep Sehgal
12 years ago

ललित भाई,

जिस तरह एपीजे अब्दुल कलाम को 'पीपुल्स प्रेसीडेंट'और राजकुमारी डायना को'पीपुल्स प्रिंसेज़'कहा जाता था उसी तरह समीर जी 'पीपुल्स ब्लॉगर' हैं…

जय हिंद…

Satish Saxena
12 years ago


सड़क पर दुर्घटना घटती देख कर भारतीय जनमानस की न रुकने की आदत जगजाहिर है …
आप क्यों रुक गए खुशदीप भाई ??
ढक्कन हो यार !!

Dudhwa Live
12 years ago

आभार खुशदीप भाई की आप अवगत तो कराते है मसलो से नहीं तो ब्लॉग जगत अनजान रहता इ सब से ….शुक्रिया

Unknown
12 years ago

क्या सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग की कोई परिभाषा है? किस आधार पर चुनाव हुआ यह तो केवल चुनाव करने वाले जानते हैं। अलेक्सा रैंक के आधार पर, गूगल पेज रैंक के आधार पर, ब्लॉग में आने वाले ट्रैफिक के आधार पर?

हो सकता है कि ब्लॉग की सामग्री की श्रेष्ठता के आधार पर, किन्तु ब्लॉग में श्रेष्ठ सामग्री हो और उसमें पढ़ने के लिए आने वाले ही न हो तो? जंगल में मोर नाचा किसने देखा?

हो सकता है कि और लोग भी शायद जानते हों, पर कम से कम मुझे तो पता नहीं है कि किस आधार पर सर्वश्रेष्ठ ब्लॉग का चयन होता है।

ब्लॉ.ललित शर्मा

डाचा बेले में "उड़न तश्तरी" को न देख कर निराशा हुई, वरना आज तक ब्लॉग जगत के सभी पुरस्कार उन्हे मिलते रहे हैं। गत वर्ष परिकल्पना के 10 साला ब्लॉगिंग में वे टॉप पर रहे। इसमें मुझे कोई षड़यंत्र नजर आ रहा है कि ब्लॉग जगत के टॉप ब्लॉग "उड़न तश्तरी" को नामित न किया जाना। बाकी डाचा बेले जाने।

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