कौन कहता है बाल विवाह अपराध है…खुशदीप

गुजरात देश का विकास मॉडल है… यहाँ तक की कांग्रेस के विज्ञापन में भी मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की तारीफ छप जाती है…अमिताभ बच्चन ब्रांड अम्बेसडर बन कर गुजरात की छवि को प्रोमोट करने में जुटे हैं…लेकिन इसी गुजरात के बारे में एक खबर यह भी पढने को मिली…बाल विवाह से जुडी यह खबर किसी अनपढ़ या पिछड़े समाज की नहीं हैं…यह बात बच्चों के पहनावे से ही समझ आ रही है…मोदी जी और अमिताभ जी ज़रा अमरेली की इस घटना की और भी ध्यान दीजिये….
ये हैं जय और जिया… उम्र महज दो साल…रिश्ता, भावी पति-पत्नी…यह बात अलग है जय की मां मीना जिया के पिता राम की बहन है…यानी जय और जिया ममेरे-फुफेरे भाई-बहन हैं…रविवार को इन दोनों की सगाई हो गई…ये दोनों गुजरात के लेउवा पटेल समाज के हैं…

इस समाज में प्रति हजार लड़कों पर महज 750 लड़कियां हैं…समाज में भाई-बहन के बीच सगाई की इस पहली घटना को लिंगानुपात के अंतर से जोड़कर देखा जा रहा है…इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद वीरजीभाई ठुमर भी मौजूद थे…उन्होंने लेउवा पटेलों को क्षत्रियों का वंशज बताते हुए कहा, जब क्षत्रियों में आज भी ऐसा चलन है तो इनमें ऐसे संबंध क्यों नहीं किए जा सकते…

बाबरा तहसील के चमारडी गांव में  रहने वाले लेउवा पटेल समाज के सरपंच जादवभाई वस्तरपरा ने अपनी दो वर्षीय पोती जिया की सगाई अपनी बेटी मीनाबेन के दो वर्षीय पुत्र जय के साथ करवाई… इस बारे में जादवभाई का कहना है कि उन्होंने मामा-बुआ के बच्चों के बीच वैवाहिक संबंध स्थापित कर एक नई प्रथा की शुरुआत की है…

लेउवा पटेल समाज के अग्रणियों के अनुसार दरअसल लेउवा पटेल मूल क्षत्रियों के वंशज हैं और क्षत्रियों में आज भी यह रिवाज प्रचलन में है…इसलिए लेउवा पटेल समाज में इस परंपरा की शुरुआत कर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया…

इधर दो वर्षीय जिया के बड़े पापा और उद्योगपति गोपालभाई का कहना है कि यह परंपरा क्षत्रिय वंश की परंपरा है और दूसरी मुख्य बात यह कि पारिवारिक विवाह संबंध से लड़कियों को भी भविष्य में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा…इस प्रसंग पर लेउवा पटेल समाज की कई दिग्गज हस्तियों  के साथ पूर्व सांसद वीरजीभाई ठुमर भी मौजूद थे…

सरपंच जादवभाई के अनुसार उन्हें मामा-बुआ के बच्चों के वैवाहिक रिश्तों को लेकर किसी तरह की आलोचना का भय नहीं है…उनके अनुसार इस रिश्ते के संबंध में उन्हें लेउवा पटेल समाज का समर्थन प्राप्त है और वे पूरे लेउवा समाज से इस प्रथा को आगे बढ़ाने का भी आह्वान करेंगे…

(सौजन्य दिव्य भास्कर)
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pappusuman
8 years ago

Sarmnak

Rakesh Kumar
13 years ago

अफ़सोसजनक,शर्मनाक.

Anju (Anu) Chaudhary
13 years ago

शर्मनाक ……..और अफ़सोस होता हैं ऐसे रीति रिवाज़ देख और सुन कर …

वाणी गीत
13 years ago

भर्त्सनीय !

DR. ANWER JAMAL
13 years ago

आपकी पोस्ट बताती है कि दूरियां भ्रम और नफ़रतें बेबुनियाद हैं।
आपकी पोस्ट को सजाया गया है यहां ‘ब्लॉग की ख़बरें‘ पर,
हिंदी ब्लॉग जगत में ब्लॉग पत्रकारिता का सूत्रपात करने वाला समाचार पत्र
जो अपनी निष्पक्षता के लिए आज भी अकेला ही नज़र आता है।
http://blogkikhabren.blogspot.in/2012/02/bal-vivah.html

Ayaz ahmad
13 years ago

bade logon ki baat badi hoti sahab.

Satish Saxena
13 years ago

शर्मनाक ….

khan ki kalam se
13 years ago

is samaj ke log bade conservative type ke hain…. ye apni dakiyaanusi ko dikha rhe hain… desh aage badh rha hai…. samaj aage badh rha hai… aur ye log aaj bhi koowe ke mendhak bane huye hain… aur bane hi rehna chahte hain…. ye bal vivah sirf isliye ho rha hai kyunki inke bacche kisi other caste me shaadi na karen…. mere vichar me ya bahut galat hai…. aur main kade shabdo me inki nindaa karta hoo…..

ब्लॉ.ललित शर्मा

लड़कियों की कमी के कारण उठाया गया कदम। दक्षिण में भी कुछ समाजों में मामा-बुआ के बच्चों का विवाह होता पर, पर उत्तर भारत में नहीं।

Geeta
13 years ago

hmm, chalo mana unke yaha aisi pratha hai ke mama bua ke bacho ki shaddi ki ja sakti hai par itni kam umr mei kyun? ajeeb pratha, ajeebo garib log

Unknown
13 years ago

दुनिया है…. होता है… मुस्लिम बिरादरी मे तो इस तरह के तमाम उदाहरण मिल जाएंगे

संध्या शर्मा

सच सिर्फ अफ़सोस होता है ऐसी घटनाओं और परम्पराओं पर… पता नहीं कब सुधरेगा हमारा समाज…

Atul Shrivastava
13 years ago

अफसोस…..

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

कमाल है, आज के युग में भी बाल विवाह…

प्रवीण पाण्डेय

अजीबोगरीब परम्परायें..

Pallavi saxena
13 years ago

उफ़्फ़…कहाँ जा रहे हैं हम ….

दिनेशराय द्विवेदी

मामा बुआ के भाई बहन के बीच उस जाति में यदि यह पहला रिश्ता है और जाति जनजाति नहीं है। तो हर हाल में यह विवाह गैर कानूनी तथा शून्य होगा।

परमजीत सिहँ बाली

जिसने जो करना है वह करेगा….अपनी निबेड़ पराई ना छेड़…

अजित गुप्ता का कोना

भगवान अक्‍ल दे ऐसे समझदारों को।

shikha varshney
13 years ago

हे भगवान …

Archana Chaoji
13 years ago

संताने अगर दो भाई हो या दो बहने होंगी तब शायद माँ से राखी बँधवानी होगी या पिता को राखी बाँधनी होगी…..

sonal
13 years ago

gudde gudiyon kaa khel bana rakhaa hai

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