के भईया आल इज़ वैल…खुशदीप

हम सबसे बड़े इडियट्स हैं…हमने ये साबित कर दिया है…बेशक हम अपने को फन्नेखां माने लेकिन कोई भी हमारा पोपट बना सकता है…और हम खुशी खुशी बनते हैं…बनते ही नहीं है जेब से रकम भी खर्चते हैं…भले ही भलाई के काम के लिए फूटी कौड़ी हमारी अंटी से न निकले…लेकिन निकालने वाले को बस निकालना आना चाहिए…हम देंगे भी और हमारे चेहरे पर शिकन नहीं मुस्कान रहेगी…

ऐसा ही कुछ किया है आमिर ख़ान एंड कंपनी ने हमारे साथ…विधू विनोद चोपड़ा का बैनर…राज कुमार हिरानी का निर्देशन, आमिर-माधवन-शरमन की अभिनय त्रिमूर्ति और चेतन भगत की किताब …फाइव पाइंट समवन…इन सब महारथियों ने कुनबा जोड़ा और हमारे लिए फिल्म पेश की…थ्री इडियट्स…जिस तरह की मार्केटिंग रणनीति इस फिल्म के लिए अपनाई गई, मुझे याद नहीं पड़ता बॉलीवुड के इतिहास में पहले कभी फिल्म को हिट कराने के लिए ऐसे फंडे अपनाए गए हों…नतीजा आपके सामने हैं…फिल्म रिलीज़ होने के पहले दो हफ्ते में 240 करोड़ की कमाई…भारत समेत पूरी दुनिया में हिंदी फिल्म की कमाई के मामले में सारे रिकॉर्ड्स तोड़ दिए…

आपने शायद गौर किया हो जैसे ही फिल्म की रिलीज की डेट पास आती गई, चेतन भगत की थ्री इडियट्स के निर्माता-निर्देशक से नाराज़गी बढ़ती गई…चेतन भगत का आरोप था कि जिस क्रेडिट के वो हकदार थे वो उन्हें फिल्म के टाइटल्स में नहीं दिया गया…दूसरी ओर फिल्म बनाने वालों का कहना था कि कॉन्ट्रैक्ट में चेतन भगत के साथ सारी शर्ते पहले ही तय कर ली गई थीं और तय मेहनताने की एक-एक पाई उन्हें चेक के ज़रिए चुकाई गई …चेतन भगत पर ये आरोप भी लगाया गया कि वो स्क्रिप्ट राइटर अभिजात जोशी से हक़ छीनना चाहते हैं….ये दावा भी किया गया कि दर्शक फिल्म देख लें और साथ ही चेतन भगत की किताब पढ़ लें और खुद ही तय करें कि दोनों में कितनी समानता है…

नोएडा के एक मॉल में एक पत्रकार ने प्रेस मीट में इस विवाद के बारे में प्रश्न क्या पूछा कि फिल्म निर्माता विधू विनोद चोपड़ा आपे से बाहर हो गए और सवाल पूछने वाले को शट-अप तक कह गए…आमिर ख़ान और निर्देशक राज कुमार हिरानी दोनों ही विधू विनोद चोपड़ा से माइक ही छीनते रह गए…लेकिन विधू ने जो कहना था, कह कर ही दम लिया…नतीजा ये निकला कि देश भर के मीडिया में इस घटना को जमकर कवर किया गया…यानि तीर पूरी तरह निशाने पर बैठा…लाखों-करोड़ों खर्च कर भी फिल्म को जो पब्लिसिटी नहीं मिल सकती थी वो एक ही झटके में मिल गई….

ऐसा नही कि मैनेज्ड ड्रामे का लाभ सिर्फ फिल्म को ही बॉक्स आफिस पर मिला…चेतन भगत की किताब फाइव पाइंट समवन…जो चार साल पुरानी हो चली थी, भी दोबारा हॉट केक की तरह बिकने लगी…दिल्ली के खान मार्केट में किताबों के विक्रेता बाहरीसंस के रजनी बाहरी मल्होत्रा बताते हैं कि किताब की बिक्री में पिछले कुछ दिनों में ही साठ फीसदी की बढ़ोतरी हुई है…किताब के रीप्रिंट के ऑर्डर भी धड़ाधड़ दिए जा रहे हैं…

सब कुछ स्क्रिप्ट के मुताबिक होने के बाद…लड़ाई-लड़ाई माफ़ करो…………साफ़ करो….वाली तर्ज पर चेतन भगत और फिल्म के प्रोडक्शन हाउस के बीच सारा टंटा भी खत्म हो गया…चेतन भगत ने दो दिन पहले फिल्म बनाने वालों से माफ़ी भी मांग ली…साथ ही आमिर ख़ान के लिए भी सम्मान का भाव जता दिया…शायद आगे की किसी फिल्म के लिए मार्केटिंग रणनीति अभी से बनने लगी हो…

वैसे थ्री इ़़डियट्स के प्रोडक्शन हाउस ने एक और शिगूफ़ा छोड़ा है…वो है फिल्म की स्क्रिप्ट को किताब की शक्ल में पेश करने का…ओम बुक्स इंटरनेशनल की ओर से प्रकाशित की जा रही तीन सौ पन्नों वाली इस किताब की तीन हज़ार प्रतियां जनवरी में ही रिलीज़ की जा रही है…यानि कमाई का यहां भी चोखा रंग सामने आएगा…

अब ये सब कुछ पढ़ने के बाद बताइए….कौन है जीनियस और कौन हैं इडियट्स….अपुन राम तो यही गाए जा रहे हैं…के भईया आल इज़ वैल…

स्लॉग ओवर

पति-पत्नी गोरे थे…बच्चा काला भुजंग पैदा हुआ…देखने वालों ने आश्चर्य जताया…पति ने सफ़ाई दी…अरे यार किसी का कसूर नहीं है…ये मेरी प्राण प्यारी जो कुछ भी बनाती है, ऐसे ही जला-भुना देती है…

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आप कितने स्मार्ट हैं…

जानना है, आइए मेरे अंग्रेज़ी ब्लॉग Mr Laughter पर…

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