दो दोस्त बड़े दिनों बाद मिले…एक दोस्त ने दूसरे से बच्चों का हालचाल पूछा…दूसरे का जवाब था…पप्पू पास हो गया और मुन्नी बदनाम हो गई…
किसी फिल्मी गाने में जीवित व्यक्ति के नामों का इस्तेमाल क्या कहर ढा सकता है ये सारे पप्पुओं और मुन्नियों से पूछो…पप्पू कान्ट डान्स साला…पप्पू पास हो गया…ने कुछ साल पहले ऐसा गजब बरपाया था कि एक पप्पू जी त्रस्त होकर हक़ीक़त में अदालत की शरण में चले गए…उन्हें फिल्मी गानों से भी ज़्यादा दिल्ली सरकार से गुस्सा था…क्योंकि सरकार ने चुनाव में मतदान का प्रतिशत बढ़ाने के लिए बाकायदा कैम्पेन चलाया था…पप्पू मत बनिए, वोट ज़रूर डालिए…अब बताइए सारे पप्पू क्या असल में ही पप्पू होते हैं…पप्पू मत बनिए से मतलब…वाकई पप्पू जी का भड़कना सोलह आने सही था…अब बताइए कोई नसीहत देते हुए कहने लगे खुशदीप मत बनिए, फलाना-ढिमकाना ज़रूर कीजिए…क्या गुस्सा नहीं आएगा मुझे…आएगा जनाब…मैं भी धरमिन्दर परा जी की तरह ललकारूंगा….कुकुरे, मैं तेरा खून पी जाऊंगा…
खैर अब पास पप्पू की छोड़िए, मुन्नी बदनाम की सोचिए..सलमान खान की होम प्रोडक्शन दबंग में…मुन्नी बदनाम हुई…पर मलाइका अरोड़ा ने ठुमके क्या लगाएं हैं, कि हिंदुस्तान के साथ-साथ पूरा पाकिस्तान भी शैंटी-फ्लैट हो गया है…लेकिन इस गाने ने पाकिस्तान में मुन्नी नाम की जितनी महिलाएं हैं, उनका जीना दुश्वार कर दिया है…लाहौर में मुन्नी नाम की एक महिला इस गाने के चक्कर में पिछले दो महीने से अपनी दुकान ही नहीं खोल सकी है…दो बच्चों की मां मुन्नी के लिए परिवार का गुजारा चलाने को ये दुकान ही अकेला सहारा है…मुन्नी इस गाने के बोल लिखने वाले ललित को जी भर कर कोस रही हैं कि गाने के लिए मुन्नी नाम का ही इस्तेमाल करना था..
सबसे पहले मोहल्ले के कुछ शरारती लड़कों ने मुन्नी को देखकर ….मुन्नी बदनाम हुई, डार्लिंग तेरे लिए... का राग अलापना शुरू किया…दुकान पर ग्राहक खड़े होते और कोई न कोई लड़का आकर मुन्नी बदनाम की तान छेड़ देता…एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार को दिए इंटरव्यू में मुन्नी ने बताया कि पहले तो वो लड़कों की इस हरकत को अनदेखा करती रहीं…लेकिन हद तो उस वक्त हो गई जब सभ्रांत दिखने वाले लोग भी दुकान के बाहर से गुजरते हुए मुन्नी बदनाम गुनगुनाने लगे…मैं गुस्सा करती तो वो तेज़ी से दुकान के आगे से निकल जाते…आखिरकार झक मार कर मुन्नी को अपनी दुकान ही बंद करनी पड़ी…मुन्नी का कहना है कि उन्हें नहीं पता दुकान दोबारा खोल भी पाएंगी या नहीं…दुकान खुल भी गई तो इतना तय है कि काउंटर पर मुन्नी का बैठना मुमकिन नहीं हो सकेगा..
ऐसी ही कुछ कहानी लाहौर मे एक स्कूल की प्रिसिपल शाहिदा मुन्नी की है…स्कूल के लड़कों ने तो जैसे गाने को प्रिंसिपल की छेड़ ही बना लिया है…शाहिदा मुन्नी का कहना है कि उन्हें कॉलोनी में सड़क पर चलते हुए भी डर लगने लगा है…न जाने कौन मुन्नी बदनाम हुई पर अपने गले की वोकल-पावर दिखाना शुरू कर दे…और नहीं तो टेप ही बजाना शुरू कर दे….गाना गाने वाले बेशक मज़ा लेने की खातिर गाने की दलील दें लेकिन शाहिदा मुन्नी सवाल उठाती हैं कि दूसरों को सताना भला किसी के लिए मज़ा कैसे हो सकता है…
पिछले महीने ही पाकिस्तान के पंजाब के एक थाने में पुलिसवाले तीन महिलाओं को जबरन पांच घंटे से भी ज़्यादा मुन्नी बदनाम हुई गाने पर नचाते रहे थे…इस सिलसिले में तीन पुलिस अफसरों को गिरफ्तार किया गया है और तीस अन्य पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है..
मजे की बात है कि आज पाकिस्तान दबंग के मुन्नी बदनाम पर नाच रहा है, उसे 1992 की पाकिस्तानी फिल्म चार्ली में लड़का बदनाम हुआ, नसीबन तेरे लिए के उमर शरीफ़ ने कव्वाली के अंदाज़ में पेश किया था…
पाकिस्तान की मुन्नियों को परेशान देखकर सच में कहना पड़ रहा है, किसी भी गाने में कॉमन नाम नहीं घुसेड़ने चाहिए..अभी मुन्नी बदनाम जेहन में ताजा ही है कि आने वाली फिल्म तीसमारखां में कैटरीना कैफ़…शीला की जवानी…गाने पर ठुमकती, बल खाती नज़र आ रही है…टीवी चैनल्स पर धड़ाधड़ इसके प्रोमो दिखलाए जा रहे हैं….इसका मतलब क्या है, क्या अब सभी शीलाओं की शामत आने वाली है…सुन रही हैं न दिल्ली की सीएम जी, वक्त रहते ही इस गाने के बारे में कुछ करिए…
- बिलावल भुट्टो की गीदड़ भभकी लेकिन पाकिस्तान की ‘कांपे’ ‘टांग’ रही हैं - April 26, 2025
- चित्रा त्रिपाठी के शो के नाम पर भिड़े आजतक-ABP - April 25, 2025
- भाईचारे का रिसेप्शन और नफ़रत पर कोटा का सोटा - April 21, 2025
बदनामी मतलब किसी तरह नाम तो हुआ …शुक्रिया
मेरा भी नाम पप्पू ही है घर का… और मैं बहुत अच्छा डांस भी कर लेता हूँ…. और डांस करवा भी देता हूँ….
जय हिंद…
खुशदीप जी
http://shayarichawla.blogspot.com/2010/11/skj.html
इस लिंक को देखिये जब से मैंने यहाँ शीला जी की तस्वीर और ये कविता पढ़ी है तब से शीला की जवानी गाना आने पर कैटरीना नहीं शीला जी की ये शानदार तस्वीर ही याद आती है |
yahan to sab badnaam hai
शीला की जवानी या शीला का बुढापा …|
पप्पू मुन्नी की पीडा तो वही समझ सकते हैं जो इसके भुक्तभोगी हैं.
अरे नाम छोडिये मुझे तो इस तरह के गानों का औचित्य ही समझ में नहीं आता .
Oh Khushdeep darling u r so sweet that u r taking care of MunnI n Pappu so much. dont worry darling, it happens…love u darling n take care.
बेचारे पप्पू और मुन्नी!!!
ये धन्नो मुन्नी पप्पू
सब एक तरह के जानवर हैं न ?
ब्लागिंग पर राष्ट्रीय कार्यशाला आधिकारिक रपट
भूल हो गई
बताना=बताता
आह कितने सैंटीमैंटल हैं पप्पू और मुन्नी… अरे कोई इन्हें बताना क्यों नहीं कि अमृतांजल मलिए काम पे चलिए…
अच्छे खासे नाम बदनाम किये जा रहे हैं
कुछ तो करिए शीला जी..
वक्त के साथ साथ ये नौटंकियां चलती ही रहती हैं. और जो भी नाम इस लहर के चपेट में आता है उसे भुगतना ही पडता है.
1961 में एक फ़िल्म आई थी गंगा जमुना, जिसमे दिलीप साहब बने थे गंगाराम और हिरोईन वैजयंतीमाला बनी थी धन्नो.
उस समय में कालेज के लडके लडकियों को धन्नो कहके छेडा करते थे और इस धन्नो नाम के पीछे कई लडकों ने लडकियों से खूब जूते चप्पल भी खाये थे.
जब भी कोई लडका पीटा हुआ सा लगता था तो दोस्त लोग पूछते थे "क्यों आज किसी लडकी को धन्नो कह दिया था क्या?":)
रामराम.
इन गानों से जुड़ा अपना अनुभव बताती हु | आज कल के बच्चे तो बोलने से पहले गाना शुरू कर देते है सो मेरी तीन साल की बेटी भी गानों के पुरे मुखड़े गाती है सुन कर बहुत अच्छा लगता है पर एक दिन जब उनको कमर पर हाथ फिरा फिरा कर मै झंडू बम हुई गाते और नाचते देखा सुना तो अच्छा नहीं लगा मै इन गानों का विरोध तो नहीं करती पर तीन साल की बच्ची को उसे गाते देख अच्छा नहीं लगा | मैंने उसे बताया की ये ख़राब गाना है और तुम मत गाओ साथ ही जब भी टीवी पर ये गाना आता तो मै चैनल बदल देती चार दिन में ही वो मेरी बात समझ गई | उसे तो मना कर दिया पर खुद ही एक दिन वो गाना सुनते सुनते जुबान पर आ गया बेटी ने तुरंत डांट पिलाई की मम्मी गंदावाला गाना गा रही हो | उसे सॉरी बोला और समझ गई की पहले तो हमकोसुधरना है फिर किसी और का नंबर आयेगा |
इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
सुन रही है ना शीला जी, क्या कहने? कभी यह भी चला था मर गयी धन्नो। मेरी एक मित्र थी उसका नाम धनवती था और हम उसे धन्नो कहते थे। एक दिन रास्ते से गुजर रहे थे कि एक मनचले ने कहा कि मर गयी धन्नो। मैं उसपर बड़ी बिगडी कि तुम्हारे नाम से वो लड़का ऐसा क्यों बोला? बाद में मुझे पता लगा कि आजकल यह वाक्य खूब चल रहा है। इसलिए अब शीला जी को बचना चाहिए। हा हा हा हा। बढिया पोस्ट।
बताईये, अच्छे खासे नाम बदनाम किये जा रहे हैं।
शीला जी, सुन रही हैं?
दिल्ली वाले तो पहले से ही गा रहे हैं। हाय दिल्ली….हाय शीला जी…..शीला दीक्षित हाय हाय…..शीला जी जिंदाबाद…..शीलाजी वगैरह वगैरह….तब उन्होंने नहीं सुनी तो अब क्या खाक सुनेंगी। उल्टा ये गाना सुनकर कहीं गुस्से से कोई और टैक्स न बढ़ा दें मुख्यमंत्री जी।
बात सही है वोह नाम जो आम हों उनका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए