देश में सब कुछ भ्रष्टाचार की भेंट नहीं चढ़ गया है…कुछ लोग हैं जो तमाम दुश्वारियों के बावजूद अच्छा काम किए जा रहे हैं…मेट्रोमैन ई श्रीधरन, नारायण ह्रदयालय वाले डॉ देवी प्रसाद शेट्टी और none other then पीपुल्स प्रेज़ीडेंट डॉ एपीजे अब्दुल कलाम…
कलाम साहब से किसी समारोह में पूछा गया कि आप आदमी की ज़िंदगी में जन्मदिन को कैसे परिभाषित करेंगे..
डॉ कलाम का जवाब था…
जन्मदिन पूरी ज़िंदगी का एक मात्र दिन होता है जिस दिन बच्चे को रोता देखने के बावजूद मां मुस्कुराती है…
कलाम साहब सैल्यूट…Long Live
स्लॉग ओवर…
ये प्रमाणित हो गया है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं ज़्यादा नहीं बोलतीं…खामख्वाह महिलाओं को इस मामले में बदनाम किया हुआ है…
औसतन दोनों ही प्रति दिन 10.000 शब्द बोलते हैं…
बस इतना फ़र्क है कि पुरुष सारे शब्द अपने काम के दौरान बोल आता है…और जब घर आता है तो महिला अपने सारे शब्द एक साथ इस्तेमाल करना शुरू करती हैं…
(अपवाद- जहां महिलाएं काम पर जाती हैं और पुरुष घर पर रहते हैं…)
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