आप हवा में तुक्के तो नहीं लगाते, इसे पढ़िए…खुशदीप

प्राइमरी स्कूल के सत्र का समापन था…एक साल तक किंडरगार्टन (केजी) के जिन बच्चों को टीचर ने मेहनत से पढ़ाया, वो विदाई से पहले तोहफ़े ले कर मिलने के लिए आ रहे थे…

फ्लोरिस्ट शॉप (फूल विक्रेता) के मालिक के बेटे ने टीचर को अपना प्रेज़ेंट दिया…टीचर ने गिफ्ट पैक को हिलाया और फिर कहा…मैं शर्त लगा कर बता सकती हूं, इसके अंदर क्या है…सुंदर से फूल…

बच्चे ने हैरानी जताते हुए कहा… टीचर आपको कैसे पता चला…

टीचर ने कहा…इनट्यूशन बेटा, इनट्यूशन…

फिर स्वीट शॉप के मालिक की बेटी ने अपना पैक टीचर को दिया…टीचर ने पैक को कान के पास ले जाकर हिलाया और कहा…शर्तिया इसमें ताजा मिठाइयां हैं…

बच्ची ने कहा…बिल्कुल ठीक मैम…आप कैसे पता लगा लेती हैं...

टीचर ने फिर जवाब दिया…इनट्यूशन माई डॉल, इनट्यूशन…

अगली बारी वाइनशॉप के मालिक के बेटे की थी…बच्चे ने रैपर में पैक एक सुंदर सी टोकरी टीचर को भेंट की…टीचर टोकरी को उठा कर सिर के पास ले गई…लेकिन टोकरी से कुछ लीक हो रहा था…टीचर ने उंगली से लीक वाली जगह को छुआ और जीभ पर लगा कर बोली…क्या ये वाइन है…

नहीं मैम, बच्चे ने जवाब दिया…

टीचर ने फिर वही प्रक्रिया दोहराई…इस बार लीकेज से कई सारी बूंदें हाथ में लेकर चखीं…क्या ये शैम्पेन है...

बच्चे ने आकुलता दिखाते हुए कहा…नहीं, मैम नहीं…

अब टीचर ने लीकेज से बड़ा सा घूंट लेकर पिया और फिर बोली…ओके, आई क्विट…अब तुम ही बताओ टोकरी में है क्या…

बच्चे ने मासूमियत से जवाब दिया…

पप्पी मैम…कुछ  दिन पहले ही हमारी प्यारी डॉगी ने इसे दिया है…

स्लॉग फोटो

                                          आ देखे ज़रा किसमें कितना है दम…

नोट- इन साधु महाराजों को ब्लॉगर समझने की भूल मत कीजिएगा…