आप बच्चों को ज़हर तो नहीं दे रहे…खुशदीप

डॉ टी एस दराल ने हाल में खाने-पीने के मामले में साफ़-सफ़ाई पर बड़ी सार्थक पोस्ट लिखी थी…उसी पोस्ट में मैंने अपनी टिप्पणी में साफ़-सफ़ाई पर हद से ज़्यादा तवज्जो देने वाली एक परिचित मीनिएक महिला का भी ज़िक्र किया था…साथ ही ये सवाल भी उठाया था कि क्या हद से ज़्यादा ध्यान देने की वजह से हम अपने बच्चों का अहित तो नहीं कर रहे…गांव-खलिहानों में बच्चे मिट्टी में लोट-लोट कर ही लोह-लट्ठ बन जाते हैं…वहीं शहर के बच्चों को हम खुद ही इतना नाज़ुक बना देते हैं कि उनकी खुद की प्रतिरोधक ताकत विकसित ही नहीं हो पाती…

बच्चे को छींक भी नहीं आती कि उसे धड़ाधड़ दवाइयों की डोज़ देना शुरू हो जाते हैं…अब संयुक्त परिवार तो बचे नहीं जो दादी के नुस्खों पर चलते हुए प्राकृतिक चीज़ों से ही बच्चों की छोटी-मोटी बीमारियों को दूर कर दिया जाए…और अगर बुज़ुर्ग कोई सलाह देते भी हैं तो उसे आउटडेटेड कह कर खारिज कर दिया जाता है…

हां, अपनी डॉक्टरी झाड़ते हुए बच्चों को एंटीबायटिक्स देने से भी परहेज नहीं किया जाता…आज मैं ऐसी ही कुछ दवाओं के बारे में बताने जा रहा हूं जिनका हम घरों में खूब इस्तेमाल करते हैं…और एक बार भी नहीं सोचते कि इनके साइड-इफैक्ट्स कितने खतरनाक हो सकते हैं…वैसे इन दवाओं पर डॉ दराल, डॉ अमर कुमार और मेडिकल प्रोफेशन से जुड़े लोग ही अधिकृत रूप से वस्तुस्थिति से अवगत करा सकते हैं…इन दवाओं के नाम हैं-

डी- कोल्ड


विक्स एक्शन- 500

एक्टीफाइड


कोल्डारिन


नाइस


निमुलिड

सेट्रीज़ेट-डी

ये दवाएं इतनी कॉमन हैं कि आपने भी इनमें से किसी न किसी एक दवा का ज़रूर इस्तेमाल किया होगा…मुझे एक ई-मेल से पता चला है कि इन सभी दवाओं में फिनाइल-प्रोपेनॉल-एमाइड (पीपीए) होता है…इनसे स्ट्रोक्स हो सकते हैं, इसलिए अमेरिका में इन सभी दवाओं पर प्रतिबंध लगा हुआ है…

अब डॉक्टर साहेबान ही बता सकते हैं कि इन दवाओं का प्रयोग करना चाहिए या नहीं…अगर नहीं तो भारत में इस तरह की दवाएं क्यों बिक रही हैं…सरकार पर इन दवाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के लिए क्या दबाव नहीं बढ़ाना चाहिए….

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x