2 कामराज लेन, दिल्ली…
2 ए मोतीलाल नेहरू मार्ग, दिल्ली…
2 रेसकोर्स रोड, बैंगलुरू…
इन तीनों पतों में आपको कॉमन क्या लगा…जी ठीक पहचाना 2 नंबर…यानि 2 नंबरी…
अब देखिए इन पतों पर कौन कौन रहता है…
2 कामराज लेन, दिल्ली… ये घर अपने सुरेश कलमाड़ी जी का है…
(पूरे देश में एक ही तो सुरेश कलमाड़ी हैं, कॉमनवेल्थ वाले)
2 ए मोतीलाल नेहरू मार्ग, दिल्ली…ये घर अपने ए राजा जी का है…
(राजा जी ने तो जलवा भी 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले मे ही दिखाया)
2 रेसकोर्स रोड, बैंगलुरू…ये घर अपने येदियुरप्पा जी का है…
(कर्नाटक के नाटक से बीजेपी की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम की हवा निकालने वाले सीएम येदियुरप्पा जी)
कहत कबीर सुनो भई साधो, बात कहें हम खरी,
ये दुनिया इक नंबरी तो हम 2 नंबरी….
स्लॉग ओवर
स्लॉग ओवर में आज डॉक्टर अमर कुमार के जज़्बे को सलाम…ज़िंदादिली क्या होती है, ये हम सबको डॉक्टर साहब से सीखना चाहिए…डॉक्टर साहब अब पहले से बहुत बेहतर हैं…अभी बोलना मना है…इसलिए मेरी फोन पर डॉक्टर साहब के बेटे जी से ही बात हुई…लेकिन मुझे उस वक्त बहुत ही सुखद आश्चर्य हुआ जब डॉक्टर साहब का मेरे पास एसएमएस आया…इसमें उन्होंने स्लॉगओवरिया ही शुरुआत की…क्या लिखा, गौर फ़रमाइए…
बीयर के मग में एक मच्छर गिर गया…
ब्रिटिश जैंटलमैन ये देखकर क्या करता…
ब्रिटिश जैंटलमैन ने मग देखा तो मुंह बनाता हुआ वहां से फौरन चला गया…
अमेरिकन क्या करता…
अमेरिकन ने मच्छर निकाल कर फेंक दिया और मज़े से बीयर पी गया…
चाइनीज़ क्या करता…
चाइनीज़ ने बीयर में निचुड़ा मच्छर खाया, इस नई नेचुरल डिश के स्वाद की जी खोल कर तारीफ़ की…
भारतीय क्या करता…
…
…
…
बीयर अमेरिकन को बेचता…निचुड़ा मच्छर चाइनीज को बेचता…जो पैसे मिलते उनसे नई बीयर खरीदता और कुछ पैसे बचा भी लेता…
डॉक्टर साहब ने आगे लिखा है…
Thus the life goes on my dear Khushdeepe (खुशदीपे), I am happy that you have called me in touching way. I am saved and OK by 60%.
Doctor Sahib, just salute to you…
yours
Khushdeepa
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क्या ब्लागर मीट का मतलब अपने लिए नए साथी तलाशना है जो साथ बैठकर शराब पी सके और सार्वजनिक रूप से घोषणा भी कर सके।
ek dam sahii baat !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!
2
डॉक्टर अमर कुमार जी जल्द स्वस्थ हो यही दुआ है !
जब हमारे १ नंबर के नेता २ नंबर के मकानों में रहते हुए १ नंबर की ज़िन्दगी जीते हुए भी २ नंबर का काम पूरे १ नंबर से करते है … और उनको ज़रा भी हिचक नहीं होती कि लोग क्या कहेंगे !!??
तो अगर हमारे कुछ ब्लॉगर मित्र अपनी अपनी पोस्टो में अगर अपने पीने की बात का खुलासा करते है तो इतना बड़ा मुद्दा क्यों बना जा रहा है … कम से कम उनमे इतनी हिम्मत तो है कि जो किया खुल कर बताया भी !
खुशदीप भाई ,
इस २ नंबर के १ नंबर खुलासे ने आप की १ नंबर की पोस्ट को २ नंबर का एक दूसरा ही मुद्दा दे दिया … बात कहाँ से कहाँ पहुँच गई !?
सच में लोकतंत्र अगर कहीं है तो यहीं है … यहीं है … यहीं है !!!
जय हिंद !!!
sharaab peena buri baat hai
haan haan
sharaab peena buri baat hai
kripya blog par sharaab ki baaten na karen,
hamaari neeyat kharab ho jati hai
dhnyavaad
दो नम्बरी पोस्ट पर २ की घात ५ टिप्पणियां
🙂
मजेदार है दो नम्बर का मामला…
dhurandharo se to hame sirf seekhna hai kahna kuchh nahi..!!
waise khushdeep bhaiya aur bhi bahut saare do-numbari delhi me bhare pade hain….
ek survey karna parega…
2A Krishna Menon marg mujhe yaad aa gya….usme rahne wale aadarniy hain, lekin unke aage peechhe wale subhan allah:P
मै तो यह सब पढ कर ही चक्कर खा गया कि बात को कहां से कहां तक पहुचा दिया…. बाप रे हम हिन्दुस्तानी बात क बतंगड बनाने मै जरुर उस्ताद हे, अजीत जी ने सीधा सा सवाल किया था, की इन चीजो की चर्चा होनी चाहिये या नही, तो मेरा कहना हे कि नही होनी चाहिये, लेकिन अगर कोई करता हे तो , इस मै हम क्या कर सकते हे? मै मासं नही खाता, लेकिन मेजवान के नाते जरुर पेश करता हुं, पीता बहुत कम हुं, लेकिन मेजबान के नाते मेरा फ़र्ज बनता हे , ओर यह सब चीजे जहां तक जायज हे होनी चाहिये, लेकिन एक लिमट तक,उस से आगे नही,आप सब लोगो का धन्यवाद अब इस बात को यही खत्म करे, वरना मे जरुर गिर जाऊंगा चक्कर खा कर, अभी भी सर घुम रहा हे……
खुश दीप भाजी के दो नमबरी कही खो ही गये बेचारे
सच में हैरान हो गये जी
प्रणाम
खुशदीप भाई , यह तो वही बात हो गई कि जाते थे जापान पहुँच गए चीन । हमारे एक छोटे से कमेन्ट ने सारा मुद्दा ही बदल दिया ।
खैर हमें अजित जी कि इस बात पर सहमत होना चाहिए कि हम जो भी करें , कम से कम उसे सार्वजानिक न करें ।
वैसे भी देश के सभी प्रतिष्ठित व्यक्ति पर्दे के पीछे जो करते हैं , वह पब्लिकली उजागर कहाँ होता हैं।
अरे भाईयों,
सुबह सुबह मदिरापान भी बहुत हो गया…कड़ाके की ठंड में बीयर भी बहुत हो ली…आगे से सुधर जाने के लिए बड़ी बहन की डांट भी खा ली…
अब मेरी पोस्ट के दो नंबरियों और डॉक्टर अमर कुमार जी के बीच इस लाल परी को मत आने दो…
वैसे आज सबने मॉडरेशन न होने का फायदा भी देखा…यही है असली लोकतंत्र…मुझे आपमें से जो चाहे मेरी रूई का बोझ वाली पिछली दो पोस्ट में विक्रम भाई (बेनामी CinemaisCinema) की तरह भाषा की मर्यादा में जब चाहे जितना कोस सकते हैं, मैं कभी कोई टिप्पणी डिलीट नहीं करूंग…हां मेरी पोस्ट से किसी दूसरे का नाम लेकर उसे कुछ ऐसा कहने से बचें, जिससे कि उसके सम्मान को चोट पहुंचे…ऐसी टिप्पणी को अपने उसूल के खिलाफ जाकर मुझे डिलीट करना पड़ेगा…आशा है आप जहां तक संभव हो सकेगा, मुझे मेरे उसूल पर चलने में मदद देंगे…
जय ब्लॉगवुड, जय लोकतंत्र…
जय हिंद…
2 no. ka mahaj ittfaq hai ya ek preplaned ———–hai.
log post ke uper comment ke alawa baki bakahda kiyu karte hai — yeh —samajh –mai nahi aaya —-
2 no. ka kam karne wale 2 number ko hi pasand karte hain.
ओहो लगता है आज आप मुझसे ज्यादा नाराज़ हैं अजित गुप्ता जी ..तभी खुशदीप भाई की टांग खिंचाई वाली टिप्पणी ब्के बहाने आपने मेरी टांग खिंचाई कर दी । और हां आपने ठीक ही कहा कि , ये पोस्ट इस बहस के लिए उचित नहीं है ..सो मैं जा रहा हूं .यदि अब भी आपकी नाराजगी मेरी टिप्पणी से बरकरार रहे तो बाद में आकर अपनी टिप्पणियां मिटा जाऊंगा ।
क्या हुआ था डाक्टर साहब को, इसी कारण लम्बे समय से दूर थे लेखन से.
इस से मैं भी सहमत हूं कि मदिरापान को महिमा-मंडित नहीं किया जाना चाहिये जो जाने-अनजाने में हो रहा है.
डॉ अमर कुमार रहस्यमय से लगते रहे हैं , मगर विभिन्न विषयों पर उनकी पैठ और समझ को कौन नज़रन्दाज़ कर सकता है ! उनसे मिले एक मैसेज के अनुसार जबड़े के कैंसर का आपरेशन ६ घंटे तक चला है, इससे इस बीमारी की भयावहता पता चलती है मगर उनकी जीवन्तता हम सबके लिए अनुकरणीय है…आप उनकी मस्ती की झलक इस मोबाइल मेसेज में देख सकते हैं ….
" Had jaw cancer, got an 7 hour marathon commando surgery last Monday . Do not worry I am ok and will continue to haunt the blogwud for several years. unable to speak clearly for next 3 months. chalega ….sab chalega bhai !
sab manjoor !
उनकी यह बीमारी हम सबके लिए चिंता का विषय है , आइये हम प्रार्थना करें कि वे शीघ्र ठीक होकर, हमारे बीच उसी ठसक के साथ आयें !
http://satish-saxena.blogspot.com/2010/12/blog-post_22.html
हम तो बीयर कर लेते हैं। यही तो बीयरपना यानी सहनशीलता है। खैर … अमर भाई को शीघ्र स्वस्थ होने के लिए शुभकामनायें।
हाँ शराब की चर्चा नहीं होनी चाहिए इससे मैं सहमत ही नहीं अनिवार्यता सहमत हूँ ! अजित गुप्ता जी का इस सुझाव के लिए धन्यवाद देता हूँ !
अजित मैम,
ब्लागर मीट के दौरान निस्संदेह शराब आदि नहीं होनी चाहिये, हाँ उस के बाद कोई क्या करता है उस पर किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए सबको अपनी निजी ज़िन्दगी जीने का पूरा अधिकार है !
चूंकि आपसे स्नेह मानता हूँ तो अपने बारे में बता दूं कि आज तक जीवन में १५ -२० बार शराब पी होगी वह भी सिर्फ नाम मात्र को हाँ किसी भी बेहतरीन कंपनी को जरूर एन्जॉय करता हूँ चाहे वह बार में ही क्यों न हो, तिलयार लेक में योगेन्द्र मौदगिल का अनुरोध, मैं सिर्फ इसलिए ठुकरा देता कि लोग क्या कहेंगे …मैं उचित नहीं मानता !
यह नितान्त व्यक्तिगत घटना थी इसीप्रकार ब्लॉग भी व्यक्तिगत डायरी मात्र है जिसे नहीं पढना है वह न पढ़े !
मेरी एक आदत और है अगर कोई बढ़िया मित्र जिसकी कंपनी मुझे पसंद हो मुझे दिन में भी शराब पीने का अनुरोध करे तो मैं मना नहीं करता चाहे एक सिप ही लेकर क्यों न बैठना पड़े …
मैं पाखंडों का उग्र विरोधी रहा हूँ ऐसे बहुत लेखकों और महिलाओं को जानता हूँ जो खुद अपने व्यक्तिगत जीवन में शराब रूप नियमित लेते हैं और वे देश में बहुत शानदार दर्जे पर है ! मैं खुद इसे बुरा नहीं मानता हूँ !
आशा है आपके दिल को नहीं दुखाया होगा ! बहरहाल खुशदीप भाई का विषय परिवर्तन हो चुका हूँ …अपने योगदान के लिए क्षमा याचना है !
आपको यह चर्चा नहीं करनी चाहए थी …अभी यहाँ कई खिलाड़ी रौनक बढ़ाने वाले आ जायेंगे ….
ब्लॉग पर लिखने वाले सिर्फ आप जैसे अभिजात्य वर्ग के ही नहीं अपितु सजायाफ्ता मुजरिम , घ्रणित मानसिकता वाले लोग भी हैं इसे हमेशा याद रखना चाहिए किसी भी व्यक्तिगत बात को रंग देना हो तो किसी भी चटपटी चीज को छेड़ दीजिये ..
खुशदीप भाई से आग्रह है कि अब इस विषय पर टिप्पणियों पर निगाह रखे जिससे किसी के सम्मान से सम्बंधित कुछ न लिखा जाए
अजित जी,
आपने ये कैसे सोच लिया कि आपके साथ कोई नहीं, मैं आपके साथ हूं…मेरी आदत है कि रात को देर तक जागने के बाद सुबह देर से ही उठता हूं…इसलिए यहां जवाब देने में लेट हो गया…नहीं तो पहले ही दे देता…
पीने-पिलाने का सार्वजनिक रूप से प्रदर्शन वास्तव में गलत है…लेकिन ब्लॉग में जिस बात को लेकर गलतफहमी हो रही है, पहले उसे स्पष्ट कर दूं…आज तक मैंने जितनी भी ब्लॉगर मीट में हिस्सा लिया है, कहीं भी शराब का दूर-दूर तक नामोनिशान तक नहीं था…हां, जिस तिलयार (रोहतक) के पिकनिक स्पॉट पर ब्लॉगरों की बैठक को लेकर शराब या बीयर को लेकर गलत संदेश गया, उस पर स्थिति स्पष्ट करना ज़रूरी है….उस बैठक में निर्मला कपिला जी, संगीता पुरी जी, डॉ अरुणा कपूर जी, संजू तनेजा जी भी मौजूद थीं…वहां इस तरह की कोई बात नहीं थी…हां, हम सब के वहां से आ जाने के बाद दो-तीन ब्लॉगर रात को राज भाटिया जी के आवास पर रूके थे…वहां अगर बीयर वगैरहा पी गई तो वो यार-दोस्तों के साथ बैठने पर आम बात है…हां उस निजी प्रायोजन के फोटो ब्लॉग पर नहीं आने चाहिए थे, ये मैं भी मानता हूं…इस तरह कहीं और ब्लॉगरों के साथ बैठने पर भी होता है तो उसे निजी स्तर तक ही रखना चाहिए…उसके फोटो नहीं छापे जाने चाहिए…असली बखेड़ा ब्लॉगर मीट शब्द को लेकर है…अगर दो ब्लॉगर भी मिलते हैं तो उसे ब्लॉगर मीट का नाम दे दिया जाता है…
आप की चिंता वैसे ही जैसे घर पर मां अपने बच्चों के लिए करती है…मैं इसका सम्मान करता हूं…आशा करता हूं कि सब ब्लॉगर भाई भी आप की इस चिंता को इसी भावना के साथ लेंगे…
जय हिंद…
अजय जी
मैंने ऐसा कभी नहीं लिखा कि किसी ने भी वहाँ ऐसा क्यों किया। मेरा तो इतना ही पूछना था कि इसे पोस्ट पर लिखना कि हमने ऐसा किया क्या उचित है? जिसमें अब आप सब दूध की वकालात कर रहे हैं। मै तो प्रारम्भ में ही लिख चुकी हूँ कि खुशदीप जी की पोस्ट पर लिखे स्लोग आवर से मुझे कोई आपत्ति नहीं है। बस बीयर की बात आयी तो मुझे कल की बात का स्मरण हो गया और मैने यहाँ इसलिए लिख दिया कि यहाँ मोडरेशन नहीं है। मैं तो आप से क्या खुशदीप जी से भी क्षमा चाहती हूँ, जिनके ब्लाग पर अनावश्यक बहस हो रही है। यदि आज बड़े लोग या माता-पिता किसी से भी सर्वाधिक डरते हैं तो अपने छोटों से या बच्चों से ही। इसलिए मेरा माफी मांगना तो लाजिमी ही है।
२ नम्बर का अच्छा शोध किया ….डा० कुमार के लिए शुभकामनायें ..
आदरणीय अजीत गुप्ता जी।
मैं अपने यात्रा वृत्तांत के दौरान जैसा भी घटता है उसे लिख देता हूँ। इसमें अगर आपको बुराई नजर आती है तो अब से न लिखुंगा। आगाह करने के लिए धन्यवाद।
अजित मैम,
बन्दा स्टूल पर खड़ा है, कब तक समय बता दें अब स्कूल टाइम में गलती नहीं होगी , ललित को भी पकड़ के बुलाया जाए मैं अकेला नहीं था …
🙁
अजय और खुशदीप का कुछ याद नहीं आ रहा….जैसे ही याद आएगा बताता हूँ …
डिपेंड करेंगा कि मेरी सजा कितनी होगी :-((
जारी …..
अजय कुमार झा की पिछली टिपण्णी पर गौर किया जाये और तुरंत अमल में लाया जाये मक्खन सिंह !
जारी….
अजित गुप्ता जी ,
आप क्षमा मांग कर तो अपनापन कम करने वाली बात कह रही हैं ..मेरे कहने का मतलब सिर्फ़ इतना है कि ..ब्लॉगर मीट के साथ शराब के सेवन जैसी बात को जोड कर देखने दिखाने जैसी बातों से उनके दिल पर क्या बीत रही होगी जो इससे कोसों दूर थे और हैं ..सोचिए समीर जी के दिल्ली ब्लॉगर बैठकी में कम से कम पच्चीस मीडिया छात्र थे ..मैं उस दृष्टिकोण से कह रहा हूं …हां इसके ब्लॉगर बैठकी के पार्श्व में या उसके बाद ..या किसी और बहाने से यदि कोई कुछ खा पी लिख लगा रहा है तो ये महज एक निजि बैठकी होगी ..रही बात शराब पीने और पिलाने की तो मैं अब उन विलुप्त प्राय प्राणियों में से एक हूं जो इन चीज़ों से बचे हुए हैं । हां आपकी ये बात कि हम किन लोगों के बीच हैं ..इसका आकलन जरूर किया जाना चाहिए ..सबको करना ही चाहिए ..उम्मीद है कि अब मुझे ये कहने की जरूरत नहीं है कि ..आप जब मर्जी मेरे कान उमेठ सकती हैं .. 🙂 मैं रोया भी तो आपने ही चुप कराना है .
अंतर्जाल पर मेरी दुनिया
aapke salute pe thora jor hamre taraf se bhi….
fannatedar slog-over…
point to be note ajay bhaijee & ajit mam too…
pranam
अजय जी मैं इस बात का कोई मुद्दा नहीं बनाना चाहती, क्योंकि मैं जानती हूँ कि इस रण क्षेत्र में मैं अकेली पड़ जाऊँगी। अभी दो-तीन दिन पहलं ही ललित जी की पोस्ट पढ़ी थी, रोहतक में गए और बीयर की दास्तान। कल जाकिर अली जी की पोस्ट पढी कि हम मिले और बीयर से की शुरूआत, चित्र सहित। मैंने तो एक प्रश्न किया है कि ऐसे लिखना कितना जायज है यदि आप सभी कहते हैं कि इसमें कोई बुराई नहीं है तो भला मुझे क्या आपत्ति हो सकती है? यदि कोई आपत्ति वाली बात ही नहीं है तो फिर कल मेरी टिप्पणी को भी सार्वजनिक करना चाहिए था, उसमें मैंने ऐसा कुछ भी नहीं लिखा था। इसलिए आप सभी लोगों को मेरा यह प्रश्न बुरा लगा हो तो क्षमा चाहती हूँ। मैं किसी के व्यक्तिगत अधिकारों का हनन नहीं कर रही हूँ। और ना ही मैं कभी किसी विवाद में पड़ना चाह रही हूँ। मेरे लिए आप सभी लोग अनजाने भी हैं लेकिन यहाँ रोज ही आपसी बातचीत के कारण एक अधिकार सा भी बन गया है इसलिए लिख दिया था भाई, बुरा मत माने। आजकल तो माता-पिता की भी बच्चे नहीं सुनते तो फिर हमारा अधिकार ही कहाँ हैं? पुन: क्षमा चाहती हूँ।
खुशदीप भाई ..
मग में से फ़ौरन बीयर फ़ेंक कर गर्म दूध भर लाईये …अमेरिकन चाइनीज़ दोनों ही मदर डेयरी से दूध लेते हैं सुना है
🙂 :):)
अंतर्जाल पर मेरी दुनिया
अजित गुप्ता जी कृपा करके ये बताएं कि आज तक की किस ब्लॉगर मीट में किसने कहां किस ब्लॉगर को शराब परोसी…हां जहां तक ब्लॉग पर इसे लिखने की बात है तो इसके लिए वे स्वतंत्र हैं ..ठीक है या गलत ..ये तो सब जानते ही हैं इसलिए बताने की जरूरत नहीं है ..वैसे शराब और उसके प्रकारों पर ही सैकडों ब्लॉग आधारित हैं ..हिंदी में भी हैं …
अंतर्जाल पर मेरी दुनिया
दराल जी, सेहत के लिए क्या अच्छा है और क्या बुरा, मैं इस बात पर नहीं लिख रही हूँ। मेरा तो एक ही प्रश्न है कि ब्लागर मीट के समय आप शराब का सेवन करें, उससे भी मुझे एतराज नहीं है लेकिन बस इतना जानना चाहती हूँ आप सभी से कि क्या ब्लाग पर इसे सार्वजनिक रूप से लिखना ठीक है क्या? यदि आप सभी प्रबुद्धजन इसे ठीक समझते हैं तो फिर भला मैं क्या कह सकती हूँ? लेकिन यह हमारे लिए चिंतन का विषय जरूर रहेगा कि हम किन लोगों के बीच हैं?
खुशदीप भाई , आपने ८ नंबर क्यों काट लिए । 🙂
डॉ अमर कुमार के साहस को सलाम करते हैं ।
बियर वाला भारतीय कोई मारवाड़ी होगा ।
अजित जी से कहना चाहूँगा कि शराब से ज्यादा खराब , धूम्रपान है ।
साथियों में बैठकर ड्रिक्स एन्जॉय करना , वैसा ही है जैसे महिलाएं कोल्ड ड्रिंक पीती हैं ।
बस पीने की तमीज़ होनी चाहिए ।
मेडिकल तौर पर भी– एल्कोहल इन मोडरेट अमाउंट ,– सेहत के लिए बुरी नहीं बल्कि अच्छी मानी गई है ।
अजीत जी से मैं एक बात कहना चाहूँगा की यदि हमें विरोध करना ही है तो शराब के उत्पादन और इसकी सार्वजनिक बिक्री का करना चाहिए. मैं सरकार के इस दोहरे चरित्र पर हमेशा ही चकित रहा हूँ की एक तरफ तो इसके सार्वजनिक प्रचार पर रोक लगती है और दूसरी तरफ शराब का उत्पादन और बिक्री पर कोई रोक नहीं. अगर शराब वास्तव में विनाश का कारक है तो इसका उत्पादन और सार्वजनिक बिक्री क्यों?
खुशदीपजी, इस पूरे ब्लाग जगत में मैं आपकी सर्वाधिक इज्जत करती हूँ इसलिए एक प्रश्न कर रही हूँ और इसलिए भी कर रही हूँ कि आपके ब्लाग पर मोडरेशन नहीं लगा है तो मेरा प्रश्न सार्वजनिक होगा। क्योंकि मैंने कल जाकिर अली रजनीश की पोस्ट पर एक टिप्पणी की थी, उन्होंने मोडरेशन के रहते उसे हटा ली। खैर यह उनका अधिकार है। लेकिन मैं आपकी पोस्ट के माध्यम से यह बात सार्वजनिक रूप से पूछना चाह रही हूँ कि जब भारत सरकार ने श्ाराब के सार्वजनिक प्रदर्शन एवं विज्ञापन पर प्रतिबंध लगा रखा है तब हमारे ब्लागर साथी अपने ब्लाग पर कैसे सार्वजनिक रूप से यह बताते हैं कि हम दो ब्लागर मिले या ब्लागर मीट में हमने शराब पी। चित्र सहित बताते हैं। हम कौन से चरित्र का प्रदर्शन कर रहे हैं? क्या ब्लागर मीट का मतलब अपने लिए नए साथी तलाशना है जो साथ बैठकर शराब पी सके और सार्वजनिक रूप से घोषणा भी कर सके। मुझे आपकी पोस्ट पर लिखे स्लाग ओवर से कोई शिकायत नहीं है बस बीयर की बात आयी तो मुझे कल की टिप्पणी का स्मरण हो गया।
डाक्टर अमर कुमार जी के जज्बे को हमेशा ही सलाम! वे स्वस्थ हो रहे हैं उन का संदेश मिला है, यह हमारे लिए आज की सब से बड़ी खबर है।
bhaayi ghotalon ka yeh do mnmbr aapne kmal kr ke pesh kiyaa he behtrin andaaz . akhtar khan akela kota rajsthan
अपनी यह दुर्दशा देखकर कहीं 2 का अंक गायब न हो जाये।