अन्ना ये जीत नहीं, शुरुआत है…खुशदीप

अन्ना के लिए ये आंदोलन है…आम आदमी के लिए जीने-मरने का सवाल…और खाए-अघायों के लिए बौद्धिक जुगाली का उत्सव…दिल्ली के जंतर-मंतर पर आज अन्ना अपना अनशन तोड़ देंगे…बशर्ते कि सरकारी आदेश जारी होने में सरकार की तरफ से कोई खेल न हो…अन्ना हजारे और सरकार के बीच दो मुद्दों पर बात अटकी हुई थी…पहली बात- लोकपाल बिल का ड्राफ्ट तैयार करने वाली साझा कमेटी के लिए सरकार अधिसूचना जारी करे…दूसरी बात-कमेटी का चेयरमैन कौन बने…सहमति इस बात पर बनी है कि सरकार कमेटी बनाने के लिए अधिसूचना की जगह सरकारी आदेश जारी करेगी…कमेटी में अब सरकार और सिविल सोसायटी दोनों की तरफ से ही एक-एक चेयरमैन होगा…अन्ना की तरफ से पूर्व क़ानून मंत्री शांतिभूषण कमेटी के चेयरमैन होंगे…सरकार की ओर से चेयरमैन के लिए प्रणब मुखर्जी का नाम लिया जा रहा है…दोनों तरफ से कमेटी में चेयरमैनों समेत पांच-पांच सदस्य होंगे…अन्ना की तरफ़ से कमेटी के बाकी चार सदस्यों में एक अन्ना खुद होंगे, बाकी सदस्य प्रसिद्ध वकील प्रशांत भूषण, अरविंद केजरीवाल और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज संतोष हेगड़े होंगे…क़ानून मंत्री वीरप्पा मोइली कमेटी के संयोजक होंगे…सरकार की ओर से कमेटी के अपने बाकी सदस्यों का ऐलान होना बाकी है…अन्ना के प्रतिनिधियों से तीन दौर की बातचीत करने वाले दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने ये भी बताया है कि कमेटी के सदस्य जल्दी ही बातचीत शुरू कर देंगे जिससे कि 30 जून से पहले लोकपाल बिल का मसौदा तैयार कर लिया जाए और मानसून सत्र में उसे संसद में पेश किया जा सके…

अन्ना हजारे जी, आपने सलाहकारों से मंत्रणा करने के बाद ये फैसला लिया तो ठीक ही होगा…ये पूरी दुनिया ने देखा कि समाज के हर तबके के लोग, क्या जवान, क्या बूढ़े और क्या बच्चे आपके समर्थन में आ डटे थे…बॉलीवुड के सितारे भी आम आदमी के बीच घुलेमिले दिखाई दिए…ये सब स्वतस्फूर्त हुआ…यही आपकी सबसे बड़ी ताकत है…देश में पहली बार लोगों को लगा कि वो एकजुट होकर आवाज़ लगाए तो कानों में तेल डालकर बैठी सरकार को जागने के लिए मजबूर किया जा सकता है…ये चेताया जा सकता है कि चुनाव जीतने से ये न समझ लिया जाए कि पांच साल तक उन्हें मनमानी का लाइसेंस मिल गया…कोई उन्हें रोक-टोक नहीं सकता…ऐसे देश में बहुत कम ही उदाहरण होंगे जहां सरकार को इस तरह झुकना पड़ा हो…दो दिन से सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री की पूरी कोशिश थी कि किसी तरह अन्ना का अनशन टूटे…आपने कल सरकारी आदेश देखने के बाद अनशन तोड़ने की बात कही तो सबसे ज़्यादा राहत सोनिया गांधी को पहुंची होगी…

लेकिन यहां कुछ सवाल मेरे ज़ेहन में कौंध रहे हैं…क्या सरकार की मंशा वाकई साफ़ है…क्या वो सभी भ्रष्ट मंत्रियों, नेताओं, अफसरों को सही में सज़ा दिलाना चाहती है…या फिर उसने अभी जंतर-मंतर के ज़रिए देश भर की जनता में आ रहे उबाल को डिफ्यूज़ करने के लिए कोई चाल चली है…अन्ना जी बहुत दिनों बाद देश को आप में आइकन दिखा है…इसलिए हर एक का भरोसा आपके साथ है…ऐसे में एक ज़रा सी चूक से इस जनता का गुस्सा भड़क भी सकता है…आपको सरकार के हर कदम पर नज़र रखने के साथ ये भी देखना होगा कि आपके सहयोगी हमेशा सही दिशा में रहे…सरकार के पास प्रलोभन देने के लाख साधन होते हैं…पूरी कोशिश होगी कि फूट डालकर आंदोलन को कमज़ोर किया जाए…यानि लड़ाई शुरू होने से पहले ही इसके योद्धाओं को पंगु बना दिया जाए…

इस पूरे प्रकरण में मुझे ये समझ नहीं आ रहा कि अधिसूचना और कमेटी के चेयरमैन को लेकर सरकार की बात मानने में जल्दी क्यों दिखाई गई…जिस तरह पूरे देश से सरकार पर प्रैशर बन रहा था, उसमें ये आज नहीं तो कल इन दोनों मुद्दों पर भी झुक ही जाती…झुकना उसकी मजबूरी होता…अब ये स्पष्ट नहीं हो पा रहा कि शांति भूषण जी इस कमेटी के चेयरमैन होंगे या को-चेयरमैन…क्या उन्हें भी सरकार की ओर से बनने वाले चेयरमैन के बराबर ही अधिकार हासिल होंगे…और अगर होंगे तो किसी मुद्दे पर टकराव होने की स्थिति में किसकी बात फाइनल होगी…अधिसूचना की जगह सरकारी आदेश पर सहमत होना भी मुझे थोड़ा पेचीदा लग रहा है….क्या सरकारी आदेश की भी वही अहमियत होती है जो अधिसूचना की….मेरा एक बार फिर निवेदन है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई बहुत लंबी है…इसमें सही कामयाबी तभी मिलेगी जब मंत्री, अफसर, कारपोरेट भ्रष्ट आचरण में लिप्त होने की बात सोच कर ही थर्र-थर्र कांपें….इस दिशा में मंज़िल तक तभी पहुंचा जा सकेगा जब सारा देश जंतर-मंतर जैसी स्प्रिट लगातार दिखाता रहे…आपने अपने नेतृत्व से पूरे देश को उम्मीद की एक लौ दिखाई है…बस इसे सरकार की चालबाज़ियों के थपेड़ों से बचाए रखना होगा…
 
भ्रष्टाचार का दानव हर बाज़ी हारेगा बस हमें खेलना होगा जी-जान से….
 

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Dr. Zakir Ali Rajnish
14 years ago

हां, ये शुरूआत है, पर बनने लगी बात है।

———
प्रेम रस की तलाश में…।
….कौन ज्‍यादा खतरनाक है ?

डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

जनता का साथ मिला!
जीत हुई लोकतन्त्र की!

शिवम् मिश्रा

इंक़लाब जिंदाबाद …

Unknown
14 years ago

साफ़ हो गया है प्रणब मुखर्जी चेयरमैन होंगे और शांतिभूषण को-चेयरमैन…

सरकार की ओर से प्रणब और वीरप्पा मोइली के अलावा कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद भी कमेटी में शामिल होंगे…पांचवा सदस्य चिदंबरम या ए के एंटनी में से एक होगा…
tab kuch nahi hoo sakata ….

jai baba banaras……

नीरज गोस्वामी

अभी इस बारे में कुछ भी कहना बहुत जल्दी बाज़ी होगी वैसे इस कमिटी में सरकार का प्रतिनिधित्व बिलकुल नहीं होना चाहिए था…चोर चोर को बचने की कोशिश जरूर करेगा…ये रास्ता बंद होना चाहिए था…देखते हैं आने वाले समय में ऊंट किस करवट बैठता है…एक बात की तसल्ली है के बरसों से खड़ा ऊँट बैठ तो गया है…

नीरज

अन्तर सोहिल

जनता को भी नैतिकता अपनानी होगी।

प्रणाम

Sushil Bakliwal
14 years ago

अभी तक की सारी तस्वीर कामे पर आकर टिकी दिख रही है । पूर्णविराम का सफर जो अभी बहुत दूर है, वास्तविक परिणाम वही दिखा पाएगा ।

Satish Saxena
14 years ago

भ्रष्टाचार पर प्रभावकारी दबाव बन पाया है , अब रोज नए बन रहे करोड़पतियों पर अंकुश लगेगा, उम्मीद है जनता का पैसा जनता तक पंहुच पायेगा ! अन्ना ने देश को एक नया रास्ता दिखाया है !
बधाई खुशदीप भाई !

अजित गुप्ता का कोना

अभी केवल कमेटी बनी है, लोकपाल बिल का मसौदा तैयार करने में पसीना आएगा और फिर उसे पास कराने में। इसके बाद लोकायुक्‍त की नियुक्ति में। इसलिए यह प्रारम्भिक अवस्‍था है। लेकिन जनता इसी तरह साथ खड़ी रही तो अंग्रेजों द्वारा बनाए गए सारे कानूनों को बदला जा सकेगा। अभी तो केवल हमने जनता की ताकत देखी है, कार्य तो अभी शेष है।

Khushdeep Sehgal
14 years ago

साफ़ हो गया है प्रणब मुखर्जी चेयरमैन होंगे और शांतिभूषण को-चेयरमैन…

सरकार की ओर से प्रणब और वीरप्पा मोइली के अलावा कपिल सिब्बल और सलमान खुर्शीद भी कमेटी में शामिल होंगे…पांचवा सदस्य चिदंबरम या ए के एंटनी में से एक होगा…

जय हिंद…

प्रवीण पाण्डेय

यह स्वच्छ शुरुआत बनी रहे, सब जानते हैं कि भ्रष्टाचार किसी का हित नहीं करता है।

विवेक रस्तोगी

कितने बाजू कितने सर
गिन ले दुश्मन ध्यान से
हारेगा वो हर बाजी
जब खेले हम जी जान से..

अजय कुमार झा

खुशदीप भाई ,
स्थिति लगभग स्पष्ट हो चुकी है कमेटी में एक अध्यक्ष जो कि प्रणव मुखर्जी और एक सह अध्यक्ष शांति भूषण होंगे । आधे जनता के नुमाइंदे होंगे आधे सरकार के । ड्राफ़्ट फ़िर से तैयार किया जाएगा और जनता के सामने लाया जाएगा । फ़िलहाल अनशन समाप्त होगा लेकिन जैसा कि अरविंद केजरीवाल जी ने कहा कि अगर सरकार ने चतुराई दिखाई तो जंतर मंतर कौन सा भागा जा रहै । हां इस बीच आम जनता के करने लायक बहुत से काम हैं

ब्लॉ.ललित शर्मा

कानून अब NGO बनायेगे ……….

honesty project democracy

बिलकुल खुशदीप भाई ये शुरुआत है जिसका श्रेय आप जैसे परदे के पीछे के असली हीरो को जाता है….अभी बहुत मेहनत करनी बांकी है….धन्यवाद और आभार आप जैसे सहयोगियों का…

भारतीय नागरिक - Indian Citizen

एक अच्छी शुरुआत, निश्चित रूप से अंत भी अच्छा होगा..

Udan Tashtari
14 years ago

अभी सिर्फ शंखनाद हुआ है, जंग तो अब शुरु होनी है.

आकाश सिंह

बधाई हो बधाई……. |
आज भारत माता की जीत हुई है | आख़िरकार माँ की लाज बचाने के लिए हर भारतीय एक साथ आवाज लगाये |
इस आवाज को अभी रोकना नही है |
जय हिंद…. |

आकाश सिंह

अभी तो ये शुरुआत है | असली जीत तो अभी बाकि है | आगे आगे देखिये होता है क्या ?

यहाँ भी आयें|
यदि हमारा प्रयास आपको पसंद आये तो फालोवर अवश्य बने .साथ ही अपने सुझावों से हमें अवगत भी कराएँ . हमारा पता है … http://www.akashsingh307.blogspot.com

अरुण चन्द्र रॉय

जीत तो जनता की एकता और संघर्ष की हुई है। लेकिन इसे लगातार मजबूत और तीखा करना होगा। लक्ष्य अभी बहुत दूर है।

DR. ANWER JAMAL
14 years ago

देश में पहली बार लोगों को लगा कि वो एकजुट होकर आवाज़ लगाए तो कानों में तेल डालकर बैठी सरकार को जागने के लिए मजबूर किया जा सकता है

http://blogkikhabren.blogspot.com/

दिनेशराय द्विवेदी

जीत तो जनता की एकता और संघर्ष की हुई है। लेकिन इसे लगातार मजबूत और तीखा करना होगा। लक्ष्य अभी बहुत दूर है।

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