महाभारत की तरह आज कलयुग में युद्ध लड़ा जाना है…लेकिन यहां कौरव और कोई नहीं बल्कि भ्रष्टाचार, सत्तालोलुपता, नेताओं का अहंकार, कॉरपोरेट का लालच, भूख, गरीबी, स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली, साम्प्रदायिकता, तालीम में भेदभाव, जातपात, किसानों की दुर्दशा, प्रांतवाद जैसे सौ दुश्मन है….इसके लिए किसी पार्टी विशेष पर हमला बोलने से ही बात बनने वाली नहीं…कांग्रेस जाएगी, दूसरी पार्टी आ जाएगी, सांपनाथ जाएंगे, नागनाथ आ जाएंगे…अन्ना कुछ करें न करें, कांग्रेस को तो उसका अहंकार ही ले डूबेगा…
अन्ना के गांव रालेगण सिद्धि के सरपंच जयवीर सिंह मापारी और अन्ना के निजी सहायक सुरेश पठारे को दिल्ली बुलाकर युवराज राहुल गांधी से मुलाकात का वक्त न मिलना अपने आप में ही सब कुछ कह देता है…अब केरल के सांसद पी टी थॉमस सफाई देते फिर रहे हैं कि गफलत के लिए वो ज़िम्मेदार है…वो सही से कम्युनिकेट नहीं कर पाए…या तो राहुल जानबूझ कर नहीं मिले या फिर उनके सिपहसालार ही इतने नाकारा है कि किसी भी चीज़ को सही तरह से हैंडल नहीं कर पा रहे, सही तरह से मैसेज नहीं दे पा रहे और नतीजा कांग्रेस की पहले से ही गोता लगाती हुई छवि को भुगतना पड़ रहा है…अन्ना ने रालेगण के सरपंच को फौरन गांव लौटने को कहा है…लेकिन इसी बीच एक खबर ऐसी भी आ रही है कि अन्ना ने राहुल को रालेगण आकर खुद विकास कार्यों का जायज़ा लेने के लिए न्यौता भेजा है….अन्ना के भतीजे विनायकराव देशमुख ने एक अंग्रेजी अखबार से बातचीत में अन्ना की ओर से कहा, ‘अन्ना का संदेश साफ है कि राहुल का रालेगण में स्वागत है… अन्ना को नई पीढ़ी के नेतृत्व को लेकर राहुल से काफी उम्मीदें हैं…’ गौरतलब है कि विनायक राव महाराष्ट्र में यूपीए की बड़ी योजनाओं के क्रियान्वयन के कांग्रेस प्रभारी भी हैं… उन्होंने अन्ना हजारे के आरएसएस से संबंधों को भी सिरे से खारिज किया…हालांकि उन्होंने कहा कि हजारे को एनडीए के शासनकाल में राज्यसभा सीट की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने ठुकरा दिया था…
अन्ना खुद रालेगण गांव के ही पद्मावती मंदिर के निकट एक वट वृक्ष के नीचे बैठे हैं और उनके मौन व्रत का मंगलवार को तीसरा दिन है…
अन्ना टीम में पेंच प्रशांत भूषण को लेकर भी काफी दिखे…कश्मीर पर जनमत संग्रह संबंधी प्रशांत के बयान के बाद अन्ना के हावभाव ऐसे ही दिख रहे हैं कि वो प्रशांत को अपनी कोर कमेटी से बाहर का रास्ता दिखाने के हक़ में हैं…लेकिन अन्ना के बिना ही केजरीवाल, सिसौदिया नोएडा में कोर कमेटी की बैठक कर ऐलान कर देते हैं कि प्रशांत कोर कमेटी में बने रहेंगे…बैठक में किरण बेदी और प्रशांत भूषण विदेश में होने की वजह से हिस्सा नहीं ले सके…प्रशांत के पिता शांति भूषण ज़रूर बैठक में मौजूद रहे…अन्ना ने अब भी यही संकेत दिए हैं कि प्रशांत को टीम में रखने या न रखने पर विचार किया जाएगा…उधर जस्टिस संतोष हेगड़े भी कह चुके हैं कि हिसार में टीम अन्ना को कांग्रेस को वोट न देने की अपील से बचना चाहिए था…रामलीला मैदान पर बढ़-चढ़ कर दिखने वाली मेधा पाटकर दो दिन पहले श्रीनगर में आर्म्ड फोर्सेज स्पेशल पावर एक्ट को हटाने के लिए रवाना होने वाली रैली को हरी झंडी दिखा रही थीं…
टीम अन्ना के ये कैसे पांडव है भाई जो पहले तो स्वघोषित तौर पर देश के कर्णधार होने का दावा कर बैठे और अब खुद ही अपनी ढपली, अपने राग वाले संकेत दे रहे हैं…कहीं राजनीति को निशाना बनाकर राजनीति को साधने की राजनीति ही तो टीम अन्ना के कुछ सदस्यों के मन में नहीं है…अगर ऐसा है तो फिर तो भ्रष्टाचार के खिलाफ इस लड़ाई का राम ही मालिक है…