अगर जल्दी में हैं तो इसे न पढ़ें…खुशदीप

बर्थ-सर्टिफिकेट सबूत है हमारे जन्म का…


डेथ-सर्टिफिकेट सबूत है हमारी मौत का…


फोटो सबूत हैं हमारे ज़िंदा रहने का…


अब आप एक ठंडी सांस लीजिए…और पूरे सकून के साथ इसे धीरे-धीरे पढ़िए…

मैं मानता हूं…

कि दो लोग आपस में तर्क करते हैं, इसका ये मतलब नहीं कि वो आपस में प्यार नहीं करते…

और सिर्फ़, इसलिए कि वो तर्क नहीं करते, ये मतलब नहीं हो जाता कि वो आपस में प्यार नहीं करते…

मैं मानता हूं…

कि कभी मुझे गुस्सा आता है तो मुझे हक़ है गुस्सा करने का, लेकिन ये मुझे क्रूर होने का हक़ नहीं देता..

मैं मानता हूं…

कि हमें दोस्त बदलने की आवश्यकता नहीं, अगर हमें लगता है कि दोस्त बदल गए हैं…

मैं मानता हूं…

कि कोई आपका कितना भी अच्छा दोस्त क्यों न हो, लेकिन कभी न कभी उसकी कोई बात आपको ज़रूर आहत करेगी और आपको उसे इसके लिए अवश्य माफ़ कर देना चाहिए…

मैं मानता हूं…

कि तुम एक झटके में ऐसा कुछ कर सकते हो जो तुम्हारे दिल को ज़िंदगी भर दर्द देता रहेगा….



मैं मानता हूं…

कि मैं वैसा बनने के लिए लंबा वक्त ले रहा हूं, जैसा कि मैं दिल से बनना चाहता हूं…

मैं मानता हूं…

कि जिन्हें तुम चाहते हो, उनसे हमेशा प्यार भरे शब्दों से ही विदा लो…हो सकता है कि तुम आखिरी बार उन्हें देख रहे हो…

मैं मानता हूं…

कि आप बहुत आगे तक जा सकते हैं, ये समझने के बाद भी कि अब और नहीं चला जा सकता…

मैं मानता हू..

कि जो भी हम करते हैं, उसके लिए हम ही ज़िम्मेदार है…ये मायने नहीं रखता कि हम अपने को गलत समझते हैं या सही…

मैं मानता हूं…

कि हमें अपने व्यवहार को काबू में रखना चाहिए, नहीं तो वो आप पर काबू कर लेगा…

मैं मानता हूं…

कि हीरो वो होते हैं जो नतीजे की परवाह किए बिना वही करते हैं, जो कि होना चाहिए…और जब ऐसा किए जाने की सबसे ज़्यादा आवश्यकता है…

मैं मानता हूं…

धन गिनती गिनने का संक्रमित तरीका है…

मैं मानता हूं…

कि कभी आप कठिनाई में हो और महसूस कर रहे हों कि जिनसे तुम्हे ठोकर मिलने की सबसे ज्यादा उम्मीद हो, वही तुम्हारी मदद के लिए सबसे आगे खड़े होते हैं…

मैं मानता हूं…

कि परिपक्वता इस बात से तय नहीं होती कि आप जीवन में कितने बसंत देख चुके हो, ये निर्भर करती है कि आपको जीवन में क्या-क्या अनुभव हुए और उनसे आपने क्या सीखा…

मैं मानता हूं…

कि हमेशा ये काफ़ी नहीं होता कि दूसरे आपको माफ़ कर दें, कभी-कभी आपको खुद को माफ़ करना भी सीखना चाहिए…

मैं मानता हूं…

कि तुम्हारा दिल कितनी भी बुरी तरह से क्यों न टूटा हो, लेकिन दुनिया आपके दुख के लिए रुकेगी नहीं…

मैं मानता हूं..

कि हमारे परिवेश और परिस्थितियों ने इस बात को प्रभावित किया कि हम जीवन में क्या बने…लेकिन हम जो बने, उसके लिए सिर्फ़ और सिर्फ़ हम ही ज़िम्मेदार हैं…

मैं मानता हूं…

कि किसी सीक्रेट को जानने के लिए आपको ज़्यादा व्याकुलता नहीं दिखानी चाहिए…हो सकता है कि सीक्रेट को जानने के बाद आपका जीवन ही हमेशा के लिए बदल जाए…

मैं मानता हूं…

दो लोग बिल्कुल एक जैसी चीज़ को ही देखते हैं, लेकिन उनका देखने का नज़रिया बिल्कुल अलग हो सकता है…

मैं मानता हूं..

कि आपका जीने का तरीका कुछ ही घंटों में उन लोगों की वजह से बिल्कुल बदल सकता है, जो आपको बिल्कुल नहीं जानते…

मैं मानता हूं…

कि आपके सम्मान में दीवार पर कितने भी प्रमाण-पत्र क्यों न टंगे हो, ये साबित नहीं करता कि आप अच्छे इनसान भी हो…

मैं मानता हूं…

कि जिन लोगों की आप ज़िंदगी में सबसे ज़्यादा फ़िक्र करते हैं, वही आपसे जल्दी ही दूर कर दिए जाते हैं…

मैं मानता हूं…

कि ज़रूरी नहीं कि सबसे ज़्यादा खुश वहीं लोग हो जिनके पास ज़िंदगी का सब कुछ बढ़िया उपलब्ध हो, सबसे ज़्यादा खुश वो हैं जो जैसा भी मिले उसी में से ही बढ़िया निकाल लेते हैं…

ईश्वर आपका शुक्रिया, उन सभी अच्छे लोगों के लिए जिन्होंने जीवन-यात्रा में हमारी मदद की…






ईश्वर आपका भला करे…

(ई-मेल से अनुवाद)

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