पढ़ाई के तरीके बदल रहे हैं…अब उन तरीकों से बच्चों को पढ़ाने पर ज़ोर दिया जा रहा है जिन्हें वो आसानी से समझ सकें…जैसे बच्चा-बच्चा और किसी को पहचानता हो या न हो लेकिन सचिन तेंदुलकर और शाहरुख़ ख़ान को ज़रूर पहचानता होगा…इसलिए अब कई सेलेब्रिटीज़ को बच्चों के पाठ्यक्रम में शामिल किया जा रहा है…कहते हैं कविता हमारे जीवन से खत्म होती जा रही है…लेकिन धन्य है हमारा बॉलीवुड जो दिन प्रति दिन हमें न जाने कब से एक से बढ़ कर सस्वर गाई जाने वाली रचनाएं दिए जा रहा है…अब कल्पना कीजिए इन्हीं रचनाओं को पद्य के रुप में हिंदी के पाठ्यक्रम में स्थान मिलना शुरू हो जाए तो हमारे नौनिहाल किस तरह संदर्भ सहित व्याख्या करेंगे…उसी की एक बानगी…
सवाल…
संदर्भ प्रसंग सहित निम्नलिखित कालजयी रचना की व्याख्या कीजिए…
ड्रीमम वेकपम, क्रिटिकल कंडीशनम
छात्र का उत्तर…
संदर्भ और प्रसंग…
ये पंक्तियां प्रेम रस में रोम-रोम तक डूबीं परम भक्तिनी रानी मुखर्जी के ऐातिहासिक श्रव्य और दृश्य महाग्रंथ अय्या की अमर रचना…ड्रीमम वेकपम, क्रिटिकल कंडीशनम...से उद्धृत की गई हैं….
व्याख्या…
इस कविता में क्यूपिड के तीर से पीड़ित रानी मुखर्जी जब भी देव तुल्य शरीर सौष्ठव वाले पृथ्वीराज को नृत्य का रस बिखेरते देखती हैं तो इनका चंचल मन व्याकुल हो उठता है… स्वपन से जागने के बाद रानी मोहक शब्दों में अपनी क्रिटिकल कंडीशनम यानी गंभीरावस्था का बखान करती हैं…उनके संयम का बांध टूट जाता है और उनके मुखारबिंदु से स्वत ये अनमोल वचन निकलने लगते हैं…
ड्रीमम वेक अपम क्रिटिकल कंडीशनम
अर्थम क्वेकपम हिल ढुल सब शेकपम
फेस टू फेस धरती पुत्रम
टाप टू बेसम कामासूत्रम
थाईसम थंडरम डाउनम अंडरम
साईजम मैट्रम थिंकम वंडरम
जंपिंगम…पंपिंगम
थ्राबिंगम…थंपिंगम
वुने रुंडे मुने नाले
हार्ट बीटनम ढोल पीटनम
लव लस्ट डबल कष्ट बड़ा देतनम
बाडी हीटनम हाट सीटनम
कालिंग फायर ब्रिगेड भी डिफीटनम
सेम टू सेमम दिल में उतरम
टाप टू बेसम कामासू्त्रम
थाईसम थंडरम डाउनम अंडरम
साईजम मैट्रम थिंकम वंडरम
जंपिंगम…पंपिंगम
थ्राबिंगम…थंपिंगम
वुने रुंडे मुने नाले
निष्कर्ष…
ये रचना प्रेम की देवी रानी मुखर्जी की घोर अधीरता की ओर बड़े प्रभावशाली ढंग से इंगित करती है….
स्लॉग गीत
(अय्या 12 अक्टूबर को रिलीज़ होने जा रही हैं …कथा और निर्देशन सचिन कुंदलकर का है…प्रोड्यूस किया है जानेमाने निर्देशक अनुराग कश्यप ने वायाकाम 18 के साथ मिलकर...फिल्म में रानी मुखर्जी के साथ मुख्य भूमिका में है मलयालम सुपर स्टार पृथ्वीराज.. पृथ्वीराज इस फिल्म से बालीवुड में डेब्यू कर रहे हैं…अय्या में रानी मराठी लड़की मीनाक्षी देशपांडे का किरदार निभा रही हैं, जिसे तमिल कलाकार सूर्या (पृथ्वीराज) से प्यार हो जाता है…मराठी-तमिल संस्कृति के टकराव की पृष्ठभूमि में हास्य का रोचक तानाबाना बुना गया है..फिल्म का संगीत अमित त्रिवेदी ने दिया है और इसके गीतों को शब्द अमिताभ भट्टाचार्य से मिले हैं…ड्रीमम वेकपम, क्रिटिकल कंडीशनम को गाया है सौम्या राओह ने…)
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हद है ..
उत्कृष्ट कृति
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1. अपने ब्लॉग पर फोटो स्लाइडर लगायें
हमारे जीवन में पहले किन्नर, भांड आदि हुआ करते थे जो ऐसे मनोरंजन की कमी पूर्ति कर दिया करते थे। लेकिन अब उनका प्रभाव कम हो गया है तो ये नए पैदा हो गए हैं। समाज को इनकी भी जरूरत है, क्योंकि एक तबका ऐसा भी है जो ऐसी ही प्रवृत्ति में लिप्त है।
जय हो..
बढ़िया रोचक प्रस्तुति
कोलावारी के बाद इस तरह के गानों की बाढ़ सी आ सकती है .
रानी को गोरे लोग पसंद हों या न हों , हमें तो रानी बहुत पसंद है . 🙂
यहाँ संस्कृत की अंग्रजी हो रही है क्या वाईसा वरसम हो रहा है ? 🙂
बढ़िया पोस्ट. लिखते रहिए.
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नवागत प्रेम की देवी के द्वारा गया गीत बहुत ही प्रभावशाली बन पड़ा है और इससे पता चलता है कि अब हमारी फ़िल्मों में प्रायोगिक रसायन का उपयोग किया जाने लगा है।
ufff