Watch: जश्न-ए-रिवाज़ नहीं है दिवाली!

 

कपड़ों के ब्रैंड FabIndia को दिवाली के लिए जश्न-ए-रिवाज़ लिखना भारी पड़ा, सोशल मीडिया पर ट्रोल होने के बाद प्रमोशनल ट्वीट को वापस लिया, BJP युवा मोर्चा अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या समेत यूजर्स ने जताई थी ट्वीट पर आपत्ति



नई दिल्ली (19 अक्टूबर)।

कपड़ों के एक जानेमाने
ब्रैंड को दिवाली पर
नए कलेक्शन को प्रमोट करने के लिए किए गए ट्वीट को वापस लेना पड़ा है. फैबइंडिया नाम के इस ब्रैंड को सोशल मीडिया पर
खूब ट्रोल किया जा रहा था. इस ट्वीट में दिवाली के लिए जश्न-ए-रिवाज शब्द का
इस्तेमाल किया गया था. इसी को लेकर सोशल मीडिया पर कई यूजर्स की ओर से कहा जाने
लगा कि
इस तरह के शब्द का इस्तेमाल कर हिन्दुओं के त्योहार को विकृत  करने की कोशिश की जा रही है. कुछ यूजर्स ने ब्रैंड पर आरोप
लगाया कि वो अनावश्यक हिन्दू त्योहार से मुस्लिम विचारधारा को जोड़ रहा है.

फैबइंडिया की ट्विटर पर
प्रमोशनल पोस्ट में कुछ मॉडल्स को दिवाली 2021 का नया कलेक्शन पहने दिखाया गया था.
साथ ही कैप्शन में लिखा था, जैसे कि हम प्यार और रौशनी के त्योहार का स्वागत करते
हैं, जश्न-ए-रिवाज फैबइंडिया की ओर से एक कलेक्शन है जो भारतीय संस्कृति के लिए
खूबसूरती से सम्मान जताता है.

इस ट्वीट के अपलोड किए
जाने के बाद बायकॉट फैबइंडिया ट्रेंड किया जाने लगा. बीजेपी युवा मोर्चा के
अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने भी ट्विटर पर अपनी पोस्ट में फैबइंडिया की प्रमोशनल
पोस्ट की आलोचना की.

Deepavali is not Jash-e-Riwaaz.

This deliberate attempt of abrahamisation of Hindu festivals, depicting models without traditional Hindu attires, must be called out.

And brands like @FabindiaNews must face economic costs for such deliberate misadventures. https://t.co/uCmEBpGqsc

— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) October 18, 2021

तेजस्वी सूर्या ने अपने
ट्वीट में लिखा कि दीपावली जश्न-ए-रिवाज़ नहीं है. ये हिन्दू त्योहारों का
अब्राहमिकरण करने की कोशिश है, जिसमे मॉडल्स को बिना पारम्परिक हिन्दू पोशाकों के
दिखाया गया है, इसे वापस लिया जाना चाहिए और इस तरह के ब्रैंड्स को जानबूझ कर किए
गए इस तरह के कृत्य के लिए आर्थिक लागत भुगतनी चाहिए.

कुछ यूजर्स ने इसे सांस्कृतिक रूप से अनुचित बताया
और कहा कि कैप्शन में सिर्फ दिवाली से भी काम चल सकता था
. यूजर राजकुमार एमएलए ने ट्वीट किया कि दीपावली जश्न-ए-रिवाज
नहीं. लगता है फैबइंडिया ने जानबूझकर हिन्दू भावनाओं को आहत किया.

Deepavali is not Jash-e-Riwaaz…Period!!!
Seems like Fab India has done this deliberately to hurt Hindu Sentiment. #BoycottFabIndia pic.twitter.com/oczgyUlmIF

— Rajkumar MLA (@rajkumarmla1) October 18, 2021

कुछ यूजर ब्रैंड के कपड़े न खरीदने के लिए भी ट्वीट करने लगे.

#BoycottFabIndia Diwali is jashn e Riwaaz?
Let celebrate Jashn e drop sales. #Jashn_E_Drop_Sale_FabIndia pic.twitter.com/SIw7ekONPX

— Kaushik Rajgor (@KaushikRajgor12) October 18, 2021

तमाम आलोचनाओं के बाद फैबइंडिया
ने विवादित पोस्ट को हटा दिया है. फैबइंडिया के देश के तमाम बड़े शहरों में रिटेल
स्टोर्स हैं. 

FabIndia Twitter


भारतीय पारम्परिक पोशाकों के इस ब्रैंड की करीब छह दशक पहले जॉन
बिसेल ने की थी. ब्रैंड का पहला शोरूम दिल्ली के ग्रेटर कैलाश में खोला गया था.

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