हिंदी ब्लॉग जगत बहुत दिनों से हाइबरनेशन यानि शीतनिद्रा में था…भला हो जर्मन डायचे वेले का जो इसने शीतनिद्रा को भंग किया…लगता है हर ब्लॉगर तरकश के सारे तीरों के साथ उठ... Read more »
एक सज्जन मेरी एक पोस्ट पर अपनी टिप्पणी के ज़रिये ये सवाल उठा चुके हैं-… कुछ लोग तो यहा तक कह रहे है की आप नारी के बहाने अपनी खीझ निकाल रहे... Read more »
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है, ये ब्लागों, ये आयोजनों, ये सम्मानों की दुनिया… ये भाईचारे की दुश्मन गुटबाज़ी की दुनिया, ये नाम के भूखे रिवाज़ों की दुनिया, ये... Read more »