नो वन किल्ड सुशांत सिंह राजपूत

सुशांत सिंह राजपूत केस में सीबीआई की क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल

एक्टर ने खुद ली थी अपनी जान, कोई और ज़िम्मेदार नहीं

रिया चक्रवर्ती को मीडिया ट्रॉयल से हुए नुकसान की भरपाई कैसे?

-खुशदीप सहगल 

नई दिल्ली, (23 मार्च 2025)|

याद कीजिए आज से करीब 5 साल पहले का दौर. होनहार एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की 14 जून 2020 को मौत को लेकर मीडिया के अधिकतर वर्ग में कैसा उन्माद छाया था? हर कोई  सुशांत के खुद जान देने को हत्या साबित करने पर तुला था. 34 साल के सुशांत का शव मुंबई के बांद्रा स्थित अपार्टमेंट में पंखे से फंदे पर लटका मिला था.

सुशांत की मौत को लेकर मीडिया के एक वर्ग के सबसे ज़्यादा निशाने पर थीं सुशांत की एक्स गर्ल फ्रेंड रिया चक्रवर्ती.

2020 में रिया चक्रवर्ती को घेरे मीडियाकर्मी (फाइल फोटो)

सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की

रिपोर्ट्स के मुताबिक अब केंद्रीय जांच ब्यूरो यानि सीबीआई ने इस मामले में मुंबई कोर्ट में क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल कर दी है. इस रिपोर्ट में सुशांत की मौत के लिए किसी को भी जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है. यानि सुशांत ने खुद ही अपनी जान दी थी. लगभग साढ़े चार साल बाद सीबीआई ने इस केस में अपना क्लोज़र दिया है. अब ये कोर्ट को फैसला लेना है कि सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट को मंज़ूर कर लिया जाए या एजेंसी को आगे जांच करने का आदेश दे.

सूत्रों के मुताबिक सीबीआई को ऐसा कोई सबूत नहीं मिला जिससे कि साबित होता हो किसी ने सुशांत को खुद ही अपनी जान देने के लिए उकसाया.

सीबीआई के इस कदम के साथ ही रिया चक्रवर्ती के साथ-साथ उनके परिवार को भी क्लीन चिट मिल गई है.

दरअसल, सुशांत सिंह राजपूत के निधन के चंद दिनों बाद ही उनके पिता ने रिया चक्रवर्ती पर आरोप लगाए थे. दूसरी ओर रिया ने भी सुशांत सिंह राजपूत के परिवार पर आरोप लगाए. सीबीआई ने ये दोनों केस ही अपने हाथ में लिए थे. अब सीबीआई ने दोनों ही केस में अपनी ओर से क्लोजर दे दिया है. सुशांत सिंह राजपूत की मौत के दो महीने बाद ही सीबीआई ने इस केस में बिहार पुलिस से टेकओवर करके जांच शुरू की थी.

सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने 2020 में पटना में शिकायत दर्ज कराई थी कि सुशांत को जान देने के लिए उकसाया गया था. सुशांत के पिता ने आरोप लगाया था कि रिया और उसके परिवार ने सुशांत के पैसे का हेरफेर किया था.

सुशांत सिंह राजपूत के पिता के के सिंह (फाइल फोटो)

हालांकि इस तरह के दावों को रिया ने मीडिया को दिए इंटरव्यू में झूठा और बेबुनियाद बताया था. रिया और उसके भाई शौविक चक्रवर्ती को नारकॉटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानि एनसीबी ने सुशांत से जुड़े एक ड्रग केस में गिरफ्तार भी किया था लेकिन बाद में दोनों को ज़मानत मिल गई थी.

सुशांत सिंह राजपूत से जुड़े ड्रग केस में एक्ट्रेस रिया चक्रवर्ती और उनके भाई शौविक चक्रवर्ती की गिरफ्तारी हुई थी (फाइल फोटो)

सीबीआई की ओर से जांच हाथ में लेने के बाद हर किसी को लगने लगा था कि एजेंसी दूध का दूध और पानी का पानी कर देगी. सीबीआई की क्लोजर रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि सीबीआई को ऐसे कोई सबूत नहीं मिले जिससे ये साफ हो सके कि सुशांत सिंह राजपूत को किसी ने भी जान देने के लिए फोर्स किया था.

एम्स फॉरेन्सिक टीम ने बताया था खुदकुशी 

बता दें कि सुशांत की मौत का सही कारण का पता लगाने के लिए सीबीआई ने एम्स दिल्ली के फॉरेन्सिक एक्सपर्ट्स की भी मदद ली थी. एम्स की फॉरेन्सिक टीम ने सुशांत की मौत में कोई साज़िश होने की संभावना से इंकार किया था.

इस टीम ने सीबीआई को दिए अपने मेडिको लीगल ओपनियन में सुशांत को ज़हर देने या गला घोटे जाने जैसे आरोपों को खारिज किया था. सीबीआई ने रिया समेत सुशांत के करीबी लोगों से पूछताछ भी की थी. इसके अलावा सुशांत के मेडिकल रिकॉर्ड्स भी चेक किए थे. यहां तक कि सुशांत की सोशल मीडिया चैट्स भी एमएलएटी के जरिए अमेरिका भेजी गई थीं. रिपोर्ट्स में साफ हुआ था कि इन चैट्स में से कुछ भी डिलीट या एडिट नहीं हुआ था. सूत्रों के मुताबिक एजेंसी ने रिया चक्रवर्ती के बयान भी दर्ज किए थे.

वरिष्ठ वकील सतीश एल मानशिंदे ने मीडिया को सुनाई खरी खरी 

सीबीई की क्लोजर रिपोर्ट पर बॉम्बे हाईकोर्ट के सीनियर वकील सतीश मानशिंदे ने बयान जारी किया है.

रिया चक्रवर्ती के लिए क़ानूनी लड़ाई लड़ने वाले वरिष्ठ वकील सतीश एल मानशिंदे (फाइल फोटो)

इस बयान में मानशिंदे ने लिखा है- “सीबीआई ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत को लेकर करीब साढ़े चार साल बाद क्लोज़र रिपोर्ट दाखिल की है. हम सीबीआई के कृतज्ञ है कि उसने केस के हर पहलू की सभी एंगल्स से व्यापक जांच की और केस बंद किया. सोशल और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर जितने पैमाने पर झूठा नेरेटिव फैलाया गया वो पूरी तरह अवांछित था. तब महामारी का दौर था, देश में कुछ और हो नहीं रहा था, और हर कोई टीवी और सोशल मीडिया से चिपका हुआ था. निर्दोष लोगों का पीछा किया जा रहा था, उनकी मीडिया और जांच अधिकारियों के सामने परेड कराई जा रही थी. मैं उम्मीद करता हूं ऐसा किसी और मामले में नहीं होना चाहिए. मैं मीडिया के कैप्टन्स से विनती करता हूं कि वो अपने अंदर झांके उन्होंने क्या किया था. रिया चक्रवर्ती को अनकही पीड़ा का सामना करना पड़ा और बिना कोई कसूर 27 दिन सलाखों के पीछे गुज़ारने पड़े. तब तक जब तक जस्टिस सारंग वी कोतवाल ने उन्हें ज़मानत पर रिहा नहीं किया. मैं रिया और उनके परिवार को चुप रहने के लिए सैल्यूट करता हूं जबकि उनके साथ अमानवीय बर्ताव हुआ. वो अपने एक दोस्त और एक डिफेंस कर्मी के माध्यम से मेरे संपर्क में आए जो मेरे भी मित्र थे, जिनके साथ मैं सैनिक स्कूल में पढ़ा था. रिया के परिवार, मेरी टीम का भी पीछा किया गया. हमारी जान का खतरा दिखा कर धमकाया गया. मैं कहना चाहूंगा कि हमें हमारे कानूनी दायित्व को पूरा करने से कुछ भी नहीं रोक सका. आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि निस्वार्थ भाव से एक फौजी परिवार को डिफेंड कर सका.. इससे मेरी फीस को लेकर अटकलों के जो घोड़े दौड़ाए गए, उन पर भी विराम लगना चाहिए. मैं मीडिया के एक बड़े वर्ग का शुक्रिया भी करता हूं जिन्होंने मुझे सपोर्ट किया, साथ ही रिया के मुद्दे और उनकी न्याय के लिए लड़ाई को. देश अभी भी बहुत सुरक्षित है, और हर नागरिक जो न्याय के लिए आवाज़ उठा रहा है उसे हमारी जीवंत न्यायपालिका की वजह से उम्मीद है.”

रिया चक्रवर्ती के नुकसान की भरपाई कौन करेगा?

बहरहाल सीबीआई की क्लोज़र रिपोर्ट से सोशल मीडिया पर वक्त वक्त पर सुशांत के लिए इंसाफ़ की उठने वाली मांग पर क्या अब विराम लग सकेगा? साथ ही एक बड़ा सवाल और, रिया चक्रवर्ती और उनके परिवार को मीडिया ट्रायल की वजह से इतना जो कुछ सहना पड़ा था उसकी भरपाई कौन करेगा. शायद कोई नहीं.

इस स्टोरी का वीडियो यहां देखिए-

 

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