के भईया आल इज़ वैल…खुशदीप

हम सबसे बड़े इडियट्स हैं…हमने ये साबित कर दिया है…बेशक हम अपने को फन्नेखां माने लेकिन कोई भी हमारा पोपट बना सकता है…और हम खुशी खुशी बनते हैं…बनते ही नहीं है जेब... Read more »

गब्बर ने किया ब्लॉगर सम्मान समारोह…खुशदीप

एक बार गब्बर सिंह ने सोचा कि ब्लॉगर बिरादरी बड़ी प्रसिद्ध हो रही है…इससे तो गब्बर को कल कोई पूछने वाला ही नहीं रहेगा…गब्बर को किसी ने कूटनीति से काम लेने की... Read more »

अलबेला जी बहुत बहुत शुक्रिया…खुशदीप

कल मैं बरेली से लौटा…कुछ छूटे हुए पोस्ट पढ़ने शुरू किए…पता चला कि अलबेला खत्री जी ने तीन श्रेणियों में मतों के ज़रिए सम्मान की घोषणा की है…इसी बीच अविनाश वाचस्पति जी... Read more »

ब्लॉगिंग से दूर रहकर हमने जाना ब्लॉगिंग क्या है…खुशदीप

ओ, तुमसे दूर रह कर हमने जाना, प्यार क्या है दिल ने माना, यार क्या है… तुमको पाके न पहलू में लगता था यूं जीते हैं किस लिए और ज़िंदा हैं क्यों... Read more »

नये साल पर दो करोड़ के ठुमके का चोंचला…खुशदीप

लो जनाब आ गया 2010 भी…आधी रात को माहौल देखना था…ऐसे जैसे घड़ी की सुइयां बारह पर पहुंचेंगी तो न जाने क्या कुछ अनोखा हो जाएगा…देवदूत आसमां से नीचे उतर आएंगे…देवदूत तो... Read more »

बहू की ताकत…खुशदीप

बहुओं की ताकत अपरम्पार है…सियासी ख़ानदान भी इससे अलग नहीं है…पति के लिए वोट जुटाने को दिन-रात एक करती पत्नियों को आपने देखा होगा…खुद सियासत में न भी हो लेकिन हमेशा उसी... Read more »

अच्छी पत्नियां कहां मिलती हैं…खुशदीप

बताऊंगा, बताऊंगा…इतनी जल्दी भी क्या है…जिसे जल्दी है वो पोस्ट के आखिर में स्लॉग ओवर में अच्छी पत्नियों को ढूंढ सकता है…अब ढूंढते ही रह जाओ तो भइया मेरा कोई कसूर नहीं... Read more »

तारीख पर तारीख, तारीख पर तारीख….खुशदीप

नब्बे के दशक में एक फिल्म आई थी- दामिनी…फिल्म में सनी देओल वकील की भूमिका में थे…सनी देओल का फिल्म में एक डॉयलॉग बड़ा हिट हुआ था…मी लॉर्ड, मुवक्किल को अदालत के... Read more »

आओ राजनीति सिखा दूं…खुशदीप

कौन कहता है राजनीति सीखना बड़ा मुश्किल है…बरसों पापड़ बेलने के बाद राजनीति में पहुंची चीज़ बनने के दिन गए…इंस्टेंट ज़माना है…तो इंस्टेंट ही रिज़ल्ट चाहिए…लीजिए जनाब आज एक ऐसा रामबाण नुस्खा... Read more »

मक्खनी का बदला…खुशदीप

स्लॉग ओवर में आज मक्खनी का मक्खन से बदला…लेकिन पहले कुछ गंभीर बात…कौन कहता है इस देश का कुछ नहीं हो सकता…हो सकता है जनाब…जब कोने कोने से अन्याय के ख़िलाफ़ आवाज़... Read more »