इबादत नहीं है माला घुमा देना, इबादत है रोते को हंसा देना… स्लॉग ओवर दो दिन पहले नाइस वाली पोस्ट पर मैंने आपको मक्खन की अंग्रेज़ी से रू-ब-रू कराया था…लेकिन आज आपको... Read more »
एक जर्मन नागरिक ऐसे मंदिर में गया जहां निर्माण कार्य अभी चल रहा था…वहां उसने देखा कि एक मूर्तिकार बड़ी तन्मयता से भगवान की मूर्ति को अंतिम रूप देने में लगा है…वहीं... Read more »
आप कहेंगे कि ये तो सुना था कि यही है राइट च्वायस बेबी…लेकिन ये क्या…यही है NICE च्वायस बाबा…क्यों सिर्फ पेप्सी के लिए ही कह सकते हैं कि यही है राइट च्वायस... Read more »
शीर्षक पढ़ कर चौंकिए मत…ये भी मत कहिएगा मुझे हवा लग गई है या लटके-झटके आ गए हैं…मैं बस इतना कहना चाहता हूं कि ये वाली पोस्ट पहले पढ़ लीजिए…अगर फिर कोई... Read more »
समारोह में किसी का सम्मान हो गया है, क्या आदमी वाकई इनसान हो गया है… सिर पर पत्थर उठाता है बबुआ, क्या बचपन सच में जवान हो गया है… क्या आदमी वाकई... Read more »
क्या आप आंख से टपके इस कतरे की ज़ुबान समझते हैं… आप के प्यार ने मुझे हमेशा के लिए खरीद लिया है… Share on FacebookPost on X Read more »
काम से आकर बैठा हूं…लैपटॉप खोला…आदत के मुताबिक सबसे पहले अपनी पोस्ट पर टिप्पणियों पर नज़र डाली…एक टिप्पणी भाई ज़ाकिर अली ‘रजनीश’ की थी… खुशदीप जी, आपको सूचित करते हुए अत्यंत प्रसन्नता... Read more »
चलिए सरकार की दुकान… क्या खरीदना है…पेट के लिए रोटी, हाथ के लिए रोज़गार, सिर के लिए छत… सरकार की दुकान से जवाब मिलेगा….ये तो नहीं है…सपने हैं वो ले लो…सिनेमा है... Read more »
एक दिन मैंने आपको शेर सिंह (ललित शर्मा) जी के डैन में घुसकर वहां का आंखों देखा हाल सुनाया था…अपने इन शेर सिंह जी की तो मूछें ही इतनी गज़ब हैं कि... Read more »
आदमी सोचता क्या है…लेकिन होता वही है जो मंज़ूर-ए-खुदा होता है…मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ…कल दिल्ली में ब्लॉगर-ए-बहारा महफिल पर मैंने कल शाम साढ़े छह बजे तक ही रिपोर्ट लिख ली... Read more »