हम ब्लॉगिंग क्यों कर रहे हैं…खुशदीप

कल मैंने पोस्ट लिखी थी आंखों का भ्रम…उसमें लिखा था कोई भी बात हो जब तक सारे तथ्यों का पता न हो, नतीजा निकालने की जल्दी नहीं करनी चाहिए…फिर न जाने क्यों... Read more »

आंखों देखा भ्रम…खुशदीप

एक बुज़ुर्ग ट्रेन पर अपने 25 साल के बेटे के साथ यात्रा कर रहे थे… ट्रेन स्टेशन को छोड़ने के लिए तैयार थी… सभी यात्री सीटों पर अपना सामान व्यवस्थित करने में लगे... Read more »

पुनर्जन्म सिर्फ़ भारतीयों का होता है, क्यों…खुशदीप

भगवान के दरबार में एक देवदूत आकर शिकायत करता है…स्वर्ग में कुछ भारतीय हैं और समस्याएं खड़ी कर रहे हैं..स्वर्ग के गेट को झूला बना कर झूल रहे हैं…सफेद लिबास की जगह... Read more »

खाने के लिए जीना, जीने के लिए खाना…खुशदीप

रोजाना जो खाना खाते हो वो पसंद नहीं आता ? उकता गये ? …………थोड़ा पिज्जा कैसा रहेगा ? नहीं ??? ओके….पास्ता ? नहीं ?? …इसके बारे में क्या सोचते हैं ? आज... Read more »

एक ‘बड़ी’ सी लव स्टोरी…खुशदीप

दो बुज़ुर्ग, एक विधुर और एक विधवा, एक दूसरे को बरसों से अच्छी तरह जानते थे…लेकिन दोनों शहर के अलग अलग ओल्ड एज होम में रहते थे… एक बार किसी एनजीओ ने... Read more »

अपनी पोस्ट पर खुद टिप्पणी करते रहना कितना जायज़…खुशदीप

रवींद्र प्रभात जी की पोस्ट से पता चला कि परिकल्पना ब्लॉग उत्सव 2010, 15 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है…रवींद्र जी के मुताबिक उत्सव के दौरान सारगर्भित टिप्पणी करने वाले टिप्पणीकार... Read more »

पंगा !!! और वो भी मक्खन से…खुशदीप

मक्खन की लॉटरी निकली…ईनाम था मुफ्त विदेश यात्रा…लेकिन देश सिर्फ दो ही थे…बांग्लादेश या अफ्रीका का कोई भुखमरी वाला देश… मक्खन ने सोचा…बांग्लादेश तो पास ही है…अफ्रीका दूर है वही चला जाए…... Read more »

सीक्रेट ऑफ हैप्पी मैरिड लाइफ़…खुशदीप

लो जी आज आपको तमाम उम्र शादी को सुखी बनाए रखकर खुश रहने का राज़ बताता हूं…क्या करूं घर वालों ने न जाने क्या सोच कर नाम खुशदीप रख दिया था…अब नाम... Read more »

महफूज़ के ब्लास्ट को अमेरिकी सैल्यूट…खुशदीप

सबसे पहली बात…जो मैं कहने जा रहा हूं उसे अप्रैल फूल की पोस्ट समझ कर कतई न लें…ये बिल्कुल सेंट परसेंट पुख्ता ब्लॉगर्स के दिलों को बाग बाग कर देने वाली ख़बर... Read more »

लालू जी का एपाइंटमेंट लेटर और डूबते मक्खन के हाथ मछली…खुशदीप

ममता दी ने जब से लालू जी का रेलवे मंत्रालय छीना है, बेचारे बेरोज़गार हो गए…लेकिन उनका हावर्ड में मैनेजमेंट सिखाने का पोर्टफोलियो किस काम आता.. .लालू जी को नौकरी मिल ही... Read more »