तू कहां गई थी, तेरा मर जाए सावरिया… आज सुबह ये गाना रह रह कर याद आ रहा था…जब भी अपनी पोस्ट पर आता, टिप्पणियों वाले बॉक्स को देखकर यही गाना याद... Read more »
प्रार्थना आपकी ज़िंदगी की गाड़ी की स्टेप्नी नहीं है कि संकट के वक्त ही बाहर निकाली जाए…ये आपकी गाड़ी का स्टेयरिंग-व्हील है जो हमेशा आपको सही रास्ता दिखाती है… क्या आप जानते... Read more »
पत्रकार का पेशा भी गजब हो गया है…अगर आप पत्रकार हैं और किसी भ्रष्टाचारी नेता को चोर लिखते हैं तो पहले सौ बार ऊंच-नीच सोच लीजिए…कहीं लेने के देने न पड़ जाएं…ऐसी... Read more »
आपको एक पोस्ट में बंदर और अपने बालसखा आलोक का किस्सा सुनाया था…आज एक और बालसखा की बारी है…उस दोस्त का असली नाम तो नहीं बता रहा, लेकिन वो नाम बता देता... Read more »
पहले मैं अपनी इस पोस्ट का शीर्षक…आज एक नॉटी पोस्ट…लगाने वाला था…फिर सोचा नॉटी का सही मतलब क्या होता है…चंचल, शैतान, बदमाश, पंगेबाज़…देखने में इन सब शब्दों में बदमाश सबसे असंसदीय लगता... Read more »
चिट्ठा जगत में 15 मई रात 12 बजे के सक्रियता क्रम में पहला नंबर उड़न तश्तरी (समीर लाल जी), दूसरा नंबर ताऊ डॉट इन (ताऊ रामपुरिया जी), तीसरा नंबर मानसिक हलचल (ज्ञानदत्त... Read more »
कल मैंने समीर लाल जी को लेकर ‘द साउंड ऑफ साइलेंस’ सुनाई थी… जिसे आप पसंद करते हैं उसके बारे में सार्वजनिक तौर पर अपने विचार प्रकट करना रस्से पर संतुलन बनाने... Read more »
खुशदीप सहगल यानि मैं…इनसान हूं…सुख में खुश और दुख में दुखी भी होता हूं…शांत रहने की कोशिश करता हूं लेकिन कभी-कभार गुस्सा भी आ जाता है…पंजाबी ख़ून का असर है या कुछ... Read more »
क्या कसूर सिर्फ बेटे-बहुओं का ही होता है…माता-पिता या बुज़ुर्ग क्या कभी गलत नहीं होते…युवा पीढ़ी के इस सवाल में भी दम है…हम सिर्फ एक नज़रिए से ही देखेंगे तो न्याय नहीं... Read more »
संयुक्त परिवार को लेकर कल मेरी पोस्ट पर शिखा वार्ष्णेय जी ने बड़ा जायज़ सवाल उठाया था…बुज़ुर्ग हमेशा सही हों, ऐसा भी नहीं होता…न्यूक्लियर फैमिली का प्रचलन बढ़ रहा है तो इसके... Read more »