मक्खन का इंटरव्यू…खुशदीप

एक युवक मल्टीनेशन कंपनी का इंटरव्यू देने गया…बोर्ड में उससे पूछा गया…भारत को आजादी कब मिली… युवक…प्रयास तो बहुत पहले शुरू हो गए थे लेकिन सफलता 1947 में मिली… बोर्ड…आज़ादी दिलाने में... Read more »

एक अंधेरा, लाख सितारे…खुशदीप

ये समस्याएँ नहीं हैं जो आपको परेशान करती हैं… बल्कि ये समस्याओं से आपका निपटने का तरीका है जो आपको परेशान करता है… समस्याओं को अपने ऊपर हावी मत होने दीजिए…उनसे सकारात्मक... Read more »

छोटा बच्चा समझ के मुझको न समझाना रे….खुशदीप

कल अपनी पोस्ट में अमेरिका जाकर लौटने वाले भारतीयों के हाव-भाव में बदलाव के बारे में बताया था…आज किसी भारतीय की नहीं बल्कि खालिस अमेरिका की बात करता हूं…खालिस अमेरिका के खालिस... Read more »

अमेरिका से लौट भारतीय क्या क्या करता है…खुशदीप

बाइस खास बातें जो कोई भारतीय अमेरिका से लौटने के बाद करता है…यहां मैं उलटे क्रम से लिखूंगा…यानि बाइसवीं सबसे पहले और पहली सबसे बाद में… 22. NO (नहीं) के लिए NOPE... Read more »

स्वर्ग पसंद हैं या नर्क…खुशदीप

आज एक दोस्त ने बेहद मज़ेदार ई-मेल भेजा है…अनुवाद करके आपके साथ शेयर कर रहा हूं…उम्मीद करता हूं आपको भी उतना ही आनंद आएगा जितना इसे पढ़ कर मुझे आया… एक मल्टीनेशनल... Read more »

आप हवा में तुक्के तो नहीं लगाते, इसे पढ़िए…खुशदीप

प्राइमरी स्कूल के सत्र का समापन था…एक साल तक किंडरगार्टन (केजी) के जिन बच्चों को टीचर ने मेहनत से पढ़ाया, वो विदाई से पहले तोहफ़े ले कर मिलने के लिए आ रहे... Read more »

पैसा क्या वाकई खुदा है…खुशदीप

पैसा खुदा तो नहीं, पर खुदा की कसम खुदा से कम भी नहीं… ये अनमोल वचन जिस महापुरुष के मुखारबिंदु से निकले थे उनका नाम है दिलीप सिंह जूदेव…एनडीए सरकार में पर्यावरण... Read more »

कीप इट अप हमारी वाणी, कुछ सुझाव…खुशदीप

आज हमारी वाणी पर क्लिक किया तो सुखद आश्चर्य हुआ…पेज खुल भी तेज़ी से रहा था और फीचर भी सादे किंतु उपयोगी लग रहे थे…कई ब्लॉगर भाइयों के सुझाव के अनुरूप हमारी... Read more »

ये सिर्फ भारत में ही मिलेगा…खुशदीप

जहां पांव में पायल और माथे पे बिंदिया…इट्स हैप्पन्ड ओनली इन इंडिया…वाकई कुछ चीज़ें सिर्फ भारत में ही हो सकती हैं…जो यहां हो सकता है, वो और कहीं नहीं हो सकता…विश्वास नहीं... Read more »

भगवान खुद ऐसा करके देखे…खुशदीप

वो यारों की महफ़िल, वो मुस्कुराते पल, दिल से जुदा है, अपना बीता हुआ कल, कभी ज़िंदगी गुज़रती थी, हंसने-हंसाने में, आज वक्त गुज़रता है, ‘कागज़ के टुकड़े’ कमाने में… स्लॉग ओवर... Read more »