समीर जी की कूउउउउउउ, इरफ़ान के कार्टून, बोलो सारा..रा…खुशदीप

होली को तीन दिन बचे है…अब तक ब्लॉग जगत पर भी होली का खुमार तारी होने लगा होगा…मैंने तो रंगों की फ्लर्टी फुहार कल ही अपनी पोस्ट पर शुरू कर दी थी…आज उसी मस्ती को आगे बढ़ाता हूं…कल की मेरी पोस्ट पर कई ब्लॉगरों ने मौन ही श्रेष्ठ का मंत्र पढ़ कर एक के पीछे एक खड़े रहना ही श्रेयस्कर समझा…मैंने ही इस पर सवाल दागा था कि एक के पीछे एक करके ट्रेन तो बन गई लेकिन सबसे आगे कूउउउउउउउउउउउउउ…कौन करेगा…बी एस पाबला जी की तरफ से जवाब आया कि पहले ट्रेन की शंटिंग-शूंटिंग होने दो फिर देखेंगे…लेकिन रात तक गुरुदेव समीर लाल समीर जी ने इस समस्या का भी निवारण कर दिया…ये कह कर कि लो हम आ गए कूउउउउउउउउउउउ…करने…

चलो भई मस्ती की ट्रेन चल पड़ी तो कार्टूनों की पिचकारी लेकर अपने इरफ़ान भाई भी आ गए…शुक्रवार मैगजीन में होली पर बनाए गए इरफ़ान भाई के खास कार्टूनों की झलक सबसे पहले ब्लॉग समुदाय के लिए यहां पेश है…

 अब आ गए न सारे होली के रंग में…मैं फिर रिवर्स गेयर मार कर पहुंचता हूं पिछले रविवार को डॉ टी एस दराल के साथ सुरेंद्र शर्मा की महफ़िल में…सुरेंद्र शर्मा के मुताबिक सारे पति उनके कार्यक्रम में पत्नियों को लाना नहीं भूलते…ऐसा क्यों भला…पतियों को खुद तो पत्नियों को कुछ कहने की हिम्मत होती नहीं इसलिए वो सुरेंद्र शर्मा की फुलझड़ियों के ज़रिए पत्नियों को जी भर कर सुनाते हैं…लेकिन सुरेंद्र शर्मा ने अपनी स्थिति साफ़ करते हुए कहा कि वो अपनी पत्नी को साथ लेकर नहीं चलते…क्यों भला…क्योंकि डॉक्टर ने टेंशन से दूर रहने को कहा है…

सुरेंद्र शर्मा ने एक और टिप भी दी…जब भी काम से घर लौटो तो हमेशा थोबड़ा लटका कर घुसो…आपके चेहरे पर ज़रा सी हंसी पत्नी को बर्दाश्त नहीं होगी…फौरन सवाल होगा…किससे मिल कर आ रहे हो जो इतना चहक रहे हो…वरना घर में  तो हमेशा मुंह सूजा किए पड़े रहते हो…

डॉ दिव्या की पोस्ट के जवाब में मैंने कल पुरुषों के कोमल-मना की बात अपनी पोस्ट पर कही थी…आज उसी के विस्तार में अगली कड़ी…

एक पति महोदय रात को गहरी नींद में सो रहे थे…अचानक बड़बड़ाना शुरू कर दिया…रूबी…रूबी…ओ माई स्वीटहार्ट..रूबी कम़आन…रूबी…बकअप…पत्नी ने सुन लिया…फौरन झिंझोड़ कर उठाया कि ये क्या बड़बड़ा रहे थे…रूबी…रूबी…पति ने मौके की नज़ाकत को ताड़ लिया…बात को संभालते हुए कहा कि सपने में दोस्त मुझे रेसकोर्स ले गए थे…वहां रूबी नाम की घोड़ी पर दांव लगाया हुआ था…उसे रेस जिताने के लिए ही उसका नाम लेकर चियर अप कर रहा था...पत्नी ने ये सुनकर जो जवाब दिया उसे सुनकर पति को काटो तो खून नहीं…

पत्नी ने कहा…

….

….

हां तुम्हारी उसी रूबी घोड़ी का दिन में तीन बार फोन भी आया था…

पोस्ट पढ़ ली अब कूउउउउउउउउ…करके बोलो सारा…रा…

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)