पत्रकार का पेशा भी गजब हो गया है…अगर आप पत्रकार हैं और किसी भ्रष्टाचारी नेता को चोर लिखते हैं तो पहले सौ बार ऊंच-नीच सोच लीजिए…कहीं लेने के देने न पड़ जाएं…ऐसी ही हिमाकत एक पत्रकार को बहुत भारी पड़ी…
अख़बार में अभी ख़बर छपे हुए एक दिन भी पूरा नहीं बीता था कि पत्रकार को वकील का नोटिस मिल गया…पत्रकार को काटो तो ख़ून नहीं…पता नहीं नेता अब क्या हाल करे…नौकरी भी रहेगी या नहीं…कोर्ट कचहरी के चक्कर…नेता तो बड़े से बड़ा वकील कर लेगा…लेकिन पत्रकार बेचारा कहां से करेगा बड़ा वकील…पत्रकार को अब जेल की चक्की साफ़ नज़र आने लगी…पत्रकार ने कांपते हाथों से नोटिस का लिफ़ाफ़ा खोला…उसकी आशंका सही निकली…वकील ने अवमानना का ही नोटिस भेजा था…पत्रकार ने राम का नाम लेकर नोटिस पढ़ना शुरू किया…नोटिस पढ़ने के बाद पत्रकार को 440 वोल्ट का झटका लगा…
क्यों…
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अवमानना का नोटिस नेता ने नहीं चोर ने भेजा था…
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