ब्लॉगिंग को देखा तो ये ख्याल आया…खुशदीप

ब्लॉगिंग को देखा तो ये ख्याल आया,

जिंदगी धूप, ब्लॉगिंग घना साया,
ब्लॉगिंग को देखा….

न कुछ लिखें, आज फिर दिल ने ये तमन्ना की है,
आज फिर दिल को हमने समझाया,
जिंदगी धूप, ब्लॉगिंग घना साया…




ब्लॉगवाणी चली गई तो सोचा,
हमने क्या खोया, हमने क्या पाया,
जिंदगी धूप, ब्लॉगिंग घना साया…




हम जिससे दामन चुरा नहीं सकते,
वक्त ने हमको नेट से क्यों मिलाया,
जिंदगी धूप, ब्लॉगिंग घना साया…


 
ब्लॉगिंग को देखा तो ये ख्याल आया….
 
 
चलते चलते जगजीत सिंह साहब और चित्रा जी का ओरिजनल गीत भी सुन लीजिए…

तुमको देखा तो ये ख्याल आया…

error

Enjoy this blog? Please spread the word :)