75वें वर्ष में आपके लिए आज़ादी के मायने क्या…खुशदीप

 

15 अगस्त को हम आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने जा रहे हैं? ऐसे में आप सबसे, ख़ास तौर पर युवाओं से मेरे तीन सवाल हैं?

1. आपके लिए आज़ादी के मायने क्या हैं?
2. आपको देश में एक चीज़ बदलने का मौका दिया जाए तो क्या बदलना चाहेंगे?
3. 1947 से अब तक आपकी नज़र में विकास का कौन सा सबसे बड़ा काम हुआ है?
तीनों सवालों के जवाब क्रमवार दीजिए…
ये सवाल #Khush_Helpline से जुड़ रहे युवाओं को चेक करने का एक तरीका है…देखना चाहता हूं वो खुद कितने प्रबुद्ध हैं? वो मीडिया में आने की चाहत रखते हैं? उनकी शिकायत है सिस्टम पर सिफ़ारिश और जुगाड़ हावी है, योग्यता को नहीं पूछा जाता है…अब मैं इनसे ही काउंटर सवाल करता हूं वो सिचुएशनल चैलेंजेस से निपटने के लिए खुद कितने तैयार हैं…मैं अपने से जुड़ने वाले हर युवा को लगातार मॉनिटर करूंगा… ये देखने के लिए उसमें कुछ कर दिखाने की कितनी आग़ है?
जो भी अच्छे जवाब मिलेंगे, उन्हें लेते हुए स्वतंत्रता दिवस पर अपनी राय के साथ पोस्ट लिखूंगा.
(खुश हेल्पलाइन को मेरी उम्मीद से कहीं ज़्यादा अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है. आप भी मिशन से जुड़ना चाहते हैं और मुझसे अपने दिल की बात करना चाहते हैं तो यहां फॉर्म भर दीजिए)

 

Khushdeep Sehgal
Follow Me
0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments
Ravindra Singh Yadav
3 years ago

नमस्ते,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा गुरुवार (12-08-2021 ) को धरती पर पानी ही पानी (चर्चा अंक 4144) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है। रात्रि 12:01 AM के बाद प्रस्तुति ब्लॉग 'चर्चामंच' पर उपलब्ध होगी।

चर्चामंच पर आपकी रचना का लिंक विस्तारिक पाठक वर्ग तक पहुँचाने के उद्देश्य से सम्मिलित किया गया है ताकि साहित्य रसिक पाठकों को अनेक विकल्प मिल सकें तथा साहित्य-सृजन के विभिन्न आयामों से वे सूचित हो सकें।

यदि हमारे द्वारा किए गए इस प्रयास से आपको कोई आपत्ति है तो कृपया संबंधित प्रस्तुति के अंक में अपनी टिप्पणी के ज़रिये या हमारे ब्लॉग पर प्रदर्शित संपर्क फ़ॉर्म के माध्यम से हमें सूचित कीजिएगा ताकि आपकी रचना का लिंक प्रस्तुति से विलोपित किया जा सके।

हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।

#रवीन्द्र_सिंह_यादव

Hari Joshi
3 years ago

साधुवाद

Khushdeep Sehgal
3 years ago

वाह…

Unknown
3 years ago

कौन आजाद हुआ, किसके माथे से ग़ुलामी की स्याही छूटी
मेरे सीने में अभी दर्द है महकूमी का, मादर-ए-हिन्द के चेहरे पे उदासी है वही
अली सरदार जाफरी

0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x